एक्सप्लोरर

मुख्तार अब्बास नकवी: बीजेपी का इकलौता मुस्लिम चेहरा किस राज्य में बनेगा 'तुरुप का पत्ता' ?

कहते हैं कि राजनीति में अक्सर वो नहीं होता, जो हमें दिखता है या फिर जो हम सोच रहे होते हैं, वैसा भी नहीं होता. इसीलिए उसे धर्म को धारण करने की नहीं बल्कि देश पर राज करने की नीति ही कहा जाता है. यही राजनीति कई बार हमें चौंकाती है, तो कुछेक मौकों पर बेहद डरा भी देती है. लेकिन हम कर भी क्या सकते हैं क्योंकि जैसे बिच्छू के डंक मारने की फितरत को बदला नहीं जा सकता, वैसे ही राजनीति में होने वाले अजूबे को बदल पाना, किसी के बूते की बात नहीं है.

शनिवार की देर शाम बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने उप राष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान कर दिया.लेकिन उसके बाद से ही रायसीना हिल्स से लेकर राजनीतिक दलों के दफ्तरों तक के गलियारों में सिर्फ एक ही सवाल उठ रहा है कि अब मुख्तार अब्बास नकवी का क्या होगा? नकवी, मोदी सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री थे और उनका राज्यसभा से कार्यकाल खत्म होने के बाद अब संसद के दोनों सदनों में बीजेपी का कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है.

मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर क्या फैसला लेगी बीजेपी?
इसमें कोई शक नहीं है कि मुख्तार अब्बास नकवी ने अपनी जुबान व अपने काम से दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा भरोसा हासिल करने में कामयाबी हासिल की है.उससे पहले आज की बीजेपी के पास दो ही बड़े मुस्लिम चेहरे थे, जिनके दम पर उस वक़्त की जनता पार्टी ये दावा करती थी कि वो मुस्लिमों के विरोधी नहीं है. एक थे सिकंदर बख्त और दूसरे थे आरिफ बेग.लेकिन नकवी ने बीजेपी का दामन थामने के बाद से ही एक ऐसे उदारवादी मुस्लिम नेता का चेहरा बनाते हुए इसकी भी भरपूर कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा शिक्षित मुसलमानों को बीजेपी के साथ जोड़ा जाए, ताकि वे मुस्लिम समाज में भगवा पार्टी को लेकर पनपी गलतफहमियों को दूर कर सकें. हालांकि कोई भी ये दावा नहीं कर सकता कि वे इसमें किस हद तक कामयाब हुए हैं.

लेकिन बीजेपी के सियासी गलियारे में एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि दो सर्वोच्च पदों के लिए उम्मीदवारों के नाम का एलान करने के बाद पीएम मोदी क्या मुख्तार अब्बास नकवी के बारे में भी कोई ऐसा ऐलान करने वाले हैं, जो सबको चौंका कर रख दे? जी हां,ऐसा हो भी सकता है. इसलिये कि पिछले आठ साल में ऐसा तो आज तक नहीं हुआ कि मोदी कोई फैसला लें और वो पहले ही मीडिया में लीक हो जाये. इसका एक मतलब ये भी निकलता है कि मीडिया अपने ताकतवर होने और जनता तक सबसे पहले व तेज खबरें पहुंचाने का ढिंढोरा चाहे जितना पीटता रहे,लेकिन हक़ीक़त ये है कि खबरों के लिए पीएमओ के दरवाजे उसके लिए आज भी बंद हैं, जो न जाने कब तक इसी हालत में रहेंगे.

लेकिन, बता दें कि दिल्ली के सियासी गलियारों में  फ़िलहाल दो अटकलें चल रही हैं. पहली तो ये कि मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद की तरह नकवी को भी क्या संगठन में भेजा जाएगा और दूसरी ये कि क्या उन्हें पश्चिम बंगाल का अगला राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा? हालांकि बीजेपी या सरकार में कोई भी फैसला लेने की ताकत पीएम मोदी के सिवा किसी और के पास नहीं है. लेकिन पार्टी से जुड़े मेरे सूत्र बताते हैं कि दूसरी अटकल के सही साबित होने की गुंजाइश तो पूरी नजर आ रही है लेकिन इसमें भी पीएम मोदी अपने फैसले से सबको चौंका सकते हैं.

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव 
वह इसलिए कि ये जरूरी नहीं कि नकवी को राज्यपाल बनाकर बंगाल ही भेजा जाए. इस साल के अंत में गुजरात व हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने हैं. इन दोनों राज्यों से छनकर दिल्ली पहुंची ख़ुफ़िया रिपोर्टें एक खतरे की तरफ इशारा कर रही हैं. वो खतरा ये है कि इन दोनों ही राज्यों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी तीसरी ताकत बनकर उभर रही है और हो सकता है कि वो कांग्रेस के बड़े वोट बैंक में सेंध लगाते हुए सत्तारूढ़ पार्टी यानी बीजेपी के लिए कहीं बड़ा खतरा न बन जाये. 

ज़ाहिर है कि ये रिपोर्ट गृह मंत्री अमित शाह की टेबल से गुजरते हुए पीएम मोदी तक भी पहुंची होगी. हम ये दावा नहीं कर सकते कि पीएम मोदी ऐसी खुफिया रिपोर्ट पर कितना व किस हद तक भरोसा करते हैं, लेकिन पिछली सरकारों के कामकाज को नजदीक से देखने का अनुभव करने के बाद इतना तो कह सकते हैं कि कोई भी सरकार अपनी पार्टी की राज्य सरकार के खिलाफ आने वाली ऐसी रिपोर्ट को इतनी आसानी से कूड़ेदान में कभी नहीं फेंकती.इसके उलट वो इसका सियासी जवाब तलाशने में जुट जाती है कि उभरने वाली इस तीसरी ताकत को आखिर कैसे रोका जाये.

हम ये भी नहीं कह सकते कि नकवी को इन तीनों में से किसी एक राज्य में राज्यपाल बनाकर भेजा जा रहा है या फिर अगले साल कर्नाटक, मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ व राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उन्हें इनमें से किसी एक राज्य में मोदी सरकार अपना संवैधानिक प्रहरी बनाने का सोच रही है. लेकिन बीजेपी नेताओं के इशारों से ये संकेत साफ मिल रहा है कि नकवी को अब सक्रिय राजनीति से अलविदा करते हुए एक नई जिम्मेदारी देने का वक़्त आ गया है. वे अभी तक तो बीजेपी व सरकार के लिए तुरुप का इक्का ही साबित हुए हैं. देखना ये है कि किस राज्य में तुरुप का ये पत्ता अब  अपना कमाल दिखाता है?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

कनाडा में कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला, पढ़ें पूरी कहानी
कनाडा में कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला, पढ़ें पूरी कहानी
बाबा सिद्धीकी हत्याकांड: आरोपी शिवा का खुलासा, 'पुलिस ने मुझसे पूछा था, किसी को भागते देखा क्या'
बाबा सिद्धीकी हत्याकांड: आरोपी शिवा का खुलासा, 'पुलिस ने मुझसे पूछा था, किसी को भागते देखा क्या'
हिना खान नहीं ये हैं टीवी की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस, एक एपिसोड के वसूलती हैं 3 लाख रुपए
हिना नहीं ये हैं टीवी की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस, एक एपिसोड के वसूलती हैं लाखों
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Elections 2024: 5 बार के डिप्टी सीएम Ajit Pawar एक बार फिर करेंगे फतह अपने नाम? ।Ajit Pawar Interview: महाराष्ट्र चुनाव से पहले अजित पवार का विस्फोटक इंटरव्यू | Chitra TripathiMaharashtra Elections: महाराष्ट्र में वोट जिहाद के लिए चल रही विदेश से फंडिंग? | Chitra TripathiTonk Byelection Clash: नरेश मीणा पर एक्शन के बाद तनावपूर्ण माहौल से बढ़ी टेंशन! | Rajasthan News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
कनाडा में कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला, पढ़ें पूरी कहानी
कनाडा में कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डल्ला, पढ़ें पूरी कहानी
बाबा सिद्धीकी हत्याकांड: आरोपी शिवा का खुलासा, 'पुलिस ने मुझसे पूछा था, किसी को भागते देखा क्या'
बाबा सिद्धीकी हत्याकांड: आरोपी शिवा का खुलासा, 'पुलिस ने मुझसे पूछा था, किसी को भागते देखा क्या'
हिना खान नहीं ये हैं टीवी की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस, एक एपिसोड के वसूलती हैं 3 लाख रुपए
हिना नहीं ये हैं टीवी की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस, एक एपिसोड के वसूलती हैं लाखों
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
Childrens Day: ऑस्ट्रेलिया में विराट-अनुष्का का चिल्ड्रेन डे सेलीब्रेशन, अपने बच्चों को खिलाए 'स्पेशल डिश'
ऑस्ट्रेलिया में विराट-अनुष्का का चिल्ड्रेन डे सेलीब्रेशन, अपने बच्चों को खिलाए 'स्पेशल डिश'
स्विटजरलैंड में हिजाब पर लगा बैन तो पाकिस्तानियों पर क्यों बरस पड़ीं ब्रिटिश मुस्लिम यूट्यूबर? बोलीं- दूसरे मुल्कों में गंदगी मचाते हैं...
स्विटजरलैंड में हिजाब पर लगा बैन तो पाकिस्तानियों पर क्यों बरस पड़ीं ब्रिटिश मुस्लिम यूट्यूबर? बोलीं- दूसरे मुल्कों में गंदगी मचाते हैं
ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन का महिला ने बनाया रिकॉर्ड, जानें इसे लेकर भारत में क्या हैं नियम
ब्रेस्ट मिल्क डोनेशन का महिला ने बनाया रिकॉर्ड, जानें इसे लेकर भारत में क्या हैं नियम
BSNL ने लॉन्च की भारत की पहली Satellite-to-Device सर्विस, अब नेटवर्क के बिना भी होगी कॉलिंग
BSNL ने लॉन्च की भारत की पहली Satellite-to-Device सर्विस, अब नेटवर्क के बिना भी होगी कॉलिंग
Embed widget