BLOG: जनवरी पर लगी हैं पूरे बॉलीवुड की निगाहें
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इस समय पूरे बॉलीवुड की निगाहें जनवरी के इस महीने पर लगी हुयी हैं. उसका पहला कारण तो यह है कि साल के पहले महीने में यदि एक दो सुपर हिट फिल्म आ जाएं तो फिल्म उद्योग में जोश आ जाता है. इसे अच्छा शगुन मान सभी को यह उम्मीद रहती है कि साल भर आगे भी अच्छी बड़ी सफलता मिलती रहेंगी. लेकिन इस बार जनवरी इसलिए और भी ख़ास है कि एक तो इस साल जनवरी में फिल्मकारों द्वारा अपनी फ़िल्में रिलीज़ करने की छटपटाहट कुछ ज्यादा ही है. दूसरा यह कि इस पहले ही महीने में कई प्रमुख और चर्चित फ़िल्में प्रदर्शित होने जा रही हैं. जिनमें 'द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर', 'ठाकरे', 'मणिकर्णिका', 'उरी' और 'रंगीला राजा' जैसी फ़िल्में शामिल हैं.
'द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर' के कारण फ़िल्में आगे खिसकीं यहां तक जनवरी के दूसरे शुक्रवार 11 जनवरी को पहले तो एक साथ 11 फिल्म प्रदर्शित करने की योजना बनी हुई थी. यदि ऐसा होता तो यह एक नया रिकॉर्ड बनता. लेकिन अब भी 11 जनवरी को 8 फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं. इनमें सबसे प्रमुख है 'द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर'. यह फिल्म अपने प्रदर्शन से पहले ही जिस तरह सुर्ख़ियों में आ गयी है. उससे इसके दर्शकों की संख्या बढ़ना स्वाभाविक है. थिएटर मालिकों ने भी इस फिल्म में इतनी दिलचस्पी दिखाई है कि उसे देखते हुए 11 जनवरी को लगने वाली कुछ और फिल्मों को थिएटर ही नहीं मिल पाए.
यहां तक इस दिन रिलीज़ होने वाली अन्य फिल्मों में से 'रंगीला राजा', बोम्बेरिया', 'उमाकांत पांडे पुरुष या? और 'अमावस' जैसी फ़िल्में अब आगे खिसक गयी हैं. पहले फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' कम थिएटर पर ही रिलीज़ होने वाली थी. लेकिन फिल्म के प्रोमो को मिले शानदार रिस्पांस और उसके बाद विवादों में आने से यह फिल्म इतनी 'हॉट' हो गयी है कि अपने देश में ही इसके हिंदी संस्करण को ही 1500 स्क्रीन्स पर रिलीज़ किया जा रहा है.
'द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर' इसलिए ज्यादा सुर्ख़ियों में है क्योंकि यह पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के 10 साल के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल पर उनके ही मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू का नजरिया कहती है. निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे की इस फिल्म में, डॉ मनमोहन सिंह की भूमिका में मशहूर अभिनेता अनुपम खेर हैं, जिन्हें अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुके हैं. जबकि सोनिया गांधी की भूमिका में सुजेन बनेर्ट और संजय बारू की भूमिका में अक्षय खन्ना हैं. फिल्म के प्रोमो से ही इतना शोर मच गया है कि कांग्रेस के कुछ लोग फिल्म का विरोध कर रहे हैं. जबकि बीजेपी इसके समर्थन में खड़ी दिखाई दे रही है.
'द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर' के अलावा जो और 7 फ़िल्में 11 अप्रैल को रिलीज़ हो रही हैं. उनमें 'उरी', 'बटालियन-609', 'खामियाजा –जर्नी ऑफ़ ए कॉमनमेन', 'झोल' '706', 'फलसफा' और 'प्यार से प्यार तक' के नाम हैं. हालांकि अंतिम समय में एक दो फ़िल्में आगे हो जाएं तो कहा नहीं जा सकता. इन फिल्मों में 'उरी' फिल्म भी अहम है क्योंकि यह एक्शन फिल्म भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर है. फिल्म में परेश रावल, विक्की कौशल और यामी गौतम जैसे कलाकार प्रमुख भूमिका में हैं.
साल के पहले शुक्रवार से डरते हैं फिल्मकार असल में जनवरी के पहले शुक्रवार को अधिकतर फिल्मकार अपनी फिल्म प्रदर्शित नहीं करते. क्योंकि बरसों से सभी के मन में यह डर है कि साल के पहले सप्ताह में फिल्म प्रदर्शित करने पर वह फ्लॉप हो जाती है. ऐसा कई बार हो चुका है जब भी किसी ने इस अन्धविश्वाश को न मानकर अपनी बड़ी फिल्म प्रदर्शित करने का साहस किया, वह फ्लॉप हो गयी. इसलिए पहले सप्ताह में कोई भी फिल्मकार बहुत विवश होकर अपनी किसी छोटी फिल्म को ही रिलीज़ करता है अन्यथा पहला सप्ताह खाली सा ही जाता है. इसलिए जनवरी के दूसरे सप्ताह में एक साथ कई फ़िल्में प्रदर्शन के लिए कतार में आ जाती हैं. लेकिन 11 जनवरी की कुछ फ़िल्में आगे खिसकने से इस बार जनवरी के तीसरे शुक्रवार 18 जनवरी को भी एक साथ सात फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं.
इस 18 जनवरी को जिन 7 फिल्मों को रिलीज़ करने की योजना है उनमें 'रंगीलाराजा' अहम है. 'रंगीला राजा' निर्माता पहलाज निहालानी की एक कॉमेडी फिल्म है. सेंसर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष निहालानी की यह फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा कुछ दृश्यआदि काटे जाने को लेकर तो चर्चा में रही ही. साथ ही निहालानी बरसों बाद गोविंदा के साथ अपनी वापसी कर रहे हैं. कभी पहलाज निहलानी की गोविंदा के साथ आई फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर काफी धमाल करती थीं. इस फिल्म में तो गोविंदा दोहरी भूमिका में हैं और उनके पुराने जोड़ीदार रहे शक्ति कपूर भी इस फिल्म में हैं. गोविंदा और शक्ति कपूर की कॉमेडी भी दर्शकों में काफी लोकप्रिय हुई है.इन फिल्मों के अलावा राधिका आप्टे की प्रमुख भूमिका वाली ब्लैक कॉमेडी 'बोम्बेरिया', अरशद वारसी और सारा लोरेन की 'फ्रॉड सैयां', इमरान हाशमी की 'व्हाई चीट इंडिया', फरहान अख्तर और अनु कपूर की 'द फ़क़ीर ऑफ़ वेनिस', अविनाश ध्यानी की '72 ऑवर्स' और मौलाना आज़ाद की जिंदगी पर बनी 'वो जो था एक मसीहा मौलाना आज़ाद' की भी 18 जनवरी को प्रदर्शित करने की योजना बनी हुई है.
25 जनवरी को 'मणिकर्णिका' और 'ठाकरे' के बीच होगा मुकाबला. इस सबके बाद जनवरी का चौथा और अंतिम शुक्रवार तो काफी अहम रहने वाला है. क्योंकि गणतंत्र दिवस के मौके पर इस 25 जनवरी को एक तो रानी लक्ष्मीबाई की जिंदगी पर बनी फिल्म 'मणिकर्णिका'-द क्वीन ऑफ़ झाँसी' प्रदर्शित हो रही है. जिसमें प्रसिद्ध अभिनेत्री कंगना रानौत रानी झांसी की भूमिका में हैं. साथ ही वह इस फिल्म से पहली बार निर्देशन में भी कुछ हाथ आजमा रही हैं.
सुरेश ओबेरॉय, अंकिता लोखंडे, अतुल कुलकर्णी और डैनी डेन्जोगप्पा जैसे कई कलाकार फिल्म मेंअहम भूमिका में हैं. क्योंकि कंगना पहले भी अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का दिल और राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीतती रही हैं इसलिए इस फिल्म से उम्मीदकुछ ज्यादा ही हैं. दूसरी ओर इस दिन प्रदर्शित होने वाली 'ठाकरे' महाराष्ट्र के सर्वाधिक चर्चित राजनेता और शिव सेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की जीवन गाथा पर आधारित है. इस फिल्म में बाला साहब ठाकरे की भूमिका नवाजुद्दीन सिद्दीकी कर रहे हैं और फिल्म के प्रोमो से ही यह फिल्म अपने प्रति एक खास आकर्षण बना चुकी है. अभिनेत्री अमृता राव भी इस फिल्म में हैं. इसलिए ऐसी कुछ फिल्मोंके कारण पूरे बॉलीवुड की निगाहें जनवरी पर लगी हुई हैं.
दिलचस्प बात यह है कि जनवरी में प्रदर्शित होने वाली इन फिल्मों में तीन तो सीधे बायोपिक ही हैं- 'मणिकर्णिका', 'ठाकरे' और 'मौलाना आज़ाद'. इसके अतिरिक्त 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जिंदगी के एक उस हिस्से को दिखाती है जब 10 साल वह प्रधानमंत्री रहे. ऐसे ही '72ऑवर्स' भी राइफलमैंन जसदेव सिंह रावत की शौर्यगाथा है जिन्होंने सन 1962 में चीन के भारत पर धोखे से किये अचानक आक्रमण के दौरान, अरुणाचल प्रदेश की रक्षा में विशेष भूमिका निभाई थी. इसके लिए उन्हें महावीर चक्र भी मिला था. यानी इस साल के पहले ही महीने 5 फ़िल्में ऐसी आ रही हैं जो बायोपिक और व्यक्ति विशेष के जीवन की घटनाओं पर आधारित हैं. ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ जब एक महीने में इस तरह की 5 फ़िल्में प्रदर्शित हुई हों. इसलिए भी यह जनवरी बेहद ख़ास हो गया है.
(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
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