साहब क्या आप मेरी मदद कर सकते हैं?’ उस पुलिसकर्मी के बेबसी से भरे शब्द आज भी मेरे कान में गूंज रहे हैं. 14 मई को मुंबई पुलिस के एक और पुलिस कर्मचारी की कोरोना से जंग लड़ते हुए निधन की खबर आई. मृतक का नाम था भगवान पारते. नाम सुना तो चौंक गया. इस पुलिसकर्मी ने 10 दिनों पहले कहीं से मेरा नंबर पाकर बड़ी व्यथित हालत में फोन किया था.


पारते अपने परिवार की हालत को लेकर काफी परेशान थे. महीने की शुरुआत में शिवाजी नगर की झुग्गी में एक लाश मिलने के कॉल पर वे गए थे. जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ी. हरारत महसूस होने पर जब टेस्ट कराया तो वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए. उसके बाद नवी मुंबई के एक अस्पताल में वे खुद ही जाकर भर्ती हो गए. 2 दिनों बाद उनकी पत्नी और बच्चे को एक क्वॉरंटाइन सेन्टर में ले जाया गया.


पारते के मुताबिक वहां की हालत नर्क जैसी थी. साफ सफाई और बेसिक सुविधाओं का अभाव था. जिस कमरे में उन्हें ठहराया गया था वो गंदा था. चादर काफी वक्त से धुली नहीं थी. कूड़ेदान उठाने वाला कोई नहीं था. पानी गर्म करने के लिये कोई सुविधा नहीं थी. उनसे कहा गया कि वे खुद ही कमरे को साफ करें. पारते मुझसे मदद चाह रहे थे कि मैं वहां की स्थिति ठीक करवाऊं ताकि उनके परिवार और सेंटर में रहने वाले बाकी लोगों को कष्ट न हो. मैंने उन्हें मदद का भरोसा दिया और निवेदन किया कि वे अपने बेटे से कहकर मुझे क्वॉरंटाइन सेंटर के भीतर का कुछ वीडियो भिजवा दें जिससे कि मैं वहां की हालत को अपने चैनल पर दिखा सकूं और प्रशासन से उनके आधार पर सवाल पूछ सकूं.


मुझे बातचीत के दौरान उनकी हालत सामान्य लग रही थी. बीच मे एक दो बार हल्की खांसी आयी होगी. मुझे लग रहा था कि वे भी ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो जाएंगे लेकिन इस दुखद खबर ने सन्न कर दिया. जिस वक्त उन्होंने मुझसे बातचीत की उस वक्त ऐसा लग रहा था कि उनकी हालत नियंत्रण में है, लेकिन मुझे शक है कि अस्पताल में उचित देखरेख के अभाव में उनकी हालत बिगड़ती गई और उनका निधन हो गया.


हाल में हमारे पास कई ऐसे वीडियो आये जिनसे ये पता चल रहा था कि कोरोना के लक्षण पाये जाने पर पुलिसकर्मियों को टेस्ट कराने से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के लिये काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. क्वॉरंनटीन सेंटर की बदहाली के भी कई मामले सामने आ रहे हैं. ज्यादातर शिकायतें साफ-सफाई और खानपान को लेकर मिल रही हैं. परिवार में किसी एक शख्स को कोरोना होता है तो उसकी सजा क्वॉरंटाइन सेंटर में पूरा परिवार भुगतता है.


महाराष्ट्र में कोरोना अब खाकी वर्दी वालों को भी बड़े पैमाने पर अपनी गिरफ्त में लेने लगा है. राज्य में अब तक करीब 600 पुलिसकर्मी कोरोना ग्रस्त हो गये हैं. जिनमें से 10 की मौत हो चुकी है. इनमें से 7 पुलिसकर्मी अकेले मुंबई शहर से हैं. महाराष्ट्र के पुलिसकर्मियों पर बीमारी और थकान के चलते राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की 20 कंपनियों की मांग की है ताकि उन्हें राहत दी जा सके. बीमारी और थकान क अलावा कई असामाजिक तत्वों ने भी पुलिस की चुनौतियां बढ़ा दीं है जो कि लॉकडाउन पर अमल करवाते वक्त पुलिसकर्मियों पर हमला कर देते हैं.


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