अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक दशक से ज्यादा का तजुर्बा और डेढ़ सौ से ज्यादा विकेट मनिंदर सिंह की एक पहचान है. दूसरी पहचान है कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट. वो 80 का दशक था जब मनिंदर सिंह को बिशन सिंह बेदी का उत्तराधिकारी माना जाता था. इस विश्व कप में स्पिनर्स को लेकर उनकी क्या सोच है. हाल ही में मनिंदर सिंह लंदन में थे भी, उनका कहना है “मैं अभी हाल ही में इंग्लैंड में था और मैंने इंग्लैंड पाकिस्तान की सीरीज देखी. जिस तरह की पिचें मैंने देखीं मुझे लगा कि ये बहुत ही ‘पॉजिटिव साइन’ है भारतीय टीम के लिए क्योंकि भारतीय बल्लेबाज ऐसी पिचों पर बल्लेबाजी करना काफी पसंद करते हैं. ये लगभग वैसी ही पिचें हैं जैसी भारतीय मैदानों में होती हैं. ऐसे में इंडियन टीम के लिए ये बहुत सकारात्मक बात है क्योंकि भारतीय टीम अपनी बल्लेबाजी पर काफी निर्भर करती है. खासतौर पर टॉप ऑर्डर के तीन बल्लेबाज. इसी तरह की पिचें रहीं तो निश्चित तौर पर विश्व कप में ‘एडवांटेज इंडिया’ रहने वाला है.”


बल्लेबाजी से इतर असली सवाल तो टीम इंडिया के स्पिनर्स का है. कुलदीप यादव और चहल पिछले डेढ़ साल में फटाफट क्रिकेट में टीम इंडिया की कामयाबी की बड़ी वजह रहे हैं. क्या इन दोनों स्पिनर्स को हम ज्यादातर मैचों में साथ में देखेंगे. मनिंदर सिंह कहते हैं- “विश्व कप में जैसी पिचों पर भारतीय टीम को खेलना है मैं मानता हूं कि उसमें दो स्पिनर्स के साथ जाना ही चाहिए. इन कंडीशंस में ‘रिस्ट स्पिनर्स’ ही इफेक्टिव होंगे. अगर आप जडेजा की बात करें तो उन्हें ऐसी पिचें पसंद आती हैं जहां गेंद ‘टर्न’ हो रही हो. थोड़ी ‘रफ पिच’ हो. लेकिन ऐसी पिचें अभी तक इंग्लैंड में नहीं दिख रही हैं. जिस तरह की गर्मी पड़ रही है इंग्लैंड में ये भी तय है कि अच्छी बैटिंग पिचें मिलने वाली हैं सभी टीमों को. ऐसे में जो ‘रिस्ट स्पिनर’ हैं वो बहुत इफेक्टिव साबित होंगे. हमने पहले भी देखा है कि यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जब एक जोड़ी में गेंदबाजी करते हैं तो किस तरह से एक दूसरे को कॉम्पलीमेंट करते हैं. मुझे लगता है कि विराट कोहली को हर मैच में दो स्पिनर्स के साथ ही मैदान में उतरना होगा. वो दो स्पिनर्स मेरे हिसाब से यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव होने चाहिए.”


कुलदीप यादव और चहल दोनों रिस्ट स्पिनर हैं फिर दोनों को ही टीम में रखने के पीछे के तर्क के तौर पर मनिंदर सिंह कहते हैं- “ इंग्लैंड में मैदान कोई बहुत बड़े नहीं हैं. पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी मिलने वाली हैं. ऐसे में सिर्फ इंडिया नहीं बल्कि बाकि टीमों के लिए भी ‘रिस्ट स्पिनर्स’ का रोल अहम रहने वाला है. अगर आप ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका के लेग स्पिनर्स की बात करें तो मुझे लगता है कि ऐसे गेंदबाजों को ज्यादा विकेट मिलेंगी. इमरान ताहिर या एडम जैंपा जैसे गेंदबाज बहुत असरदार रहेंगे. भारतीय टीम के लिए जब मैं दो रिस्ट स्पिनर्स को खिलाने की बात करता हूं तो उसके पीछे की वजह भी यही है कि मैदान छोटे हैं और रिस्ट स्पिनर्स के पास वेरिएशन ज्यादा होती है. वो हर तरह की पिच पर गेंद को टर्न कराने की काबिलियत रखते हैं.”


ओवरऑल बात की जाए तो मनिंदर सिंह के मुताबिक इस विश्व कप में इंडिया के ‘चांसेस’ बहुत अच्छे हैं. वो कहते हैं- “भारत का बैटिंग लाइन अप बहुत स्ट्रॉन्ग लग रहा है और यहां कि पिच उसको सपोर्ट करेगी. पिछले 2 साल में टीम इंडिया के लिए सबसे चिंता की बात थी महेंद्र सिंह धोनी की फॉर्म लेकिन जिस तरह से उन्होंने आईपीएल में अपनी फॉर्म और लय दिखाई उससे लगता है कि वो भारत के लिए बहुत बड़ा ‘प्लस’ होगा. इसके अलावा हार्दिक पांड्या एक ऐसे ऑलराउंडर हैं जो आने वाले समय में टी-20 और वनडे क्रिकेट के चैंपियन बनने वाले हैं. वो भी बहुत अच्छी लय में है तो ये भी भारत के लिए फायदे की बात है. टॉप 3 बहुत अच्छी लय में हैं. धोनी अच्छी फॉर्म में हैं. हार्दिक पांड्या पूरे रंग में हैं. ऐसे में नंबर चार पर जिस भी बल्लेबाज को मौका मिला अगर वो भी लय में आ गया तो टीम इंडिया को हराना किसी भी टीम के लिए बहुत मुश्किल होने वाला है.”


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