भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची शनिवार यानी 2 मार्च को जारी कर दी. इसमें 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश के संभावित 195 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी गई है. हालांकि, BJP की पहली सूची जारी होने से पहले सभी को जानने की बेचैनी थी कि किसका टिकट बचा है, और किसका कटा है. उम्मीदवारों के साथ जनता को भी यह जानने की बेचैनी थी. उम्मीदवार तो खैर पशोपेश में ही थे कि उनकी सीट बची है या उनका टिकट कट गया? भाजपा की पहली सूची में कई चर्चित और नामचीन लोगों के टिकट काट दिए गए हैं, जिसके बाद कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने इस पर निशाना भी साधा है कि भाजपा डरी हुई है.
बेमतलब का मुद्दा बनाया
विपक्ष ने बेमतलब का इसे मुद्दा बनाया हुआ है. दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भी कई लोगों के टिकट काटे गए थे. एंटी-इन्कंबेंसी एक फैक्टर होता है उसको ध्यान में रखकर कुछ लोगों का टिकट काटा गया है और नये लोगों को मौका मिला है. जिनका प्रदर्शन सही नहीं उनका टिकट इस बार कटा है. वे लोग पहले दो बार से सांंसद थे. परिवर्तन ही संसार का नियम है. इसलिए परिवर्तन करते हुए नए चेहरों को मौका दिया गया है. पहली सूची में 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल 195 उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए है.
यह तीसरे टर्म का चुनाव है तो इसमें बहुत सारी चीजों को ध्यान में रखकर और मीटिंग की पूरी प्रक्रिया में चर्चा के बाद सूची जारी की गई है. लोकसभा चुनाव में कई चर्चित लोगों का टिकट कट गया है, जिसमें साध्वी प्रज्ञा, गौतम गंभीर, डॉ. हर्षवर्धन आदि शामिल है. कुछ लोगों के बयानों को भी ध्यान में रखा गया हैं. हिंदू- मुस्लिम जैसे चीजों को पीएम पसंद नहीं करते. पीएम और पार्लियामेंट कमेटी का फैसला जो होगा तो काफी सोच समझ कर ही लिया गया होगा. लगातार किसी को टिकट देना और नये लोगों को मौका ना देना यह सही नहीं हैं. जनता के नजर में उद्दंडता भी पसंद नहीं है. जो पीएम और चुनाव कमेटी का डिसिजन है वो 360 डिग्री एंगल से सोच कर ही किसी नाम को फाइनल करते हैं.
भाजपा महिलाओं की रखती है ध्यान
भाजपा महिलाओं का कितना ध्यान रखती है, यह इससे समझिए कि पहले एक ही महिला मीनाक्षी लेखी दिल्ली से चुनाव लड़ती थी, अब दो महिलाओं को मौका दिया गया है. सात सीटों में से दो पर महिला होंगी. एक पश्चिमी दिल्ली और दूसरी नई दिल्ली से होंगी. पहली लिस्ट में कुल 28 महिलाओं को शामिल किया गया है. जिसमें कम आयु वर्ग के लोगों को मौका दिया गया है. पहली सूची में ज्यादातर युवाओं को मौका दिया गया है.
नैतिकता को ध्यान में रखकर बीजेपी काम करती है. बात होती थी कि 2029 में महिला आरक्षण लागू होगा तो पीएम मोदी ने तो पहले ही नैतिकता के तकाजे से चुनाव के दौरान ही सीटें दें दी. जैसे दिल्ली में दो महिलाओं को सीटें मिली हैं, उसी प्रकार हर जगह वैसी ही देखने को मिलेगी. अभी तो पहली लिस्ट आई है अभी दूसरी -तीसरी लिस्ट आनी बाकी है. इसमें दिखेगा कि BJP और पीएम मोदी महिलाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसको ध्यान में रखकर पहली सूची जारी की गई है.
पार करेगी बीजेपी 370 सीटों का आंकड़ा
370 सीटों का आंकड़ा उसी प्रकार पूरा होगा जिस प्रकार छतीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश के चुनाव में जनता ने विश्वास जता कर सीटें दी. अपने काम और अपने विश्वास के दम पर पीएम मोदी बोलते हैं. जनता पीएम मोदी को पसंद करती है. और वो अपने काम के दम पर जनता पर भरोसा जताते हैं. इसीलिए जनता के भरोसे के दम पर 370 सीटें जीतने का अनुमान बताया है. जनता भी पीएम मोदी पर विश्वास करती है. उसी प्रकार 370 सीटें बीजेपी जीतेगी जैसे कि पिछले कई राज्यों में चुनाव भाजपा ने जीता है. भाजपा सबकी पार्टी है.
मायावती और अन्य पार्टी के लोगों ने मुस्लिमों के नाम पर सिर्फ अपना वोट बनाया है, लेकिन पीएम ने मुस्लिमों के अलावा अन्य समुदाय के लिए भी काम किया है. आज हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत हुई है. ऐसे बहुत सारे फैक्टर हैं और पीएम ने काम के दम पर 370 सीटें जीतने का वादा किया है. भारत की संप्रभुता को खराब नहीं होंने देंगे. राम मंदिर इसमें एक अलग मुद्दा है. पीएम एक ऐसे व्यक्ति हैै, जो कई योजनाएं चलाएं है जिससे मुस्लिम और हिंदू दोनों को फायदा हो रहा है. भाजपा इसका गीत नहीं गाती. विकास की रिपोर्ट खुद ब खुद दिखती है. और जो पीएम मोदी ने वादा किया है उनके वादे को यकीनन जनता पूरा कर के दिखाएगी.
पीएम ने जो काम किया है तो उस पर उनको उम्मीद है. किसी भी सांसद या नेता के बागी होने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. राजनीति में एक संयम होना चाहिए. जिन लोगों ने कुछ गलती की है, या प्रदर्शन नहीं किया है, तभी टिकट कटा है. अगर कुछ लोग भाजपा से जाते हैं तो उनसे अधिक लोग भाजपा आने को तैयार होते हैं लेकिन ऐसा नहीं होगा कि कोई बागी होगा. पार्लियामेंट कमेटी सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर ही किसी टिकट काटती है. अगर कोई पाला बदलता है तो उस वक्त देखा जाएगा. अभी तक कोई पार्टी वैसी हुई नहीं जिस प्रकार भाजपा ने अपना बेस खड़ा किया है.
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