(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वालों पर बीजेपी क्यों नहीं लगा पा रही लगाम?
आखिर क्या वजह है कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर बीजेपी अपने नेताओं की बिगड़ैल ज़ुबान पर लगाम नहीं कस पा रही है? नुपूर शर्मा के बाद अब तेलंगाना के विधायक टी राजा सिंह ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी है, जिसके बाद पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया है और बीजेपी ने भी उनको पार्टी से निलंबित कर दिया है.
बता दें कि नुपूर शर्मा का विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने अपने सभी प्रवक्ताओं के लिए एक गाइड लाइन जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि वे सार्वजनिक मंचों और टीवी चैनलों की डिबेट में संभलकर बोलें और खासकर किसी दूसरे धर्म के प्रति कोई भी विवादित बयान देने से बचें. चूंकि वे दिशा निर्देश पार्टी प्रवक्ताओं के लिए थे, लिहाजा हैदराबाद के गोशामहल से विधायक टी राजा सिंह पर इसका कोई असर नहीं हुआ.
उन्होंने विवादित बयान का न सिर्फ वीडियो बनाया बल्कि उसे सोशल मीडिया पर भी जारी कर दिया. बताया गया है कि इस वीडियो में उन्होंने नफ़रत फैलाने की सारी सीमाओं को लांघ दिया है, जो हैदराबाद समेत देश के अन्य हिस्सों में साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने वाला है.
इतना ही नहीं, विधायक महोदय की हिम्मत देखिये कि गिरफ्तार होते वक़्त उन्होंने मीडिया के आगे ये ऐलान भी कर दिया कि रिहा होने के बाद वे इसी तरह का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर जारी करेंगे. उनकी इस धमकी से समझा जा सकता है कि वे जानबूझकर दो धर्मों के लोगों के बीच नफ़रत व शत्रुता का माहौल पैदा करना चाहते हैं,जिसे क़ानून के राज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
हालांकि बीजेपी ने विधायक को पार्टी से निलंबित कर दिया है और कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा है. नोटिस में उनसे पूछा गया है कि क्यों न आपको पार्टी से निष्कासित कर दिया जाये. लेकिन सोचने वाली बात है कि ये ऐसा नाजुक मसला है, जहां बीजेपी नेतृत्व को थोड़ा और सख्त होने की जरुरत है.
ऐसे विवादित बयान देने वाले नेता के निलंबन की बजाय अगर उसका निष्कासन होगा, तो ये संदेश नीचे के काडर तक जाएगा कि सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने वाली किसी भी बयान को पार्टी बख्शेगी नहीं और ऐसा करने वाले को बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा.
दरअसल, बीजेपी विधायक ने स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी की आलोचना करते हुए सोमवार को एक वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में वह कथित तौर पर एक धर्म विशेष के खिलाफ विवादित टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं. फारुकी ने हाल ही में शहर में एक कार्यक्रम में प्रस्तुति दी थी.
ये पूरा विवाद छह मिनट तैंतीस सेकंड के वीडियो से जुड़ा है. इसमें विधायक ने विवादों में रहने वाले कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को निशाना बनाते हुए कई टिप्पणियां की हैं. उन्होंने कहा कि एक कॉमेडियन है जो थर्ड क्लास कॉमेडी करता है और हिंदुओं, बीजेपी के बड़े अधिकारियों को टारगेट करता है. भगवान रामचंद्र और सीता मैया के बारे में अपशब्द कहता है...''
आरोप है कि इस वीडियो में उन्होंने और भी कुछ अपमानजनक बातें कही हैं. वीडियो में उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है कि, ''जो जिस भाषा में सुनेगा, उसे टी राजा सिंह उसी भाषा में जवाब देगा. मेरा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था, लेकिन इसकी वजह है कि एक व्यक्ति ने मेरे राम और मेरी सीता माता के बारे में अपशब्द कहे और हमारे भगवानों पर कॉमेडी की. इसलिए आज मजबूरन मुझे भी ये कॉमेडी करनी पड़ रही है.''
वीडियो जारी होने के बाद सोमवार देर रात हैदराबाद में सैंकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आए और भाजपा विधायक को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे.विरोध बढ़ता देख पुलिस ने मंगलवार सुबह धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में भाजपा विधायक को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन अपनी गिरफ्तारी के दौरान विधायक ने जो बात कही है, वो हैरान-परेशान करने के साथ ही ये भी बताती है कि उन्हें कानून का कोई खौफ़ नहीं है.
राजा सिंह ने कहा, ‘‘उन्होंने यूट्यूब से मेरी वीडियो हटा दी है. मुझे नहीं पता कि पुलिस क्या करने जा रही है. जब मैं रिहा हो जाऊंगा तो निश्चित तौर पर वीडियो का दूसरा हिस्सा अपलोड करूंगा. मैं यह धर्म के लिए कर रहा हूं. मैं धर्म के लिए मरने को भी तैयार हूं’’
अब सवाल उठता है कि कॉमेडियन फारुकी ने अगर हिंदू धर्म के देवी-देवता का अपमान किया था,तो बीजेपी विधायक ने कानून का रास्ते अपनाते हुए उनके ख़िलाफ़ पुलिस में कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई? कोई भी जन प्रतिनिधि कानून से ऊपर नहीं है और न ही हमारे संविधान ने उसे दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने का हक ही दिया है.
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