प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित किया. यह भाजपा का 43वां स्थापना दिवस था. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आगामी लोकसभा चुनाव 2024 जीत रहे हैं. लेकिन हमें इसे लेकर अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है. लोग खुद ही कह रहे हैं कि भाजपा को 2024 में कोई नहीं हरा सकता है. लेकिन कार्यकर्ताओं को लोगों का दिल जीतना है. उन्होंने 2004 का उदाहरण भी दिया कि किस तरह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.


सवाल यह है कि प्रधानमंत्री जी कार्यकर्ताओं को क्या संदेश देना चाहते हैं. वर्तमान परिस्थितियों में दुनिया भर के देशों में जो नेतृत्व है उसमें अगर तुलना करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को अविस्मरणीय नेतृत्व दिया है. लेकिन चूंकि जो लोग राजनीतिक क्षेत्र में काम करते हैं और जितने भी प्रकार की आशंकाएं रहती हैं उसको दूर करना कार्यकर्ताओं का काम है. नेतृत्व का काम आगाह करना है. प्रधानमंत्री जी ने सभी कार्यकर्ताओं को जो संदेश दिया है उसके दो प्रमुख कारण हैं. पहला यह कि जमीन पर जनता से जुड़े रहना यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. हमारे संगठन के अंदर हम लोग जो भी कार्यक्रम बनाते हैं उसका समापन सभी बूथ, शक्ति केंद्रों और मंडल पर ही होता है. सामान्य लोगों से मिलना-जुलना और सरकार की जो नीतियां हैं उसे जनता तक पहुंचाना भी कार्यकर्ताओं का काम है.


पीएम मोदी ने देश के 24 करोड़ परिवारों को किसी न किसी नीति से, योजना से जोड़ा है. हमारा प्रयास यह है कि सभी लोगों से हम लोग कम से कम अपना संपर्क बनाए रखें. किसी भी राजनीतिक दल के सफल होने के पीछे सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जनता और राजनीतिक दल के बीच में समन्वय बना रहे. भारतीय जनता पार्टी किसी जाति विशेष की पार्टी नहीं है. किसी धर्म विशेष की पार्टी नहीं है. इसलिए मोदीजी ने सबका साथ और सबका विकास का जो मूल मंत्र दिया है, उसके प्रति सजगता बनी रहे. कार्यकर्ताओं का आपस में स्नेह बना रहे. जनता से हमारा जुड़ाव परोक्ष रूप से बना रहे. इसलिए प्रधानमंत्री ने सभी कार्यकर्ताओं को यह संदेश दिया है कि बहुत अतिउत्साह में रहे बिना अपने शरीर से, अपनी बुद्धि से जितनी मेहनत हो सकती है वो करें. देश को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आवश्यक है. इसलिए सभी सामान्य कार्यकर्ता मिल कर पार्टी को फिर से 2024 में यशस्वी बनाएं. इसलिए प्रधानमंत्री ने ये संदेश दिया है.


चूंकि हम लोग बिहार में काम करते हैं. मैं आपको एक छोटा सा उदाहरण देता हूं. जब नीतीश सरकार 2005 में बिहार में बनी हमारे साथ और 2005 से 2010 के बीच में गुड गवर्नेंस की सरकार बिहार में स्थापित हुई तब नीतीश कुमार को एक टैग मिला सुशासन बाबू का. अब ये सारी नीतियों का जो प्रभाव था वो अटल जी और आडवाणी जी के नेतृत्व में सरकार चली उससे जो समझदारी नीतीश जी ने विकसित की उसी के आधार पर 2005-2010 के बीच में बिहार में हमलोगों ने एक बेहतरीन सरकार दिया था. चूंकि नीतीश जी ने बिहार को सुशासित किया और अटल जी की सरकार के लिए जो शब्द पहली बार प्रयोग हुआ सुशासन की सरकार वो टैग लेकर नीतीश जी ने अपनी छवि पूरे बिहार में अब तक बनाए रखी है. सुशासन के मामले में अटल जी की सरकार तो अद्वितीय रही लेकिन जनता से उस दौरान जो पार्टी की दूरी बनी रही इसलिए भी हम लोगों को 2004 हार का सामना करना पड़ा था. विकास भारत के राजनीति में केंद्रीय शब्द अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान ही बना जिसको लेकर मोदी जी आगे बढ़ रहे हैं. मोदी जी का मानना है कि विकास वो पैमाना है जिसके आधार पर सरकारें कई बार चुनकर आ सकती हैं. जाति आधारित जितने भी दल हैं, उनके लिए अगर समीकरण ठीक रहा तो ही वे सत्ता में आते हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी विकास परक राजनीति करती है. इसलिए पूरे देश में हमारी सरकारें बार-बार चुन कर आ रही हैं और ये मोदी जी के नेतृत्व में ही संभव हो पाया है.


इसलिए भी कार्यकर्ताओं के मन में ये विषय न जाए कि अब हमलोगों ने अच्छी मेहनत कर ली है, अब इसके आगे कुछ करने की आवश्यकता नहीं है. बाकि सब चीजें स्वतः होने पर छोड़ नहीं दिया जाए इसलिए मोदी जी आगाह कर रहे हैं कि आप बार-बार जनता के बीच में जाते रहिए, लोगों से मिलते रहिए. चूंकि जनता से एक फिडबैक का भी मेकेनिज्म होना चाहिए. राजनीतिक दल और जनता के बीच में जो समन्वय बनाने की आवश्यकता होती है उसी विषय को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री जी ने हम सभी कार्यकर्ताओं से यह आग्रह किया है कि वे लोगों से अपना जुड़ाव किसी भी कारण से कम नहीं होने दें. दूसरी बात जिस प्रकार से हम लोगों ने नीतियों का लाभ जनता तक पहुंचाने का काम किया है उसके लिये वो समन्वय भी तो बना हुआ होना चाहिए. उदाहरण के लिए इंदिरा जी के समय इंदिरा आवास योजना के लाभुकों से कांग्रेसी कार्यकर्ता मिलते-जुलते रहते थे और सरकार बनाने में उस नीति की एक महत्वपूर्ण भूमिका थी. उसी प्रकार से हमलोगों ने जो देश के लिए काम किया है चाहे वो चाहे राष्ट्रीय स्तर पर उज्जवला योजना हो, सड़कें और आधारभूत संरचनाओं के विकास का काम हो, खाद्यान्न योजना और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी देश को जिस प्रकार से आगे ले जाने का कार्य हो रहा है. जिस प्रकार से उसका लाभ जनता को मिला है उसके लिए समन्वय का बना रहना आवश्यक है. इसलिए, उन्होंने कार्यकर्ताओं को 2004 का उदाहरण दिया है.


भाजपा किसी खास समीकरण को लेकर आगे नहीं बढ़ती है. हम लोगों को समाज के सभी वर्गों का बराबर का प्यार और स्नेह मिलता है. कोई ऐसी जाति नहीं है, कोई ऐसा धर्म नहीं है जो यह कह दे कि हम भारतीय जनता पार्टी के समर्थक नहीं हैं. जिन लोगों को हमारा घोर विरोधी माना जाता है उनके बीच से भी हम वोट निकालने में सक्षम हैं. चूंकि हम समीकरणों पर आधारित पार्टी नहीं हैं तो स्वाभिवक है कि जनता के साथ आपका संपर्क बना रहना चाहिए. इसलिए प्रधानमंत्री जी ने कार्यकर्ताओं से ये अपील की है कि वो अपना काम जमीनी स्तर पर करते रहें.


(ये आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है)