तालिबान के कब्जे से बन रही है यूपी में सियासत की नई तस्वीर ?
तालिबान ने कब्जा तो अफगानिस्तान पर किया है लेकिन तख्तापलट की इस करतूत ने उतरप्रदेश की सियासत में ऐसे शोले भड़का दिये हैं जिसकी तपिश कम होती फिलहाल तो नहीं दिखती. सियासी नेताओं के बाद मशहूर शायर मुनव्वर राणा भी अब इसमें कूद पड़े हैं, लेकिन माहौल ही कुछ ऐसा बन चुका है कि उनकी कही बातों को भी मज़हबी चश्मे की नज़र से ही देखा जाएगा. बयान देने की एक अजीब -सी होड़ मच गई है, बगैर ये सोचे कि इससे समाज में कितना नुकसान हो सकता है.
कोई तालिबान से हमदर्दी जताने वाले जहरीले बयान दे रहा है, तो कोई उसके जवाब में धमकी भरे इशारों में ये अहसास करवा रहा है कि कोई भी तारीफ करने से पहले ये सोच लो कि उनके प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौन हैं.
तालिबान के बहाने देश के सबसे बड़े सूबे में नफरत की जिस सियासत को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसका अंजाम आगे चलकर उस मोड़ पर पहुंच सकता है जो पूरे मुल्क के अमन-चैन और भाईचारे के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसके लिए किसी एक सियासी पार्टी या किसी एक खास मज़हब को दोषी नहीं ठहरा सकते क्योंकि ताली दोनों हाथ से ही बजती है, लिहाजा माहौल खराब करने के लिए दोनों पक्ष ही समान रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे.
अगर कोई नेता आतंकवादियों के प्रति हमदर्दी जताने वाला बयान देता है, तो उसके खिलाफ कानून अपना काम करता है और इस मामले में भी सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दायर करके उसने अपना काम कर दिया है. लेकिन इसके जवाब में दूसरे पक्ष की तरफ से अगर संयम बरतने की बजाय चेतावनी वाली भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, तो मतलब यही निकाला जायेगा कि आग को ठंडा करने की बजाय और भड़काया जा रहा है, जो कि अफसोसजनक है.
यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों की तारीफ करने वाले नेताओं को खरी-खोटी सुनाते हुए उन्हें चेतावनी दी है. स्वतंत्र देव ने आज एक ट्वीट कर कहा कि "उत्तर प्रदेश में जो लोग आतंकवादियों के शुभचिंतक बन रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि उनके प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौन हैं."
दरअसल, सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने तालिबानी आतंकियों के पक्ष में बयान दिया था. स्वतंत्र देव ने इसी को लेकर दोनों पर निशाना साधा है. बेशक उन दोनों मुस्लिम नेताओं ने गलतबयानी करके पूरी कौम के लिए मुसीबत खड़ी कर दी, लेकिन बीजेपी नेता अपने इस बयान के जरिये पीएम मोदी और सीएम योगी की आखिर कौन-सी छवि पेश करना चाहते हैं?
हालांकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में तालिबान का समर्थन करने वालों की तीखी आलोचना करते हुए बिल्कुल सही कहा कि "समाज के सामने इन सभी के चेहरे एक्सपोज किए जाने चाहिए." वैसे भी ऐसे लोगों के चेहरे खुद ब खुद एक्सपोज़ हो रहे हैं, लिहाज़ा चंद सिरफिरों की ख़ातिर पूरी कौम को चेतावनी देने से समाज में अलगाव ख़त्म होने की जगह और बढ़ता है.
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