राहुल द्रविड़ + आक्रामकता = केएल राहुल
राहुल द्रविड़ ने जब 2012 में क्रिकेट को अलविदा कहा तब केएल राहुल की उम्र 20 साल के करीब थी. वो अंडर 19 विश्व कप खेल चुके थे.
राहुल द्रविड़ ने जब 2012 में क्रिकेट को अलविदा कहा तब केएल राहुल की उम्र 20 साल के करीब थी. वो अंडर 19 विश्व कप खेल चुके थे. इसके अलावा घरेलू क्रिकेट में भी उन्होंने अपनी जगह बना ली थी. आज 6 साल बाद उनमें कई बातें द्रविड़ जैसी दिखाई देती हैं. हालांकि इसे तुलना नहीं बल्कि संयोग माना जाना चाहिए. दोनों खिलाड़ियों के नाम में राहुल आता है. दोनों बैंगलोर के रहने वाले हैं. दोनों ने कर्नाटक के लिए घरेलू क्रिकेट खेली है. दोनों को काम भर की विकेटकीपिंग करनी आती है. दोनों भरोसेमंद बल्लेबाज हैं. एक बड़ा फर्क शायद ये है कि केएल राहुल, द्रविड़ के मुकाबले ज्यादा आक्रामक हैं. यही फर्क बदलते दौर की क्रिकेट में उन्हें और आकर्षक बनाता है.
इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के पहले मैच में उन्होंने जिस धुआंधार अंदाज में शतक बनाया उससे दिख गया कि उनके पास लंबी रेस का घोड़ा बनने की ताकत है. केएल राहुल ने इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ 54 गेंद पर नॉट आउट 101 रन बनाए. इसमें 10 चौके और 5 छक्के शामिल हैं. उनका स्ट्राइक रेट 187 से ज्यादा का था. उनकी बल्लेबाजी देखकर लगा ही नहीं कि इंग्लैंड टीम के गेंदबाज कहीं से भी उन्हें मुश्किल में डाल सकते हैं. ये केएल राहुल के टी-20 करियर का दूसरा शतक है. करीब दो साल पहले उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 करियर का पहला शतक जड़ा था. तब भी उन्होंने नॉट आउट पारी खेली थी.
केएल राहुल को लेकर विराट कोहली का जुआ विराट कोहली टी-20 में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते आए हैं. पिछले कुछ समय से वो इस पोजीशन पर एक्सपेरीमेंट कर रहे हैं. उनकी रणनीति बड़ी साफ है. वो पावरप्ले का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहते हैं. इसी नजरिए से उन्होंने टीम इंडिया के पुराने फटाफट एक्सपर्ट सुरेश रैना को इस पोजीशन पर बल्लेबाजी का मौका दिया. पहला विकेट जल्दी गिरने की सूरत में भी नंबर तीन के बल्लेबाज से विराट कोहली आक्रामक बल्लेबाजी कराना चाहते हैं. सुरेश रैना ने इस क्रम पर अच्छा प्रदर्शन किया है. अब विराट कोहली ने इसी पोजीशन पर केएल राहुल को आजमाना शुरू किया है. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 मैच में शिखर धवन पहले ही ओवर में आउट हो गए थे. लिहाजा विराट ने केएल राहुल को क्रीज पर भेजा. केएल राहुल ने आते ही आक्रामक बल्लेबाजी की, उन्होंने 27 गेंद पर ही 50 रन ठोंक दिए थे. टीम इंडिया का स्कोर 5.4 ओवर में 50 रन पहुंच चुका था.
वनडे और टेस्ट क्रिकेट में भी भरोसेमंद केएल राहुल ऐसे खिलाड़ी हैं जो फॉर्मेट के हिसाब से खुद को तुरंत ढाल लेते हैं. ये सीख उन्होंने शायद कप्तान विराट कोहली से ली है. आप विराट कोहली को देखकर भी ये अंदाजा लगा सकते हैं कि टेस्ट क्रिकेट और टी-20 फॉर्मेट खेलते वक्त उनकी बल्लेबाजी का अंदाज कितना जल्दी बदल जाता है. यही वजह है कि सुनील गावस्कर जैसे महान बल्लेबाज ने केएल राहुल के बारे में कहा है कि उनकी बल्लेबाजी सचिन तेंडुलकर और विराट कोहली के अंदाज की है. केएल राहुल की यही खासियत इशारा करती है कि उन्हें तीनों फॉर्मेट में टीम का नियमित सदस्य बनाया जाना चाहिए. फिलहाल टी-20 और टेस्ट के मुकाबले उन्हें वनडे टीम में नियमित मौका नहीं मिला है. टेस्ट टीम में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. अब तक खेले गए 24 टेस्ट मैचों में उन्होंने 1512 रन बनाए हैं. उनकी औसत 40 के आस पास है. वो 4 शतक और 11 अर्धशतक बना चुके हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शतक जड़े हैं. इसमें से इंग्लैंड के खिलाफ उनकी 199 रनों की पारी को छोड़ दें तो बाकि सभी शतक विदेशी पिचों पर लगे हैं. अब उनकी जरूरत वनडे टीम में है. करीब दो साल के करियर में उन्हें सिर्फ 10 वनडे मैचों में टीम में जगह मिली है. यहीं कहानी का पेंच है. विराट कोहली जिस रणनीति के साथ अगले साल होने वाले विश्व कप की तैयारियों में जुटे हैं, उससे लगता है कि वो केएल राहुल को लेकर आश्वस्त हैं. इसीलिए उन्होंने केएल राहुल को लेकर बड़ा जुआ खेला है.