आमतौर पर दुनिया भर की क्रिकेट टीमें एक दूसरे से इतना तो खेलती ही हैं कि उनकी रणनीतियों का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होता. उस पर से दुनिया भर की पिचों का मिजाज भी अब टीमों के रणनीतिकारों को मालूम ही रहता है. विरोधी टीम के कॉम्बिनेशन को लेकर भी ज्यादा माथापच्ची करने की जरूरत नहीं पड़ती है. ऐसे में वास्तविकता यही है कि मैदान में उतरने वाली दोनों टीमें 90 फीसदी से ज्यादा इस बात का आंकलन कर चुकी होती हैं कि विरोधी टीम उनके खिलाफ किस रणनीति से मैदान में उतरेगी.
टीमों के साथ सपोर्ट स्टाफ में रहने वाले वीडियो ‘एनालिस्ट’ भी इस काम में अपने कप्तानों की मदद करते हैं. ये सबकुछ इतना ज्यादा तय ‘पैरामीटर्स’ पर चल रहा है कि क्रिकेट फैंस के लिए भी बहुत सारी बातें अब छुपी नहीं हैं. हां, लेकिन इस बार का एशिया कप थोड़ा चौंका रहा है. अलग अलग टीमों के कप्तानों ने एक दूसरे के खिलाफ क्या रणनीति बनाई है ये तो नहीं मालूम लेकिन आम क्रिकेटप्रेमी थोड़ा ‘कन्फ्यूज’ है कि आखिर टीमें किस तरह का प्लेइंग 11 मैच में उतारने का मन बना रही हैं.
हर टीम ने अपने खिलाड़ियों को चुनते वक्त एक अलग किस्म की सोच दिखाई है. खास तौर पर स्पिनर्स को लेकर ये सोच बहुत ही ज्यादा भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है. आप भी समझिए कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं?
स्पिनर्स को लेकर भ्रम की स्थिति क्यों
जब से लाहौर में श्रीलंका की टीम पर हमला हुआ पाकिस्तान की टीम का होमग्राउंड एक तरह से दुबई है. अंतर्राष्ट्रीय टीमें पाकिस्तान जाने से कतराती हैं तो पाकिस्तान दुबई में उन टीमों के खिलाफ खेला करता है. लिहाजा किसी दूसरी टीम के मुकाबले दुबई के मैदानों की पिचों को पाकिस्तानी सबसे बेहतर समझते हैं. बावजूद इसके पाकिस्तान की टीम ने एशिया कप के लिए अपनी टीम में सिर्फ एक स्पिनर को शामिल किया है. अलबत्ता वो चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरने को तैयार है.
पाकिस्तान से ठीक उलट भारतीय टीम में तीन स्पिनर शामिल हैं. यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और अक्षर पटेल तीनों टीम इंडिया में हैं.
तीसरी प्रमुख टीम श्रीलंका है. श्रीलंका की टीम अपने मिस्ट्री स्पिनर अकीला धनंजय के साथ इस टूर्नामेंट में गई है. हालांकि बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उन्होंने अकीला धनंजय को प्लेइंग 11 में शामिल नहीं किया. बांग्लादेश की टीम में शाकिब अल हसन बतौर स्पिनर शामिल हैं. इसके अलावा मोसादिक हुसैन भी खेल रहे हैं.
एशियाई स्पिनर्स की बात चल रही है तो मौजूदा सबसे खतरनाक स्पिनर की भी चर्चा होनी चाहिए. अफगानिस्तान की टीम में राशिद खान शामिल हैं. राशिद के अलावा मुजीब उर रहमान भी हैं. इसके अलावा आपको ये जानकर ताज्जुब होगा कि अफगानिस्तान की टीम में आधा दर्जन स्पिनर और हैं. राशिद खान आईसीसी की वनडे गेंदबाजों की रैंकिंग्स में इस समय दूसरे नंबर के गेंदबाज हैं.
एशियाई पिचों पर स्पिनर्स रहेंगे कारगर
एशियाई पिचों पर इस मौसम में स्पिनर्स कारगर रहते हैं. दुबई में यूं भी गर्मी ज्यादा होती है. इसलिए वहां की पिचें स्पिन गेंदबाजों को और ज्यादा ‘सूट’ करती हैं. उन्हें पिच से मिलने वाला घुमाव ‘एक्सट्रा’ मदद करता है. भारतीय टीम पिछले काफी समय से दो स्पिनर के साथ मैदान में उतर रही है. चहल और यादव भले ही एक जैसी गेंदबाजी करते हैं लेकिन दोनों का ‘ऐक्शन’ अलग अलग है, रणनीति अलग अलग है. दोनों ही गेंदबाजों ने हाल के दिनों में भारत को फटाफट क्रिकेट में कामयाबी भी दिलाई है.
इस टूर्नामेंट में भारत का सबसे बड़ा मैच पाकिस्तान के खिलाफ है. पाकिस्तान के खिलाफ मैच में इसलिए भी स्पिनर्स के रोल को देखने में मजा आएगा क्योंकि जैसा हमने शुरू में बताया था पाकिस्तान सिर्फ एक स्पिन गेंदबाज को लेकर टूर्नामेंट में उतरा है. कुल मिलाकर जैसे जैसे एशिया कप आगे बढ़ेगा वैसे वैसे स्थिति साफ होगी कि इस सीजन में स्पिन गेंदबाजों पर कप्तानों के ऐतबार का उन्हें फायदा हो रहा है या नहीं.
BLOG: स्पिनर्स को लेकर हर टीम की तैयारी है खुफिया
शिवेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकार
Updated at:
16 Sep 2018 02:11 PM (IST)
आमतौर पर दुनिया भर की क्रिकेट टीमें एक दूसरे से इतना तो खेलती ही हैं कि उनकी रणनीतियों का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होता.
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