एक्सप्लोरर

BLOG: राष्ट्रीय राजनीति में व्यापक बदलाव का संकेत है Exit Poll

एबीपी न्यूज-सीएसडीएस की सर्वे में एक्जिट पोल के आधार पर राष्ट्रीय राजनीति में व्यापक बदलाव होने के संकेत मिलते हैं. अखिलेश यादव द्वारा बीबीसी को दिया गया इंटरव्यू यह दर्शाता कि 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति अभी से तैयार हो रही है. जहां बीएसपी सुप्रीमो मायावती का एक अहम रोल होगा.

दरअसल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसे गैर एनडीए राजनीतिक दल पीएम मोदी के बढ़ते हुए ग्राफ को लेकर चिंतित हैं और साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए चक्रव्यूह तैयार करना चाहते हैं. मायावती का व्यक्तित्व और उनकी दलित समाज पर पकड़ एक महत्वपूर्ण कड़ी है जो आरएसएस के एजेंडे को कमजोर कर सकती है. यहां पर्दे के पीछे रणनितीकार प्रशांत किशोर के दिमाग और सोच को नकारा नहीं जा सकता है.

प्रशांत किशोर जो बीजेपी से नाराज होकर पहले नीतीश और फिर कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं, एक सूत्रधार की भूमिका में सक्रीय हैं. उनकी बोलने की कला, होमवर्क, मैनेजमेंट स्टाइल और सुनहरे ख्वाब दिखाने की कला राजनीतिक दलों को पसंद है. उत्तर प्रदेश में गैर बीजेपी सरकार का गठन पूरे देश की राजनीति को गति और दिशा प्रदान कर सकता है.

अगर 2019 में दिल्ली का रास्ता लखनऊ होकर ही जाता है तो पंजाब का परिणाम विपक्षी दल की भूमिका को तय करेगा. अगर पंजाब में कांग्रेस की जीत होती है तो वह एक ही झटके में बीजेपी-अकाली दल और आम आदमी पार्टी को ध्वस्त कर देगी. यह राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. ऐसे समय में जब राहुल गांधी अपने आप को एक काबिल राजनेता के रूप में प्रस्तुत करने की जद्दोजहद में है, पंजाब की जीत उनकी छवि को कांग्रेस के अंदर और बाहर दोनों जगह निखार देगी. लेकिन अगर कांग्रेस को आम आदमी हरा देती है तो पार्टी का राष्ट्रीय राजनीति में एक जूझारू विपक्ष की भूमिका पर सवालियां निशान खड़ा हो जाएगा.

पंजाब के अलावा अगर उत्तराखंड और गोवा में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक हुआ तो कांग्रेसियों का ना सिर्फ राहुल से मोहभंग होगा बल्कि उनका मनोबल भी टूट जाएगा. यूं तो कांग्रेस नेहरु गांधी के नाम के बूते ही चलती आ रही है, लेकिन राजनीति में लगातार पार्टी का गिरता ग्राफ, बिखराव और टूट की तरफ ले जा सकता है. ऐसे में प्रियंका गांधी के सक्रीय राजनीति में देर से आने के फैसले पर भी सवाल खड़े करेगा. यूपी के चुनाव से पहले भी बार-बार ऐसा आश्वासन दिया गया कि प्रियंका रैलियां और रोड शो करेंगी लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निराशा ही हाथ लगी.

उत्तराखंड की हार का ठीकरा भी राहुल गांधी के सिर पर फूटेगा. चुनाव के दौरान हरीश रावत अकेले मोर्चा संभालते दिखे. राष्ट्रीय नेता सिर्फ पंजाब और यूपी में ही धूल उड़ाते नजर आए. उत्तराखंड में कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी की तरफ कई नेता रुख कर गए. नेताओं की इस नाराजगी को दूर करने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने किसी भी तरह की पहल नहीं की. राज्य में यहां तक कहा जाने लगा कि चुनाव 'सोनिया-कांग्रेस' और 'मोदी-कांग्रेस' के बीच लड़ा गया.

राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी के खिलाफ लामबंद होना आसान काम नहीं है. मायावती, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच विरोधाभास बहुत ज्यादा है. व्यक्तित्व में असमानता, अपने आप पर गुमान और कार्यकर्ताओं को इकठ्ठा न कर पाना और जातिय समीकरण कुछ ऐसे बिंदु हैं जहां मोदी विरोधी लाख कोशिश करने के बाबजूद भी लामबंद नहीं हो पार रहे हैं.

राहुल और अखिलेश की अनुभवहीनता भी एक कमजोर कड़ी है. ऐसे में क्या प्रशांत किशोर 2019 तक इन तमाम खाईयों को भर पाएंगे यह देखना दिलचस्प होगा.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आकड़ें लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Weather Update: देश के इन राज्यों में बरस रही आसमानी आफत! जानें यूपी-बिहार से लेकर राजस्थान तक क्या है मौसम का हाल
देश के इन राज्यों में बरस रही आसमानी आफत! जानें यूपी-बिहार से लेकर राजस्थान तक क्या है मौसम का हाल
'अगर ये सच है तो फिर...', तिरुपति लड्डू विवाद पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान
तिरुपति लड्डू विवाद पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, जानें क्या कहा
पेरिस कॉन्सर्ट में Diljit Dosanjh पर किसी ने फेंका मोबाइल, सिंगर के रिएक्शन ने जीत लिया दिल
कॉन्सर्ट के बीच दिलजीत दोसांझ पर किसी ने फेंका मोबाइल, सिंगर ने दिया ऐसा रिएक्शन
IN Pics: बॉलीवुड एक्ट्रेस संग घर बसाना चाहते थे ये क्रिकेटर्स, लेकिन पूरी नहीं हो सकी मोहब्बत की 'कहानी'
बॉलीवुड एक्ट्रेस संग घर बसाना चाहते थे ये क्रिकेटर्स, लेकिन पूरी नहीं हो सकी मोहब्बत की 'कहानी'
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News: पीएम मोदी और Joe Biden के बीच शुरु हुई बातचीत | PM Modi US Visit | ABP NewsLebanon Pager Blast: Israel ने कसम खाई...जारी रहेगी लड़ाई! | ABP NewsDelhi New CM Atishi: Arvind Kejriwal का सलेक्शन...आतिशी के चेहरे पर इलेक्शन? | AAP | ABP NewsTirupati Prasad Controversy:  करोड़ों भक्तों को कष्ट, किसने किया 'धर्म'भ्रष्ट ? Breaking News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Weather Update: देश के इन राज्यों में बरस रही आसमानी आफत! जानें यूपी-बिहार से लेकर राजस्थान तक क्या है मौसम का हाल
देश के इन राज्यों में बरस रही आसमानी आफत! जानें यूपी-बिहार से लेकर राजस्थान तक क्या है मौसम का हाल
'अगर ये सच है तो फिर...', तिरुपति लड्डू विवाद पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान
तिरुपति लड्डू विवाद पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, जानें क्या कहा
पेरिस कॉन्सर्ट में Diljit Dosanjh पर किसी ने फेंका मोबाइल, सिंगर के रिएक्शन ने जीत लिया दिल
कॉन्सर्ट के बीच दिलजीत दोसांझ पर किसी ने फेंका मोबाइल, सिंगर ने दिया ऐसा रिएक्शन
IN Pics: बॉलीवुड एक्ट्रेस संग घर बसाना चाहते थे ये क्रिकेटर्स, लेकिन पूरी नहीं हो सकी मोहब्बत की 'कहानी'
बॉलीवुड एक्ट्रेस संग घर बसाना चाहते थे ये क्रिकेटर्स, लेकिन पूरी नहीं हो सकी मोहब्बत की 'कहानी'
Tirupati Laddu: सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने से पहले रहें सावधान, अमूल इंडिया ने दर्ज कराई एफआईआर
सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने से पहले रहें सावधान, अमूल इंडिया ने दर्ज कराई एफआईआर
'अब नहीं करूंगा ऐसी टिप्पणी', बोले बेंगलुरु के मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान कहने वाले हाई कोर्ट के जस्टिस
'अब नहीं करूंगा ऐसी टिप्पणी', बोले बेंगलुरु के मुस्लिम बहुल इलाके को पाकिस्तान कहने वाले हाई कोर्ट के जस्टिस
मरने के बाद क्यों आने लगती है शरीर से बदबू? जानें कितनी तेजी से होते हैं बदलाव
मरने के बाद क्यों आने लगती है शरीर से बदबू? जानें कितनी तेजी से होते हैं बदलाव
Skin Cancer: किन लोगों को सबसे ज्यादा होता है स्किन कैंसर, जानें क्या होता है कारण
किन लोगों को सबसे ज्यादा होता है स्किन कैंसर, जानें क्या होता है कारण
Embed widget