महाराष्ट्र के चुनाव में एक तस्वीर की देशभर में बड़ी चर्चा हुई. तस्वीर थी मूसलाधार बारिश में भी मंच से भाषण देते हुए शरद पवार की. एनसीपी के प्रमुख, जिन्हें लोग पवार साहेब कहते हैं. 78 साल के शरद पवार. चार बार महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री रहे शरद पवार. पिछले 30 सालों से राज्य की राजनीति के केन्द्र बिंदु. कभी न हार मानने वाले पवार साहेब की वो तस्वीर सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई. 'बेताल' की तरह अकेले अपने कंधे पर एनसीपी कांग्रेस गठबंधन को लेकर चले. बीजेपी और शिवसेना को इस चुनाव में पिछली बार से कम सीटें मिलीं. लेकिन पवार की पार्टी को 13 सीटों का फ़ायदा हो गया.


अब बात एक कांग्रेस के एक बड़े नेता से. नाम बताना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शरद पवार का नाम ईडी जांच में आया तो वे खुद उसके ऑफिस जाने को तैयार हो गए. वहीं पी चिदंबरम जॉंच एजेंसी से बचने के लिए दिल्ली में छिपते रहे. यही फ़र्क़ है पवार और बाक़ी नेताओं में. उनकी बात में दम है. इस घटना के बाद से पवार के समर्थक एकजुट हुए. महाराष्ट्र में ये संदेश गया कि पवार साहेब असली मराठा हैं. उन्हें कोई डरा नहीं सकता. ये सच है कि भ्रष्टाचार के कई आरोप उन पर लगे. लेकिन इस उम्र में भी वे महाराष्ट्र के चुनावी अखाड़े में मज़बूती से डटे रहे.


चुनाव प्रचार के दौरान महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने शरद पवार को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि विपक्ष के पास ऐसा कोई पहलवान नहीं बचा जो बीजेपी शिवसेना गठबंधन से टक्कर ले सके. इस पर शरद पवार ने भी पलट कर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आप लोग ऐसे पहलवान हैं जो कुश्ती तक नहीं जानते हैं. फडणवीस का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि वे लोग मुझे पहलवानी सीखा रहे हैं जो राज्य कुश्ती संघ की अध्यक्ष है. चुनावी नतीजों ने पवार साहेब की बात सच कर दी. उनके दॉंव पेंच के आगे सब चित हो गए. उन्होंने फडणवीस को उनके ही गढ़ विदर्भ में ही घेर दिया. इसी इलाक़े में बीजेपी को सबसे अधिक नुक़सान हुआ.


सतारा का लोकसभा उप चुनाव शरद पवार के लिए नाक की लड़ाई बन गई थी. छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयनराज भोंसले बीजेपी से उम्मीदवार थे. पिछले ही महीने एनसीपी छोड़ कर वे बीजेपी में शामिल हुए थे. खुद अमित शाह भी इस मौक़े पर मौजूद रहे. भोंसले लगातार तीसरी बार सतारा से चुने गए थे. वो भी मोदी लहर में. एनसीपी का सांसद होते हुए भी उन्होंने पवार को भला बुरा कहा था. पवार ने ये बात गॉंठ बांध ली थी. आख़िरकार इस चुनाव में उन्होंने अपना हिसाब बराबर कर ही लिया. उदयनराज भोंसले एनसीपी से चुनाव हार गए. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यूं ही उनकी तारीफ़ नहीं की. वे इस मराठा नेता की ताकत को जानते हैं. शिवसेना ने तो अपने अख़बार सामना में उनकी जम कर तारीफ़ भी की है.