Russia - Ukraine War: दुनिया में दो देश ऐसे हैं, जो पूरी दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की तरफ धकेलने में पिछले कई महीनों से जुटे हुए हैं. ताकत के लिहाज से एक बेहद कमजोर मुल्क है, तो दूसरा दुनिया की दूसरी बड़ी महाशक्ति है. लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी इस जंग में जो नया संस्पेंस सामने आया है, वो थोड़ा चौंकाने के साथ ही सबके लिए चिंता का एक बड़ा सबब भी बन गया है क्योंकि कोई भी नहीं जानता कि रूस अपनी इस बौखलाहट का जवाब कितने ख़तरनाक तरीके से देगा.


दरअसल, दुनिया के किसी भी देश पर जो हुकूमत करता है, उसके पीछे एक ऐसा दिमाग होता है, जो कभी मीडिया की सुर्खियों में नहीं आता लेकिन वो अपने राष्ट्राध्यक्ष को हर दम ये बताता रहता है कि किस मुल्क के साथ कब, कैसा और क्यों ऐसा बर्ताव करना है. इतिहास तो बताता ही है लेकिन मौजूदा दौर में भी ये देखा जा रहा है कि कमोबेश हर मुल्क के हुक्मरान उसकी दी गई सलाह को आंख मूंदकर सिर्फ मानते ही नहीं हैं, बल्कि उसके हिसाब से ही अपनी विदेश -नीति को अंजाम भी देते हैं.


आप भी सोच रहे होंगे कि इतना ताकतवर मुल्क होने के बावजूद रूस आख़िर इतना बौखला क्यों गया है. तो इसका जवाब ये है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 'असली दिमाग' कहे जाने वाले शख्स को मारने की साज़िश हो और ऐन वक्त पर वे अपनी कार बदलने की वजह से तो बच गये लेकिन उनकी बेटी ने उस हमले में अपना दम तोड़ दिया, तो क्या रूस हाथ पर हाथ धरे ऐसे ही बैठा रहेगा? रूस ने इस हमले का आरोप सीधे तौर पर यूक्रेन पर लगाया है. लिहाज़ा ये घटना पुतिन के गुस्सैल दिमाग़ को कहां ले जायेगी, इसकी कल्पना फिलहाल तो दुनिया के लोग भी नहीं कर सकते.


शायद इसीलिए विदेशी मामलों के विशेषज्ञ मानते हैं कि ये एक ऐसी घटना है, जो पुतिन को सबसे ख़तरनाक फैसला लेने के लिए मजबूर कर सकती है. इसलिये कि भावनात्मक रूप से वे इससे बहुत ज्यादा प्रभावित हुए हैं. दरअसल, मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी दार्शनिक और पुतिन के "दिमाग" समझे जाने वाले अलेक्जेंडर डुगिन को मारने के लिए ये हमला किया गया था लेकिन संयोग से वे तो बच गए पर, उनकी 30 वर्षीय बेटी दुगीना इस बम विस्फ़ोट में मारी गईं.


उनकी पहचान रूस की एक प्रखर और मशहूर पत्रकार के रुप में थीं जो यूक्रेन पर रूस के हमले का खुलकर समर्थन भी करती थीं. इस साल की शुरुआत में अमेरिका और ब्रिटेन ने उन पर प्रतिबंध लगा दिए थे. दुगिना पर आरोप लगा था कि रूसी हमले के बारे में वो इंटरनेट पर ग़लत ख़बरें फैला रही हैं. बीते मई महीने में दिए एक इंटरव्यू में दुगिना ने इस लड़ाई को ''सभ्यताओं का संघर्ष'' कहा था और इस इस बात पर गर्व महसूस किया था कि उन पर और उनके पिता पर पश्चिमी देशों  ने प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.


बता दें कि दुगिना की शनिवार शाम मॉस्को में उनकी कार में हुए बम विस्फोट से तब मौत हो गई थी जब वह अपने पिता और रूसी दार्शनिक अलेक्जेंडर डुगिन के साथ एक पारंपरिक पारिवारिक उत्सव में भाग ले रही थी. लेकिन इस हमले के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बौखलाने की एक बड़ी वजह भी है. रूस की सुरक्षा एजेंसी संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने यूक्रेन की नागरिक नताल्या वोवक (Natalya Vovk) का एक वीडियो सार्वजनिक किया है.


नताल्या मॉस्को में कार बम विस्फोट में मारी गई पत्रकार दरिया दुगीना की मौत की मुख्य आरोपी हैं. सोमवार को जारी किये गये वीडियो में पत्रकार की हत्या की आरोपी नताल्या को अपनी बेटी के साथ रूस में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है. इस वीडियो में उसको दुगीना की इमारत में घुसते हुए और जल्दबाजी में देश छोड़ते हुए दिखाया गया है. 43 वर्षीय वोवक को एफएसबी ने सोमवार को दुगीना की हत्या में आरोपी करार दिया था. नताल्या वोवक यूक्रेनी नागरिक है और वह 23 जुलाई को डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक लाइसेंस प्लेट का उपयोग करती हुई रूस पहुंची थी.


बम विस्फोट की साजिश का खुलासा करते हुए रूसी सुरक्षा एजेंसियों ने ये भी बताया है कि मॉस्को में रहते हुए, उसने अपने मिनी कूपर पर प्लेट पर नंबरों की अदला बदली की. यह मिनी कूपर उसकी ही एक मित्र की थी. उसकी वह मित्र सोवियत गणराज्य कजाकिस्तान की रहने वाली थी. सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि रविवार को अपने मिशन को अंजाम देने के बाद वोवक एस्टोनिया के लिए फरार हो गई. रूस ने नताल्या वोवक की तस्वीर और वीडियो जारी किया है.


यही वजह है कि अपने राजनीतिक गुरु की बेटी की निर्मम हत्या से पुतिन जबरदस्त बौखलाये हुए हैं. उन्होंने अलेक्जेंडर डुगिन की बेटी की हत्या को घृणित अपराध करार दिया है. व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि एक नीच साजिश ने हमसे एक प्रतिभाशाली, दयालू, सबसे प्रेम करने वाली एक सुंदर आत्मा को हमसे छीन लिया है. यह एक बहुत नीच और क्रूर घटना है.


विदेशी समाचार माध्यमों के मुताबिक व्लादिमीर पुतिन की सोच को प्रभावित करने में अलेक्जेंडर डुगिन के लेखों का अहम योगदान माना जाता है. साथ ही क्रेमलिन में कई लोग जिस धुर-राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं उसके पीछे भी अलेक्जेंडर डुगिन की प्रमुख वैचारिक भूमिका मानी जाती है.बीते कई साल से अलेक्जेंडर डुगिन रूस की सरकार को दुनिया के मंच पर ज्यादा आक्रामक रवैया अख़्तियार करने की सलाह देते रहे हैं. उन्होंने यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई का भी समर्थन किया है.


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