हर साल की तरह इस साल भी आईपीएल में प्लेऑफ की पहली दो टीमों की तस्वीर करीब दस दिन पहले ही साफ हो गई थी. सनराइजर्स हैदराबाद ने 10 में से 8 और चेन्नई सुपरकिंग्स ने 10 में से 7 मैच जीतकर पहली दो पायदान पर कब्जा जमा लिया है.

साथ ही ये भी तय कर लिया है कि प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली दो टीमें भी यही होंगी. 10 में से 6 मैच जीतकर पंजाब की टीम भी अच्छी स्थिति में है. वो फिलहाल प्वाइंट टेबल में तीसरी पायदान पर है.

पंजाब की टीम के कप्तान आर अश्विन ने पिछले मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ बेवजह प्रयोग किए वरना उस मैच को जीतकर वो भी अपनी स्थिति बहुत मजबूत कर चुकी होगी. हालांकि उस हार के बाद भी पंजाब की टीम प्लेऑफ की पहली तीन टीमों में रहने के लिए मजबूत स्थिति में है.

असली लड़ाई चौथी पायदान को लेकर है. फिलहाल इसकी दावेदार मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स की टीमें हैं. ये तीनों ही टीमें अगर सीजन के बचे अपने बाकी सभी मैच जीत लेती हैं तो इन सभी के खाते में 8-8 जीत दर्ज होंगी. जिसके बाद नेट रन रेट और तमाम दूसरे समीकरण काम करेंगे. हैरानी इस बात पर है कि कोलकाता की टीम जो लगातार चौथे पायदान पर थी उसने मुंबई के खिलाफ मैच में ऐसे फैसले क्यों किए जो उसके ऊपर बहुत ज्यादा भारी पड़ सकते हैं.

आखिरी ओवर में स्पिनर से गेंदबाजी क्यों
कुछ घंटे पहले आईपीएल में सबसे ज्वलंत सवाल ये था कि आर अश्विन राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए क्यों चले आए? वो भी तब जबकि उनकी टीम को जीत के लिए डेढ़ सौ रनों के भीतर का लक्ष्य हासिल करना था. आज बहस इस बात पर हो रही है कि कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक ने पारी का आखिरी ओवर पीयूष चावला से क्यों कराया.

पीयूष चावला ने बुद्धवार को मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच के आखिरी ओवर में 22 रन लुटा दिए. उनके आखिरी ओवर में मुंबई के बल्लेबाजों ने तीन छक्के और एक चौका लगाया. पहले बेन कटिंग ने 2 छक्के और 1 चौका मारा और फिर क्रुनाल पांड्या ने छक्का लगाया. इन 22 रनों की बदौलत ही मुंबई का स्कोर 200 के पार पहुंच गया. रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या के आउट होने के बाद इस स्कोर को 200 रनों के भीतर समेटा जाना चाहिए था. बावजूद इसके दिनेश कार्तिक ने पीयूष चावला को गेंदबाजी दी.

इसके पीछे शायद एक वजह ये हो सकती है कि बेन कटिंग्स ने इस सीजन में तेज गेंदबाजों के मुकाबले स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ कम रन बनाए हैं. बावजूद इसके आंकड़ों की बजाए मैच के हालात इस बात की अनुमति नहीं देते थे कि पीयूष चावला को आखिरी ओवर दिया जाए. दिनेश कार्तिक के पास आंद्रे रसेल और टॉम करन को आखिरी ओवर देने का विकल्प मौजूद था.

दिनेश कार्तिक की इसी गलती का नतीजा था कि कोलकाता की टीम जब 211 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो उसके ऊपर पहली ही गेंद से आक्रमण करने का दबाव था. ऐसी स्थिति में बल्लेबाजी के लड़खड़ाने का ‘रिस्क’ हमेशा रहता है. हुआ भी यही, कोलकाता की पूरी टीम 18.1 ओवर में 108 रन बनाकर सिमट गई. मुंबई को इस सीजन की अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल हुई. मुंबई ने कोलकाता को 102 रनों से हराकर अपना रनरेट भी काफी मजबूत कर लिया है. इसीलिए वो प्वाइंट टेबल में चौथे पायदान पर आ गई है.

कैसा रहने वाला है आगे का समीकरण    
कोलकाता को अभी किंग्स इलेवन पंजाब, राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ सीजन के बाकि बचे तीन मैच खेलने हैं. तीनों ही मुश्किल टीमें हैं. मुंबई को राजस्थान रॉयल्स, पंजाब किंग्स इलेवन और दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ बचे तीन मैच खेलने हैं.

राजस्थान रॉयल्स को चेन्नई सुपरकिंग्स, मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइटराइर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ बाकि बचे चार मैच खेलने हैं. यहां से एक नया हफ्ता शुरू हो रहा है. सभी टीमों के पास पायदान की चौथी टीम बनने का मौका है. बशर्ते कम से कम गलतियां की जाएं और बेवजह के प्रयोग से बचा जाए.