'मुलायम शासनकाल में जब अतीक ने नोएडा चेयरमैन को पीटा, पूरी IAS लॉबी कुछ नहीं बिगाड़ पाई थी, योगी जी कर रहे ठीक इलाज'

उत्तर प्रदेश के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बाहुबली माफिया अतीक अहमद के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी असद को एक एकाउंटर में मार गिराया. असद के साथ शूटर गुलाम को भी इस एनकाउंडर में ढेर किया गया है. दोनों के सिर पर पांच लाख रुपये का इनाम था. असद काफी लंबे समय से पुलिस की पकड़ के डर से फरार चल रहा था. सबसे पहले तो उत्तर प्रदेश पुलिस को बधाई दूंगा जिन्होंने उन क्रूर हत्यारों को मार गिराया है जिन्होंने एक वकील उमेश पाल और उसके एक दोस्त और दो पुलिसकर्मियों की हत्या दिनदहाड़े कर दी थी. इस मामले में अभी तीन और आरोपित वांक्षित हैं और सभी को लाइव कैमरे के माध्यम से दिखाया गया था. पुलिस अभी इन सभी की तलाश कर रही है और योगी आदित्यनाथ जी ने जो बात विधानसभा में कही थी कि 'ऐसे माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा'. ये मिट्टी में मिला देने की प्रक्रिया जारी है. मुझे लगता है कि बदमाशों में खौफ होना बेहद आवश्यक है. चूंकि जब बदमाश के अंदर खौफ नहीं रहेगा तब जनता खौफ के साये में जिएगी.
आपने देखा होगा कि जब अतीक अहमद जेल से लाया जा रहा था तब उसने कहा था कि मैं खत्म हो गया हूं, मिट्टी में मिल गया हूं. अतीक अहमद जैसे माफिया के मुह से यह बात निकलना ये बहुत बड़ी बात है क्योंकि इसके आतंक से प्रयागराज कमिश्नरी, प्रशासन और पूरा उत्तर प्रदेश आतंकित था. इसने कई हत्याएं और हत्या करने का प्रयास, जमीन पर अवैध कब्जा करने के साथ-साथ बहुत सारे कांडों को अंजाम दिया था. इसके ऊपर कम से कम 220 मुकदमे दर्ज थे. 120 मुकदमों में तो गवाही भी नहीं हो पाई और वे खत्म हो गए. 100 मुकदमे अभी भी उसके ऊपर हैं जिसमें अभी उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभियोजन पक्ष को मजबूत किया है. इसके तहत इसको एक मामले में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. पुलिस का प्रयास यही है कि जो उमेश पाल की हत्या हुई है, उसकी ट्रायल जल्दी शुरू हो जाए और इसमें इसे फांसी की सजा सुनाई जाए.
योगी सरकार में अपराधियों का हो रहा सफाया
योगी आदित्यनाथ के सरकार से पहले की जो सरकार थी उसने अतीक अहमद और उसके जैसे कई अन्य बड़े माफियाओं को समाजवादी पार्टी का संरक्षण रहता था. इन अपराधियों और गली के गुंडों को माफिया बनाने का काम और उसके बाद माननीय बनाने का काम समाजवादी पार्टी ने किया था. अखिलेश यादव की जो पार्टी है उसी ने इसको विधायक और फिर सांसद बनाया था. इसके भाई को टिकट देकर विधानसभा भेजने का काम किया था. जिसकी शह पर ये सब अपराध करते थे. मुझे याद है कि जब मुलायम सिंह यादव जी का शासन काल था और नोएडा के चेयरमैन थे राकेश बहादुर, वे एक सीनियर आईएएस अफसर थे. उनके घर में घुसकर अतीक अहमद ने उनकी पिटाई कर दी थी और उनके घर को तहस-नहस कर दिया था. पूरी आईएएस लॉबी की नाराजगी के बावजूद उसके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. ये सत्ता के संरक्षण का प्रभाव था. ऐसे सत्ता के संरक्षण में पले-बढ़े बदमाशों का योगी आदित्यनाथ जी ठीक से इलाज कर रहे हैं. मुझे लगता है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में इस तरह के जो एनकाउंटर हुए हैं, मैं समझता हूं कि इससे अपराधियों में काफी भय व्याप्त हुआ है.
कही भी जब संगठित क्राईम होता है और अपराधियों को सत्ता का संरक्षण मिलता है तो वे पुलिस की मदद से भी कई अपराध करते हैं और तमाम एफआईआर में आपने देखा होगा की गवाह मुकर जाते हैं या उनकी हत्या कर दी जाती है. समाजवादी पार्टी के संरक्षण के दौरान इनके खिलाफ कभी कोई गवाह जिंदा रहा ही नहीं और अभी जो एक मामले में अतीक अहमद को सजा सुनाई गई है वो 17 साल पुराना मुकदमा था. सोचिए कि कितनी सरकारें आईं और चली गई. लेकिन इसके विरुद्ध कोई गवाह प्रस्तुत नहीं हो पाए. योगी आदित्यनाथ जी की सरकार में गवाहों का मनोबल बढ़ा है, पुलिस ने उनको संरक्षण दिया है. ये हम लगातार करा रहे हैं. अभी आपने देखा होगा कि मुख्तार अंसारी जैसा कुख्यात अपराधी जोकि विधायक भी रह चुका है, उसको भी दो मामलों में सजा हुई है. उसी तरीके से एक और अपराधी था और वो भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही विधायक बना था विजय मिश्रा उसको भी सजा हुई है कोर्ट से जो कि पहले नहीं होता था. योगी आदित्यनाथ की सरकार सभी को सजा दिलाने का काम कर रही है और मुझे लगता है कि इससे जनता काफी खुश होगी.
माफियाओं पर किया जा रहा क्रैकडाउन
निश्चित रूप से सभ्य समाज में अपराधियों का स्थान नहीं होना चाहिए. आज भारत वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है और भारत की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश पीछे रहेगा तो भारत भी पीछे रहेगा. योगी आदित्यनाथ जी की सरकार आने के बाद से यूपी की शक्ल और सूरत बदली है. हमने अभी तक एक भी दंगा नहीं होने दिया है प्रदेश के अंदर, एक भी आतंकवादी घटना नहीं होने दी है और इस तरह के बड़े माफियाओं के खिलाफ सुनियोजित तरीके से पुलिस क्रैकडाउन ऑपरेशन कर रही है. अब तक यूपी पुलिस ने लगभग 10700 क्रैकडाउन ऑपरेशन कर चुकी है. इसमें 178 अपराधी भी मारे जा चुके हैं. 4900 अपराधी जो हैं वो पुलिस की गोलियों से घायल हैं और 23070 अपराधी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इस तरह से जब हमने क्रैकडाउन ऑपरेशन चलाए उससे क्राइम कंट्रोल हुआ और अपराधियों में भय व्याप्त हुआ. कई बार अखबारों ने भी और मीडिया ने भी खबर प्रकाशित की है कि जो अपराधी या कुख्यात अपराधी थे वे अपने गले में तख्ती लगाकर के चौराहे पर जाते थे और पुलिस के सामने सरेंडर करते थे कि हम आगे से अपराध नहीं करेंगे. आज कोई पंचर लगाने का काम कर रहा है, कोई ठेला लगा रहा है, कोई मजदूरी करने का काम कर रहा है लेकिन अपराध से तौबा कर रहा है. लेकिन अतीक अहमद जैसे संगठित अपराध कर्मियों को पुलिस का सबसे बड़ा कर्तव्य हो गया है जिसे पुलिस लगातार कर रही है.
यह सब कुछ राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही संभव हो सकता है. उत्तर प्रदेश पुलिस आज भी वही है जो समाजवादी पार्टी के समय में थी. लेकिन उनके समय में पुलिस के मनोबल को पूरी तरह से तोड़ दिया गया था. अपराधी थाने जला रहे थे. पुलिस कर्मियों के सीनियर अधिकारियों की हत्याएं की गई थीं. गोंडा के अंदर एक सर्किल ऑफिसर जियाउल हक हुआ करते थे उनकी हत्या कर दी गई थी. बिजनौर में एक सर्किल पदाधिकारी थे, एसपी रैंक के अधिकारी थे उनको मार दिया गया था और आपको पता होगा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर मथुरा में जब जमीन खाली कराने के लिए पुलिस गई थी तब वहां पर रामव्रत यादव जैसा कुख्यात था जिसे की समाजवादी पार्टी का पूरा संरक्षण और समर्थन प्राप्त था जिसने कि एक एसपी और दारोगा की हत्या कर दी थी. उसमें 28 लोग मारे गए थे.
हमारी योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के अंदर से बड़े अपराधियों को खत्म किया है. जनता को अपराधियों के आतंक से निजात दिलाया है. लोगों और पुलिस का मनोबल बढ़ा है अपराधियों के खिलाफ और इसलिए जनता ने दोबारा से भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश के अंदर मौका दिया है. आप देखिये, कि योगी मॉडल का जो बुलडोजर मॉडल है जिसमें कि तमाम तरह के अवैध संपत्तियों को अर्जित किए जाने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है और उन्हें ध्वस्त किया जा रहा है. इसे अन्य राज्यों ने भी शुरू किया है. उत्तर प्रदेश चूंकि एक बड़ा राज्य है, आबादी सबसे अधिक है और यहां अपराधियों को कंट्रोल में लाना सबसे मुश्किल काम था और इसमें योगी आदित्यनाथ जी सफल हुए हैं. मुझे लगता है कि कई राज्य इसे अपना रहे हैं. मध्यप्रदेश ने कुछ इसी तरह के हथकंडे अपनाते हुए बुलडोजर चलाए हैं, कई अपराधियों को मारा है और पकड़ा है.
[ये आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है]


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