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BLOG: गंभीर के बाद किस स्टार बल्लेबाज से मायूस हैं क्रिकेट फैंस
गौतम गंभीर की कहानी अब चर्चा का विषय नहीं है. कप्तान और बल्ले से लगातार नाकाम रहने के बाद उन्होंने दिल्ली की कमान छोड़ दी. इसके बाद 23 साल के श्रेयस अय्यर को दिल्ली की कप्तानी सौंपी गई.
गौतम गंभीर की कहानी अब चर्चा का विषय नहीं है. कप्तान और बल्ले से लगातार नाकाम रहने के बाद उन्होंने दिल्ली की कमान छोड़ दी. इसके बाद 23 साल के श्रेयस अय्यर को दिल्ली की कप्तानी सौंपी गई.
श्रेयस अय्यर ने बतौर कप्तान शानदार शुरूआत की. कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैच में उन्होंने 40 गेंद पर 93 रनों की पारी खेली. इसमें सिर्फ 3 चौके और 10 छक्के शामिल थे. इसके बाद उनकी टीम ने कोलकाता पर 55 रनों की बड़ी जीत दर्ज की. इस जीत के साथ ही उन्होंने अपने उस दावे को जिंदा रखा जो उन्होंने कप्तानी संभालने के बाद किया था.
श्रेयस ने कप्तानी संभालने के बाद कहा था कि 6 मैच में सिर्फ एक जीत के बाद भी वो अपनी टीम के लिए आईपीएल का ये सीजन खत्म नहीं मानते हैं. वो पूरी कोशिश करेंगे कि उनकी टीम जीत की पटरी पर वापस लौटे. उन्होंने शुरूआत अच्छी कर दी है. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि कोलकाता के खिलाफ मैच में गौतम गंभीर को प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं बनाया गया. इसके पीछे बाद में शायद कोई तर्क दिया जाए लेकिन सीधा तर्क ये है कि गौतम गंभीर के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं. गौतम गंभीर ने इस सीजन में जो 6 मैच खेले थे, उसमें उन्होंने कुल मिलाकर 85 रन जोड़े थे. इस फॉर्म पर किसी भी खिलाड़ी का टीम में बने रहना संभव नहीं है. ऐसा ही हाल एक औऱ दिग्गज बल्लेबाज का है, जिसका नाम है युवराज सिंह.
युवराज के फॉर्म पर हैं सभी की निगाहें
इसे संयोग ही कहेंगे कि गौतम गंभीर की तरह ही युवराज सिंह भी बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं. भारत को पहला टी-20 विश्व कप जिताने में दोनों खिलाड़ियों का अहम रोल था. फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ गौतम गंभीर ने 54 गेंद पर 75 रनों की दमदार पारी खेली थी. जिसकी बदौलत भारत ने पाकिस्तान को 5 रनों से हराकर पहला टी-20 विश्व कप जीता था.
इसके अलावा 2011 विश्व कप में इन दोनों ही खिलाड़ियों ने अपना जलवा दिखाया था. युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिया गया था. गौतम गंभीर ने भी फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ बेहद अहम 97 रनों की पारी खेली थी. सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग के जल्दी आउट हो जाने के बाद गौतम गंभीर के उन 97 रनों की बदौलत ही भारतीय टीम मुकाबले में बनी रही. जिसे बाद में धोनी ने अपनी करिश्माई बल्लेबाजी से भारत के पक्ष में ही मोड़ दिया.
वही युवराज सिंह आज आईपीएल में बुरी तरह जूझ रहे हैं. इस सीजन में उनके पास कप्तानी तो नहीं है लेकिन वो किंग्स इलेवन पंजाब का अहम हिस्सा हैं. टीम के बल्लेबाजों में वो सबसे अनुभवी हैं. उन पर इस बात का दारोमदार है कि वो टीम को टॉप-4 तक पहुंचाने में अपने बल्ले से रोल निभाए. देखा जाए तो पंजाब की टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन युवराज सिंह का उसमें कोई रोल नहीं है. युवराज सिंह ने अब तक खेले 6 मैच की 4 पारियों में बल्लेबाजी की है. इन 4 पारियों से उनके खाते में सिर्फ 50 रन हैं. उनकी औसत 12.5 रनों की है. स्ट्राइक रेट 90 रनों से भी कम का है. टी-20 फॉर्मेट में अपने गगनचुंबी छक्कों के लिए मशहूर युवराज सिंह ने इस सीजन में अब तक सिर्फ एक छक्का लगाया है.
टी-20 फॉर्मेट में युवी का था जलवा
एक दौर था जब युवी टी-20 फॉर्मेट के बेताज बादशाह थे. शानदार बल्लेबाजी, चुस्त दुरूस्त फील्डिंग और जरूरत पड़ने पर उपयोगी गेंदबाजी. अब युवराज हर मोर्चे पर नाकाम दिख रहे हैं. इस सीजन में अभी तक उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला है. भूलना नहीं चाहिए कि ये वही युवराज सिंह हैं जिन्होंने 2007 टी-20 विश्व कप में 6 गेंद पर 6 छक्के लगाए थे. वो मैच क्रिकेट फैंस कभी भूल ही नहीं सकते जब स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में उन्होंने युवराज सिंह को एक के बाद एक छक्के लगाते देखा था.
यही वजह थी कि आईपीएल की शुरूआत से लेकर पिछले कुछ सीजन तक युवराज सिंह ना सिर्फ खतरनाक खिलाड़ी थे बल्कि आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ियों में शुमार थे. अफसोस इस बात का है कि उनकी मौजूदा फॉर्म इस तरफ इशारा कर रही है कि युवराज सिंह को भी अब जल्दी ही कोई बड़ा फैसला लेना होगा.
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