एक्सप्लोरर

क्या नेहा सिंह राठौड़ अपने गानों में सिर्फ पीएम मोदी-सीएम योगी को करती हैं टारगेट? जानिए- गायिका का दो टूक जवाब

भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ यूपी में का बा-पार्ट 2 गाने के बाद एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में हैं. कानपुर देहात पुलिस की तरफ से गाने पर नोटिस मिलने के बाद नेहा तनाव में आ गई थीं. हालांकि, अब वे ठीक हैं और उन्होंने यूपी पुलिस को नोटिस का भी जवाब दे दिया है. नेहा राठौड़ ने एबीपी डिजिटल टीम के राजेश कुमार के साथ बातचीत की और उनकी गायिकी पर उठते सवाल, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा से लेकर समाजिक मुद्दों को उठाने में ताकतवर लोकगीत की भूमिका पर विस्तार से बात की. आइये जानते हैं, उन्होंने क्या-क्या कहा:   

सवालः यूपी पुलिस की तरफ से आपको जो नोटिस मिला था, आपके पति को नौकरी से निकाल दिया गया. आपने यूपी पुलिस के नोटिस का क्या जवाब दिया...? 
जवाब: जी, मैंने नोटिस का जवाब दे दिया है. सबसे पहला जवाब यही था कि 160 सीआरपीसी जो है बिना एफआईआर दर्ज किए किसी के ऊपर लागू नहीं किया जा सकता है... वो जो नोटिस है वो पूरी तरह से फर्जी थी और ये मैं नहीं, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके है मार्कंडेय काटजू ने ये बात कही हैं. उन्होंने इसको पूरी तरीके से गैर कानूनी बताया है. ये पूरी तरह से फर्जी नोटिस था और जो मेरे वकील थे उनके द्वारा इसका पूरा जवाब दिया जा चुका है.

सवाल - लोक गीत को आप कितना पावरफुल मानती हैं खास कर किसी मुद्दे को उठाने के लिए?
जवाब: आपने देखा है कि मैं पिछले दो से ढ़ाई वर्षों से लोक गीत गा रही हूं, लिख रही हूं और जब-जब मैंने लोक गीत में मुद्दों की बात की है तब-तब सरकार पर और लोगों पर काभी प्रभाव डाला है. मैंने बेरोजगारी, महंगाई, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव पर गीत लिखे. उस वक्त जब बिहार में विधानसभा का चुनाव हो रहा था तब मैंने बिहार में का बा लिखा तो उस पर सरकार का जवाब आया कि बिहार में ई बा. सरकार के विधायक और सांसद मुझे मेरे चश्मे का लेंस साफ करने की बात कहने लगे...तो कहीं न कहीं लोक गीतों का प्रभाव तो है ही. उसी तरह मैंने उत्तर प्रदेश में 'का बा' गाया तो उसका प्रभाव ये हुआ कि विधानसभा में उसकी चर्चा हुई और स्वयं मुख्यमंत्री जी ने उसका जवाब नहीं दिया. क्योंकि मैंने गीत के माध्यम से महंगाई, बेरोजगारी के ऊपर सवाल उठाया और शायद इसका जवाब उनके पास नहीं था लेकिन चर्चा जरूर हुई. चूंकि लोक गीतों से लोग खुद को कनेक्ट करने लग जाते हैं और वे भी उन मुद्दों पर सवाल करने लगते हैं...तो कहीं न कहीं इसका प्रभाव तो है ही.

सवालः पिछले दिनों कानपुर पुलिस के नोटिस के बाद ये देखा गया कि आप काफी स्ट्रेस में हैं...तो आप सरकार से क्या अपील करना चाहेंगी ताकि आपका जो तनाव है वो दूर हो..चाहे ये राज्य के सीएम से हो या देश के पीएम मोदी जी से हो?
जवाब: मैं ये कहना चाहूंगी कि आप लोग कहते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. ये लोग अपने भाषणों में कहते हैं कि संविधान सर्वोपरि है, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं लेकिन जब बात धरातल पर उसे देखने की आती है तो ये लोग कहीं और ही दिखते हैं. इस तरह से आप तानाशाह हो जाते हैं और जब बेटी पढ़ेगी तो बेटी तो सवाल करेगी न, जब आप कहते हो कि हम तो लोकतंत्र में रहते हैं, हम तो संविधान में विश्वास रखते हैं, यहां पर सबको बोलने की आजादी है...तो मुझे भी तो बोलने की आजादी है. अपील ये है कि ये जो बोलने की आजादी है, अभिव्यक्ति की आजादी है इस पर चोट नहीं किया जाए. इसको नोटिस के माध्यम से दबाने की कोशिश नहीं की जाए. ये मेरी अपील रहेगी यूपी के मुख्यमंत्री से और देश के प्रधानमंत्री जी से कि मेरे मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हो और मुझे सवाल करने का पूरा हक मिले.

सवालः आपके ऊपर ये आरोप लगता है कि आप योगी सरकार और मोदी सरकार के खिलाफ मुखर हो कर बोलती हैं...और जो दूसरे राज्यों की सरकारें हैं आप उनके खिलाफ नहीं बोलती हैं...आप कहती हैं कि एयरपोर्ट बेच दिया राजाजी..इस तरह से गाना है कि बाबा जी अपने स्टीयरिंग संभालो आप?

जवाब: अभी राज्य और केंद्र में इनकी सरकार है तो जवाब भी तो मैं इन्हीं से मांगूंगी और बात रही अलग राज्यों की तो मैं हमेशा कहती रही हूं कि भाषा जो होती है न, कई बार लोगों से जुड़ने में उसकी अहम भूमिका रहती है. मैं एक भोजपुरी भाषी लड़की हूं और यूपी, बिहार में भोजपुरी बोली जाती है. तो जब भी मैं भोजपुरी में कुछ रचना करती हूं, गाती हूं तो लोग ज्यादा उससे जुड़ पाते हैं. अभी जैसे बंगाल में चुनाव था तो मैंने दीदी की आलोचना करते हुए और उनसे सवाल पूछते हुए एक गीत लिखी लेकिन उसकी कहीं कोई चर्चा नहीं हुई. गीत के वियूज भी बहुत कम थे तो मेरा मनोबल थोड़ा गिरा कि बंगाली लोग जिनकी हिंदी कमजोर होती है वो भोजपुरी कैसे समझ पाएंगे. तो उनकी भाषा में अगर कुछ क्रिएट करूं तो समझ में आता है लेकिन उनके लिए अगर भोजपुरी में गाऊं तो वो कनेक्ट नहीं कर पाते हैं.

सवालः बिहार में इतने लोग जहरीली शराब पीने से मर गए तो आपने इस पर एक गाना नहीं गया..तो सवाल उठ रहा है कि आप दूसरे सरकारों पर कुछ नहीं बोलती हैं..?
जवाब: मैं सामान्यतः घटनाओं पर गीत लिखने से बचती हूं. जब तक मुझे नहीं लगता कि ये बहुत जरूरी घटना है और इस पर बोलना ही चाहिए, लिखनी ही चाहिए लेकिन आपने बहुत सही सवाल किया. बिहार में जहरीली शराब से मौत होने पर तो मुझे लगता है कि मैंने इसके ऊपर तीन या चार गाने जैसे कि शराब नहीं पीने को लेकर या इस पर रोक लगना चाहिए को लेकर लिखे हैं. मैंने प्रॉपर मुद्दे के गीत लिखे हैं...तो बाकी घटनाएं रोज होती रहेंगी तो मैं रोज तो गीत नहीं लिख पाऊंगी. जो शराबबंदी है वो विफल नजर आ रही है, मैंने इस पर अपनी नजर रखते हुए लगभग पांच गीत लिखे होंगे. मुझे लगता है कि थोड़ी सी आप लोगों को भी रिसर्च करने की जरूरत है. सवाल करने से पहले ये जानने की जरूरत है कि मेरी जो पृष्ठभूमि है वो क्या रही है, पिछले दो-ढाई सालों में..मेरे अपडेट्स क्या रहे हैं. अब इसमें मैं क्या करूं कि मेरी उन गीतों की चर्चा नहीं होती है. शिकायत तो मेरी मीडिया के लोगों से भी है कि मेरी उन गीतों पर चर्चा क्यों नहीं होती है...या तो आप चर्चा करो या फिर आप इस तरह से सवाल मत करो...

सवालः कोई ऐसा काम जो मोदी जी या योगी जी का आपको पसंद आया हो...?
जवाब: मैं इस तरह के सवालों से बचती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि ये लोग तो अपने कार्यों का प्रचार करोड़ों करोड़ रुपये खर्च कर बड़े-बड़े बोर्ड और होर्डिंग लगाकर करते हैं तो ऐसे में मुझे एक लोक गायिका होने के नाते यह लगता है कि मैं उन कामों को बताऊं जो उन्होंने नहीं किया है. मैं उन वादों को गिनाऊं जो उन्होंने अपने भाषणों में कहे लेकिन धरातल पर वो उतर नहीं पाया हो.

सवालः आपका कोई फेवरेट राजनेता?
जवाब: राजनेता जो होते हैं न वो कहते हैं कि देखो मुझे अपना फेवरेट मत बनाओ, मैं किसी भी वक्त किसी भी घोटाले में पकड़ा जा सकता हूं, तो इन पर विश्वास कर पाना बहुत आसान नहीं है. चूंकि कई बार ऐसा लगता है कि ये नेता बहुत कर रहा लेकिन फिर पता चलता है कि इस घोटाले में ये जेल चले गए तो मेरे लिए यह कह पाना बड़ा मुश्किल है कि ये नेता मेरा फेवरेट नेता है.

सवालः क्या आप वंशवाद की राजनीति को ठीक समझती हैं?
जवाब: ऐसी बात नहीं है कि मैं वंशवाद की राजनीति को ठीक समझती हूं. दरअसल,  बात ये है कि मैं पिछले दो साल या ढाई साल से लोक गीतों की शुरूआत की है और जब से मैंने इसकी शुरुआत की है तब से ही सरकरों को देखा है तो मेरा सवाल तो इनसे ही होगा न और जो पार्टियां अभी विपक्ष में हैं तो मैं उनसे क्या सावल पूछ लूं. मैंने बिहार में का बा गाया था और अभी जब वहां चाचा-भतीजा के बीच गठबंधन हुआ तो भी मैंने गाया था और मुझे अभी तक कोई भी पार्टी ज्वाइन करने का और टिकट देने की बात सामने नहीं आई थी. ये सब सिर्फ अफवाह है.

सवालः क्या नेहा सिंह राठौर 2025 में...चुनाव लडेंगी...चर्चा थी की तेजस्वी की तरफ से आपको पार्टी में जुड़ने का ऑफर मिला था?

जवाब: मेरा एक आंदोलन है भोजपुरी बचाओ...तो मैं सिर्फ उसके लिए काम करना चाहती हूं. मैं भोजपुरी लोक गीतों को आगे ले जाना चाहती हूं. मैं लोगों को बताना चाहती हूं कि लोक गायन का मतलब क्या होता है. आज के दौर में लोग गायक और लोक गायिका का तमगा लगा लेने से सिर्फ वे लोक गायक/गायिका नहीं हो जाएंगे. चूंकि बहुत सारे ऐसे लोग सरकार का गुणगान करने में लग जाते हैं और अपने नाम के आगे लगा लेते हैं फलाना लोक गायिका और गायक...तो असल में लोक गायन है क्या, ये मैं लोगों को बताना चाहती हूं और यही मेरा काम है. जिस तरह से भोजपुरी में अभी अश्लीलता फैली हुई है, उसको हटाने और भोजपुरी भाषा को समृद्ध करने के लिए मैं साफ-सुथरे गीत लिख रही हूं और मुझे यही काम करना है. पारंपरिक लोक गीतों को मुझे सहेजना है, उसको संरक्षित करना है और 2025 में आप मुझे कहीं राजनीति में नहीं देख रहे हैं. नेहा सिंह राठौर को सिर्फ भोजपुरी के लिए काम करना है.

सवालः ये सब गाने के लिए आइडिया कहां से आता है....?
जवाब: मैं बिहार की लड़की हूं, भोजपुरी की लड़की हूं और मैं ऐसे प्रदेश से आती हूं जहां सबसे बड़ी समस्याओं में से एक बेरोजगारी और पलायन की समस्या है. तो मैंने इन चीजों को बहुत करीब से देखा और जिया है. चाहे वो बेरोजगारी हो या आर्थिक तंगी हो या पलायन जैसी समस्या हो. आपके ऊपर आपके पर्यावरण का या बोले तो माहौल का बुहत असर पड़ता है. तो कहीं न कहीं अगर मैं बेरोजगारी या पलायन की गीत गाती हूं तो ये साफ तौर से समझा जा सकता है कि मैं बिहार से आती हूं. अगर मैं भोजपुरी में गाती हूं तो ये बड़ी आसानी से समझा जा सकता है कि मैं यूपी-बिहार से ही आती हूं.

सवालः ऐसा क्यों है कि आप एक ताकतवार सूबे की सरकार के रडार पर हैं...?
जवाब: जिन्होंने मुझे अपने रडार पर ले रखा है तो मैं तो यही कहूंगी कि ये सवाल तो उनसे होना चाहिए कि नेहा सिंह राठौर आपके रडार पर क्यों हैं. उनके रडार पर बेरोजगारी क्यों नहीं है, उनके रडार पर महंगाई क्यों नहीं है. ये सवाल मुझसे नहीं उनसे होना चाहिए.

सवालः जब भारत जोड़ो यात्रा होती है तो आप राहुल गांधी के साथ दिखते हैं, लेकिन जब क्रिटिसाइज की बात आती है तो आप मोदी और योगी सरकार पर निशाना साधती हैं...
जवाब: हमने कब कहा कि अगर मुझे बीजेपी बुलाएगी तो मैं नहीं जाऊंगी. वो मुझे बुलाती ही नहीं है. अगर आप अपने घर आने का न्योता देंगे तब न मैं आऊंगी और अगर आप मुझे अपने यहां बुलइबे नहीं करेंगे तो मैं कैसे आऊंगी.  कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए मुझे सम्मान के साथ निमंत्रण दिया तो मैं गई. बात ये है कि मंच चाहे कांग्रेस सजाए या बीजेपी सजाए, खड़ी मैं हमेशा जनता के साथ हूं. बात मेरी हमेशा जनता के लिए होगी. मैं बीजेपी से ये अपील करना चाहूंगी कि मुझे ये लोग बुलाएं और बेरोजगारी के गीत सुनें. मैं ये मोदी जी और योगी जी से अपील करना चाहूंगी कि वो मुझे मंच पर बुलाएं और मुझसे बेरोजगारी के गीत सुनें. 

सवाल: ऐसा नहीं है कि विवाद पहली बार हुआ हो, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भी आपके एक गाने पर बवाल हुआ था और छात्रों ने एफआईआर की मांग की थी. तो ऐसा क्यों होता है?
जवाब: ये तो मुझे भी नहीं पता है. मैं तो सच को सच कह देती हूं तो मुझे लगता है कि लोग अपनी आलोचना को नहीं सुन पा रहे हैं. वे सच सुनने से भागने लग रहे हैं. लोगों में कहीं न कहीं असहिष्णुता की कमी आई है. लोग सच को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. इसीलिए वे इस तरह से कर रहे हैं. मैं तो अपना काम कर रही हूं, करती रही हूं. अब विवाद हो जाता है तो मैं क्या करूं.

सवालः सिस्टम से लड़ना कितना मुश्किल काम है...?
जवाब: सिस्टम से लड़ना बहुत मुश्किल है. सिस्टम और सरकारें बहुत पावरफुल होती हैं. हमलोग बहुत छोटे लोग हैं और सिस्टम और सरकार के ईर्द-गिर्द कहीं धूल-मिट्टी के समान भी नहीं होते हैं. इनसे लड़ना बहुत मुश्किल काम हो जाता है. आप देख पा रहे होंगे. अगर मैं अपनी ही बात करूं तो देखिये कितनी मुश्किल हो रही है. होता ये है कि जब सिस्टम आपको परेशान करती है तो वो आपको सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर नहीं करती है, वो कई सारे लोगों को एक साथ परेशान करती है. अभी तो मैं खुद ही डिप्रेशन में चली गई थी क्योंकि मेरे घरवाले परेशान हो गए थे कि क्या होगा और कैसे होगा. लोग तो बड़े बदमाशी करते हैं, सरकारें बड़ी बदमाशी करती हैं. मुझे तो इन चीजों का स्ट्रेस हो गया था और मैं तो अस्पताल तक चली गई थी. दो चार घंटे मुझे अस्पताल में बिताना पड़ा. सिस्टम से अगर आपको लड़ना है तो आपको अस्पताल भी जाना पड़ सकता है.  

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
सरदारों पर अब नहीं बनेंगे जोक? सुप्रीम कोर्ट ने बताया अहम मसला, सुझाव सौंपने को भी कहा
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
Embed widget