एक साल के इंतजार के बाद आईपीएल का नया सीज़न जब शुरू होता है तो हर किसी की नजर पहले मैच पर जरूर होती है. पहला मैच टेस्ट मैच की पहली गेंद की तरह है. जो किसी पिच, किसी टीम या किसी खिलाड़ी के मिज़ाज का परिचय देती है. उस पर से 2019 आईपीएल का पहला मैच विराट कोहली की आरसीसी और धोनी की चेन्नई के बीच हो तो सुपर मुक़ाबले की उम्मीद लगाए हर कोई मैच पर आँख गड़ाए रहता है. 2019 सीजन जिस “हाई वोल्टेज एक्साइटमेंट” की उम्मीद के साथ शुरू था उस पर पानी फिर गया.

विराट कोहली की पूरी टीम सिर्फ़ 17.1 ओवर में 70 रन बनाकर आउट हो गई. पार्थिव पटेल को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज़ दहाई के आँकड़े तक नहीं पहुँच पाया. इसमें विश्व क्रिकेट के दो सबसे बड़े बल्लेबाज़ विराट कोहली और एबी डीविलियर्स भी शामिल हैं. इस आसान लक्ष्य को हासिल करने के लिए चेन्नई की टीम को किसी भी तरह के “रिस्क” लेने की ना तो ज़रूरत थी ना ही उन्होंने लिया.

धोनी की टीम ने आराम से बल्लेबाज़ी करते हुए 18वें ओवर में 3 विकेट खोकर जीत हासिल कर ली. इस आसान जीत का महत्व दोनों ही टीमों को तब समझ आयेगा जब प्लेऑफ़ की लड़ाई में एक-एक मैच का नतीजा अहमियत रखने लगता है. शनिवार को खेले गए इस “ओपनिंग” मैच का संदेश साफ है.

स्पिनर्स हैं आईपीएल के सुपरबॉस
चेन्नई और बैंगलोर के पहले मैच में कुल 13 विकेट गिरे. इसमें से दस विकेट स्पिन गेंदबाज़ों ने अपने नाम किए. भारतीय टीम से लंबे समय से बाहर चल रहे ऑफ़ स्पिनर ने तो हर किसी को अपने प्रदर्शन से चौंका दिया. भज्जी ने चार ओवर में सिर्फ़ बीस रन देकर तीन विकेट लिए. भज्जी ने विराट कोहली, मोइन अली और एबी डीविलियर्य को पवेलियन भेजा.

भज्जी के अलावा इमरान ताहिर और रवींद्र जडेजा ने बाकि काम निपटा दिया. इमरान ताहिर ने तीन और रवींद्र जडेजा ने दो विकेट लिया. इमरान ताहिर ने तो चार ओवर में सिर्फ़ नौ रन दिए. चेन्नई की टीम ने भी जो तीन विकेट गँवाए उसमें एक विकेट यजुवेंद्र चहल और एक मोइन अली नो लिया. इस तरह कुल निकालकर स्पिनर्स ने सिर्फ़ 69 रन देकर 10 विकेट झटके.

इस मैच के नतीजे से हर उस कप्तान को ख़ुशी हुई होगी जिन्होंने अपनी टीम में अच्छे स्पिनर्स को शामिल किया है. मौजूदा चैंपियन धोनी की चेन्नई सुपरकिंग्स ऐसी ही टीमों मे शामिल है. जिनके शानदार स्पिनर्स के सामने पहले मैच में कोई बल्लेबाज़ टिका ही नहीं.

आईपीएल में स्पिनर्स का हुआ है कायाकल्प
एक वक्त था जब आईपीएल में गेंदबाज़ी करने के नाम पर बडे से बडे स्पिनर की साँस सूख जाती थी. लेकिन पिछले तीन चार साल से स्पिनर्स ने असल में पूरी कहानी बदल दी. इसका श्रेय राशिद खान, सुनील नारायण, शाकिब अल हसन, यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव जैसे गेंदबाज़ों को जाता है. इन गेंदबाज़ों का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जो रूतबा है उसके पीछे इनके आईपीएल के प्रदर्शन का बड़ा रोल है. वैसे भी आईपीएल शुरू होते-होते गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है. पिच ऐसी हालात में पहुँच चुकी होती हैं कि स्पिन गेंदबाज़ों को ज्यादा मदद मिलती थी.

चार ओवर के स्पेल में गेंदबाज़ों ने मेहनत भी बहुत की. कई ‘वोरिएशन’ विकसित किए. गेंदबाज़ को ‘कंटेन’ करने की कला सीखी. जिससे उबकर बल्लेबाज़ ऊटपटाँग शॉट्स खेलें और अपना विकेट गँवा दें. 2018 में टॉप 10 गेंदबाज़ों में भी कई स्पिनर्स शामिल थे. प्लेयर ऑफ़ द सीरीज का ख़िताब भी सुनील नारायण के खाते में ही आया था. 2019 का सीज़न भी थी इसी संदेश के साथ शुरू हुआ है कि स्पिनर के चक्रव्यूह से बचने और उसे बनाने में जो टीम सबसे ज्यादा कारगर होगी उसका आगे का रास्ता साफ है.