क्रिकेट के खेल में भले ही मैदान में दोनों टीमों के 11-11 खिलाड़ी उतरते हैं लेकिन कई बार लड़ाई कुछ खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर ही टिककर रह जाती है. एशिया कप के फाइनल की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है. टूर्नामेंट की शुरूआत में उम्मीद थी कि फाइनल भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में से किसी दो टीम में होगा. लेकिन श्रीलंका की टीम शुरूआती मैचों के बाद ही बाहर हो गई और पाकिस्तान को भी बांग्लादेश ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. लिहाजा अब फाइनल की लड़ाई में टीम इंडिया के सामने एक ऐसी टीम है जिसने हमेशा हमे परेशान किया है.
बांग्लादेश के खिलाफ 2007 के विश्व कप से लेकर कुछ और भी मैच ऐसे हैं जो भारतीय टीम और उसके फैंस कभी याद नहीं रखना चाहते. मजबूरी ये है कि वो मैच क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हैं. लिहाजा सावधानी में ही सुरक्षा है. फाइनल मैच में भारतीय टीम को इसी सावधानी के मैदान में उतरना होगा. एशिया कप के प्रदर्शन को दिमाग में रखकर कहा जा सकता है कि फाइनल मैच में लड़ाई 1 बनाम 11 की है.
1 बनाम 11 की लड़ाई से मतलब है बांग्लादेश की तरफ से मुशफीकुर रहीम बनाम भारत की तरफ से शिखर धवन और रोहित शर्मा की सलामी जोड़ी. जिसने बेहतर प्रदर्शन किया उसकी टीम का पलड़ा भारी रहेगा. सबसे जरूरी है कि हॉंगकॉंग और अफगानिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया ने बेवजह जो प्रयोग किए थे और उससे जो दुर्गति हुई उसको भूलकर नए जोश के साथ मैदान में टीम उतरे.
मुशफीकुर रहीम बनाम शिखर-रोहित की सलामी जोड़ी
फाइनल में इस लडाई को देखने में क्रिकेट फैंस को मजा आएगा. एशिया कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में यही तीनों बल्लेबाज टॉप 3 में शामिल हैं. शिखर धवन ने 4 मैचों में 327 रन बनाए हैं. दूसरे नंबर पर मुशफीकुर रहीम हैं जिन्होंने 297 रन बनाए हैं. तीसरे नंबर पर टीम इंडिया की कप्तानी संभाल रहे रोहित शर्मा हैं. जो अब तक 269 रन बना चुके हैं. ये आंकड़े भी स्थिति को साफ करते हैं कि इन तीनों बल्लेबाजों में से जो ज्यादा देर क्रीज पर टिका वो विरोधी टीम के लिए चुनौती पेश करेगा.
मुशफीकुर रहीम से सावधान रहने की जरूरत इसलिए है क्योंकि वो ना सिर्फ शानदार फॉर्म में हैं बल्कि बांग्लादेश के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में शुमार हैं. इस टूर्नामेंट में बांग्लादेश ने जो बड़ी टीमों को हराकर उलटफेर किया उन दोनों ही मैचों में मुशफीकुर रहीम का बल्ला जमकर चला था. श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने शानदार 144 रन बनाए थे. जबकि पाकिस्तान के खिलाफ भी उन्होंने 99 रन बनाए और अकेले दम पर अपनी टीम को जीत दिलाई.
रोहित और शिखर भी टीम इंडिया के अनुभवी खिलाड़ियों में शुमार हैं. ऐसे में शिखर और रोहित शर्मा को इस बात को समझना होगा कि फाइनल में उनके बल्ले से निकले रनों की कीमत कितनी ज्यादा होगी. मुशफीकुर रहीम के अलावा भी बांग्लादेश की टीम में कुछ खिलाड़ी खतरनाक हैं. इन खिलाड़ियों का भारत के खिलाफ प्रदर्शन कुछ अलग ही निखार के साथ सामने आता है. इन्हीं में से एक हैं महमुदुल्लाह. भारत के खिलाफ इनकी औसत करीब 40 की है.
हर बार आखिरी ओवर में नहीं बनते 22 रन
आखिरी बार निदहास ट्रॉफी के फाइनल में भारत और बांग्लादेश का मुकाबला हुआ था. इसी साल 18 मार्च को कोलंबो में खेले गए उस बेहद दिलचस्प मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 4 विकेट से हराया था. बावजूद इसके भारतीय टीम को ये भी याद रखना होगा कि हर मैच में आखिरी ओवर में 22 रन नहीं बनते.
आपको याद ही होगा कि निदहास ट्रॉफी के फाइनल में भारत और बांग्लादेश की टीमों के बीच मुकाबला था. आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर दिनेश कार्तिक ने छक्का मारकर टीम को जीत दिलाई थी. बेहतर होगा कि एशिया कप के फाइनल में मैच को आखिरी ओवर तक ले जाने की बजाए उसे बड़े अंतर से जीतने की कोशिश की जाए.
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(Source: {)
BLOG: फाइनल में एक बनाम ग्यारह की है लड़ाई
शिवेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकार
Updated at:
28 Sep 2018 12:18 PM (IST)
क्रिकेट के खेल में भले ही मैदान में दोनों टीमों के 11-11 खिलाड़ी उतरते हैं लेकिन कई बार लड़ाई कुछ खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर ही टिककर रह जाती है.
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