वादा और इरादा तो अखिलेश यादव के लोगों का था. परशुराम की मूर्ति लगाने का. जिनकी तस्वीर समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं ने अपने अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेंट की थी. लखनऊ समेत कई शहरों में परशुराम के नाम की मूर्ति लगाने का एलान किया गया था. इस नाम के चमत्कार से ब्राह्मणों का वोट मिल जाने का अनुमान था. लेकिन बाज़ी मार ली बीजेपी ने. कम से कम मूर्ति लगाने के मामले में. परशुराम की मूर्ति उसी जगह पर लगी जहां उनके नाम का चौक है. बदायूं में यूपी के क़ानून मंत्री प्रदेश पाठक ने परशुराम की मूर्ति का उद्घाटन किया. इस मौक़े पर इलाक़े के कई ब्राह्मण नेता मौजूद रहे.


योगी के राज में ब्राह्मण नाराज़ हैं- विपक्ष


यूपी में इन दिनों ब्राह्मणों को मनाने, समझाने और उन्हें अपना बताने का मौसम है. पंडितों का माहौल बड़ा टाइट चल रहा है. मायावती और अखिलेश यादव ये हवा बना रहे हैं कि योगी के राज में ब्राह्मण नाराज़ हैं. उनके साथ अन्याय हो रहा है. बस इसी अन्याय को ख़त्म करने के लिए बीएसपी ने राज्य भर में प्रबुद्ध सम्मेलन किया. इस अभियान का आज आख़िरी दिन है.


पार्टी के महासचिव और राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र को ब्राह्मणों को जोड़ने की ज़िम्मेदारी दी गई है. उन्होंने प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरूआत अयोध्या से की. बीएसपी की देखा देखी समाजवादी पार्टी ने भी बलिया से प्रबुद्ध सम्मेलन शुरू कर दिया. पार्टी की तरफ़ से कहा गया कि अयोध्या और लखनऊ समेत कई शहरों में परशुराम की मूर्ति लगाई जाएगी. पार्टी के नेता संतोष पांडे इस मुहिम में लगे हैं.


ब्राह्मणों के सम्मान में मैदान में आ रही है बीजेपी


वैसे तो बीजेपी को ब्राह्मणों और बनियों की पार्टी कहा जाता है, लेकिन यूपी में विपक्ष ने ऐसी हवा बना दी है कि ब्राह्मण बीजेपी से खुश नहीं है. उसके लिए क़िस्म क़िस्म के बहाने बताए जा रहे हैं. अब कल से बीजेपी ने भी ब्राह्मणों के सम्मान में मैदान में आ रही है. नाम तो प्रबुद्ध सम्मेलन का दिया जा रहा है, लेकिन मन में आस वही है जिसकी आस में मायावती और अखिलेश यादव भी हैं. 5 सितंबर से बीजेपी ने प्रबुद्ध सम्मेलन शुरू करने का एलान किया है.


सीएम योगी आदित्यनाथ वाराणसी में रहेंगे तो पार्टी के यूपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह अयोध्या में,डिप्टी सीएम केशव मौर्य कानपुर में तो संगठन महामंत्री सुनील बंसल लखनऊ में रहेंगे. मामला दस प्रतिशत ब्राह्मण वोटरों का है. इसलिए बीजेपी ने तो सभा 403 विधानसभा सीटों पर प्रबुद्ध सम्मेलन करने का फ़ैसला किया है. ये चमत्कार वोट का ही है कि समाजवादी पार्टी, बीएसपी और बीजेपी तीनों पार्टियों में एक ही नारे लग रहे हैं परशुराम की जय.