Opinion: महिलाओं पर नीतीश का बयान गैर-जिम्मेदाराना, बिहार की जनता का किया अपमान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से दिए गए जनसंख्या में बयान के बाद वे विवादों में घिर गए हैं. नीतीश ने कहा कि बिहार में जनसंख्या में नियंत्रण में नहीं आएगी क्योंकि इसके लिए पुरुष अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते हैं जबकि महिलाएं अशिक्षित रहती हैं. नीतीश ने ये बयान बिहार के वैशाली जिले में अपनी समाधान यात्रा के बीच एक जनसभा के दौरान किया. उन्होंने कहा कि महिलाएं शिक्षित होंगी तभी प्रजन्न दर में कमी आएगी. अभी भी वही है... महिला अगर पढ़ी रहती है तो उन्हें हर चीज की समझ रहती है कि कैसे उन्हें बचना है.
बिहार सीएम ने कहा कि अगर महिलाएं सुरक्षित होती तो उन्हें ये जानकारी होती कि खुद को गर्भवती से कैसे बचना है. पुरूष इन सब पर विचार को तैयार नहीं है.
दबाव का नीतीश पर असर- विजय सिन्हा
जनसंख्या पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान की चर्चा करना उचित नहीं है क्योंकि यह बढ़ते उम्र का असर है. नीतीश कुमार इस वक्त बहुत सारे दबाव से गुजर रहे हैं. और जब मानसिक दबाव रहता है तो इस बात की संभावना रहती है कि वो कुछ अलग बोल जाए.
सीएम नीतीश कुमार आज बिहार की राजनीति की सत्ता के बहुत दबाव में चल रहे हैं. राजनीतिक अस्थिरता जो आज बिहार में बनी है, उससे उम्र का असर उनके ऊपर हावी हो रहे हैं. ऐसे में कई बार नीतीश कुमार जो कुछ कहना चाह रहे हैं, उसमें स्लिप ऑफ टंग यानी बिना सोचे समझे बातें निकल जाती है.
नीतीश कुमार अमूमन इस तरह की बातों का प्रयोग करते नहीं है. लेकिन, जिस परिस्थिति में भी उन्होंने इस तरह की बातों का इस्तेमाल किया है, ये बात वे खुद स्पष्ट कर पाएंगे.
सम्मानित पद पर नीतीश कुमार है, ऐसे में मुख्यमंत्री जी की कभी कभी जुबान फिसल जाती है. ऐसे में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता मैं नहीं चाहता हूं कि इस मामले को बहुत ज्यादा तूल दिया जाए.
बिहार की महिला का अपमान- रामकृपाल यादव
बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने इसे बिहार की महिला का अपमान करार दिया. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जिस तरह का बयान दिया है, जनसंख्या नियंत्रण पर वह अमर्यादित है. इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है. इस तरह का बयान देकर बिहार सीएम क्या कहना चाहते हैं.
नीतीश कुमार इस तरह के बयान से औरतों या मर्दों की प्रतिष्ठा को गिराना चाहते हैं. ये बयान बिल्कुल अशोभनीय है, और उन्हें इसका एहसास करना चाहिए. ये बढ़ती उम्र का असर हो सकता है, जिसके चलते ऐसा बेतूका बयान दे रहे हैं.
नीतीश कुमार का समाधान यात्रा फर्जी है, ये यात्रा केवल चमकाने के लिए है और इसके किसी तरह का समाधान नहीं होगा. जिस समस्या का 17 साल में निदान नहीं निकाल पाए वो अब क्या निकाल पाएंगे. ये यात्रा पूरी तरह से फ्लॉप है, इससे कोई समाधान नहीं निकलने वाला है.
सीएम नीतीश कुमार ने जनसंख्या पर इस तरह का अमर्यादित बयान देकर न सिर्फ पद की गरिमा को गिराया बल्कि बिहार की जनता का अपमान किया है. बिहार की जनता ने इसे गंभीरता से लिया है और इसका उनका खामियाजा जरूर भुगतना पड़ेगा.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]
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