चार साल पुरानी बात है. दीवाली के जश्न में देश डूबा था और शाहरुख अपनी फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के प्रमोशन में जुटे थे. उत्सव के माहौल में फिल्म रिलीज हुई और पहले ही दिन फिल्म ने 45 करोड़ रुपये कमाकर सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए. ऐसा पहले ना कभी सुना गया था और ना कोई ये सोच सकता था. तब बड़ी-बड़ी फिल्में 35 करोड़ के आसपास ही पहुंच पाती थी, लेकिन 45 करोड़ बहुत बड़ी रकम थी. फिल्म ने पहले वीकेंड में 108 करोड़ कमाए.
पहला हफ्ता गुजरते-गुजरते 150 करोड़ से आगे निकल गई, लेकिन 200 करोड़ पार करते-करते हैप्पी न्यू ईयर ने दम तोड़ दिया.. तब ही पहली बार इंडस्ट्री में चर्चा चली कि बिना कहानी और एक्टिंग के ही शाहरुख की फिल्म ने पैसे बना लिए. पहले भी शाहरुख ने बुरी फिल्में की थीं, लेकिन ऐसे नतीजे कभी नहीं आए थे. क्योंकि बुरा होना आगे लिखा था. ये फिल्म शाहरुख के करियर की आखिरी सुपरहिट फिल्म साबित हो रही है. आज चार साल बाद शाहरुख ने मेहनत तो बहुत की लेकिन उनकी नई फिल्म ‘जीरो’ का सुपरहिट होना तो दूर 100 करोड़ के लाले पड़ गए हैं!
ढाई फुट के बौने के रोल के लिए शाहरुख के हर शॉट को पांच बार फिल्माया गया. शाहरुख ने फिल्म पर पानी की तरह पैसा बहाया. जिस बॉडी डबल के सहारे सितारे मुश्किल से मुश्किल रोल निभा जाते हैं उस बॉडी का इस्तेमाल शाहरुख ने सिर्फ रिहर्सल के लिए किया. दो साल पहले इसी तरह शाहरुख ने अपने ही फैन का किरदार निभाने के लिए जीतोड़ मेहनत की थी. डबल रोल में दो बिल्कुल अलग चेहरों और उम्र-शरीर के साथ शाहरुख ने एक्शन सीन भी किए.
ये वो दौर था जब डबल रोल में हमउम्र और हमशरीर होने से शाहरुख आगे बढ़कर बिल्कुल अलग ही तरह का डबल रोल निभा रहे थे. शाहरुख ने परदे पर दर्शकों को इसी बार की तरह चौंकाया तो था लेकिन फिल्म पिट गई. फिल्म ने महज 85 करोड़ रुपये कमाए. शाहरुख की ये फिल्म अपनी लागत भी नहीं निकाल पाई. दरअसल ‘हैप्पी न्यू ईयर’ के बाद 2015 में शाहरुख की ‘दिलवाले’ रिलीज हुई थी. करीब साल भर बाद. इस फिल्म को ‘हैप्पी न्यू ईयर’ जैसी ओपनिंग तो नहीं मिली, लेकिन फिल्म ने डेढ़ सौ करोड़ का बिजनेस जरूर कर लिया. अफसोस इस फिल्म को भी तारीफ के चार लफ्ज नहीं मिले.
शाहरुख-काजोल की जोड़ी की वापसी के उन्माद ने फिल्म को पहले हफ्ते में शानदार ओपनिंग दिलाई, लेकिन फिल्म के दूसरे हफ्ते तक दर्शकों ने थियेटर जाना उचित नहीं समझा. एक के बाद एक. दो बुरी फिल्में और अच्छा बिजनेस. शाहरुख की छवि को इस दौर ने बहुत नुकसान पहुंचाया, जिसकी कीमत वो आज भी अदा कर रहे हैं, वर्ना 27 साल के करियर में शाहरुख ने कई बुरे दौर झेले हैं. लेकिन इस बार शाहरुख जीतकर हारे हैं. शाहरुख हर बार कुछ नया और हैरान करने वाला लेकर आते हैं. इस वक्त भी शाहरुख की कोशिश वैसी ही है, लेकिन मेहनत सही जगह दिख नहीं पा रही. बड़े बैनर से और आगे बढ़कर शाहरुख बड़े निर्देशकों के साथ ही पर्दे पर आते हैं, ताकि रिस्क कम हो. लेकिन रिस्क है कि दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.
रोहित शेट्टी, मनीष शर्मा, इम्तियाज अली और अब आनंद एल राय. शाहरुख ने दांव तो भारी चला था, लेकिन वो उल्टा पड़ता जा रहा है. पिछली पांच फिल्मों में सिर्फ ‘रईस’ ही 100 करोड़ का बिजनेस पार कर पाई. ऐसे दौर में जब सिर्फ कहानी की बदौलत आयुष्मान खुराना की लगातार फिल्में हिट हो रही हैं.. राजकुमार राव जैसे एक्टर फायदे का सौदा बनते जा रहे हैं. शाहरुख कहानी छोड़कर बाकी सब जगह बेचैनी से मेहनत कर रहे हैं. ‘जीरो’ में तो शाहरुख ने 70 करोड़ रुपये सिर्फ तकनीक पर खर्च कर दिए. जितना साल की सुपरहिट फिल्मों स्त्री, बधाई हो और अंधाधुन का कुल बजट रहा. शाहरुख ने पैसा पानी की तरह बहाया है और मेहनत जीतोड़ की, लेकिन शाहरुख ने इसमें देर कर दी.
मसाला फिल्मों के नाम पर जो मसाला शाहरुख ने दर्शकों के सामने परोसा है उससे दर्शकों का हाजमा बिगड़ गया है. और शाहरुख को पता ही नहीं कि वो किस मर्ज की दवा लेकर बार-बार आ रहे हैं. 27 साल के करियर में ऐसा सूखा कभी नहीं पड़ा जब शाहरुख एक अदद हिट फिल्म के लिए तरस गए हों. हर साल-दो साल पर शाहरुख बड़ी हिट फिल्म देकर किंग की कुर्सी पर जमे रहे. कई सितारे आए और चले गए, लेकिन शाहरुख की बादशाहत कायम रही लेकिन इस बार उनका बुरा दौर खत्म ही नहीं हो रहा. पिछले साल टैलेंटेड इम्तियाज अली के साथ ‘जब हैरी मेट सेजल’ बनाई जिसने सिर्फ 62 करोड़ का बिजनेस किया.
बड़ी ओपनिंग हासिल करने के चक्कर में शाहरुख बड़ी फिल्मों से दूर होते चले गए. पहले दिन की कमाई का रिकॉर्ड चार साल बाद आमिर ने तोड़ा. फिल्म थी ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’, लेकिन सिनेमा के इतिहास में ये फिल्म पहले दिन की कमाई का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए तो नहीं याद रखी जाएगी. ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ ने शाहरुख को ‘हैप्पी न्यू ईयर’ का 'सदमा' जरूर याद दिलाया होगा. बड़े फिल्मकार, बड़ा बजट और बड़े बैनर का मोह छोड़कर बिजनेसमैन शाहरुख अगर जोखिम लेने वाले पुराने शाहरुख बन जाएं तो देर अब भी नहीं हुई है. वैसे भी शाहरुख कह चुके हैं- जीतने वाले को कभी-कभी बहुत कुछ हारना पड़ता है.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)