एक्सप्लोरर
Advertisement
सोशल मीडिया पर बहन जी का 'ट्रेंड'
क्या आप उस पार्टी का नाम बता सकते हैं ? जहां प्रवक्ता नाम का कोई 'प्राणी' नहीं होता है. उस पार्टी के ऑफिस में जनता के आने पर रोक है. नेताओं को मीडिया से दूर रहने का आदेश है. पत्रकारों से बात करने पर पार्टी से ही छुट्टी कर दी जाती है. पार्टी हाईकमान के प्रेस कांफ्रेंस में किसी को सवाल पूछने की इजाजत नहीं होती. इन सारे सवालों का एक जवाब है- बहुजन समाज पार्टी.
लेकिन अब इसी पार्टी ने सोशल मीडिया की दुनिया में तहलका मचा रखा है. फेसबुक से लेकर ट्विटर तक, व्हाट्सऐप से लेकर यूट्यूब तक बहन जी छाई हुई हैं. रविवार 11 सितंबर को तो गजब ही हो गया था, जब ट्विटर पर #MayawatiNextUPCM घंटों टॉप पर ट्रेंड करता रहा.
देश और बाहर से लोग मायावती के बारे में ट्विटर पर अपनी राय दे रहे थे. उसी दिन सहारनपुर में मायावती की चौथी रैली थी. यूट्युब पर उनके भाषण का लाईव प्रसारण का भी इंतजाम किया गया था. बहन जी अब तक आगरा, आजमगढ़ और इलाहाबाद में चुनावी सभाएं कर चुकी हैं.
32 साल पुरानी बीएसपी लोगों और मीडिया दोनों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं रहा है. यहां सिर्फ बहन जी की चलती है और सोशल मीडिया से उन्हें तौबा है. वे कोई मोबाईल फोन नहीं रखती. ना ही उनका कोई ट्विटर अकाउंट है. ना ही मायावती ने अपना फेसबुक पेज बनवाया है. यही हाल उनकी पार्टी बीएसपी का भी है. पार्टी का अपना कोई आधिकारिक फेसबुक या ट्विटर अकाउंट नहीं है. ना ही बीएसपी का कोई मीडिया विभाग है. लेकिन अब कुछ पढ़े लिखे मुस्लिम और दलित नौजवानों ने एक टीम बना ली है.
मायावती, कांशीराम के फैन और आंबेडकर से जुड़े नामों से कई ट्विटर अकाऊंट और फेसबुक पेज बना लिए है. इनके जरिये बहन जी और उनकी पार्टी का प्रचार प्रसार किया जाता है. चलो सहारनपुर और #MayawatiNextUPCM के हैशटैग के साथ 11 सितंबर को ट्रेंड होता रहा.
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके फैज़ान खान बताते है "बहन जी एक प्रतीक है, यूपी का दलित और मुस्लिम समाज उनकी तरफ देख रहा है. सोशल मीडिया पर हमारे जैसे लोग उनका और उनकी पार्टी का प्रचार करते हैं". फैज़ान की माने तो उनके जैसे हज़ारों लोग हैं और वे सब पार्टी से किसी तरह की कोई मदद नहीं लेते हैं.
इन दिनों हर बड़े नेताओं की रैली में मल्टी कैम सेटअप लगता है. नरेंद्र मोदी, मुलायम सिंह से लेकर अमित शाह तक. लेकिन इसकी शुरुआत हुई थी मायावती से. जब वह यूपी की मुख्यमंत्री थीं. मल्टी कैम सेटअप का मतलब हुआ कई कैमरे लगा कर लाईव दिखाना.
नोएडा में जब मायावती ने आंबेडकर पार्क का उद्घाटन किया था, तब पहली बार इसका इस्तेमाल हुआ था. अब बहनजी की देखा देखी मोदी और मुलायम और अखिलेश यादव की सभाओं में भी ऐसा ही होने लगा है. अभी जो मायावती की रैलियां हुई, उनमें सात कैमरे लगाए गए थे. बहनजी के हेलीकॉप्टर से उतर कर कर में बैठना और फिर मंच पर भाषण देना, हर जगह कैमरे लगे होते हैं. एक कैमरा क्रेन पर होता है. सारा तामझाम इसलिए कि रैली 'भव्य ' दिखे.
ट्विटर पर मायावती के ट्रेंड होते ही अखिलेश यादव और बीजेपी के समर्थकों ने भी मोर्चा संभाल लिया. पेड ट्रेंड हैशटैग के साथ बहन जी पर हमले तेज हो गए. ये तो सिर्फ एक झांकी थी. अगले विधान सभा चुनाव में एक लड़ाई वोटरों के लिए होगी और दूसरी सोशल मीडिया में एक दूसरे को पछाड़ने की.
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, Blog और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
क्रिकेट
राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion