एक्सप्लोरर

BLOG: टॉयलेट ही नहीं, औरतों के लिए बंद बाथरूम भी स्वच्छ भारत का सपना हो

सेंसस का 2011 का डेटा कहता है कि शहरों में 13 प्रतिशत और गांवों में 55 प्रतिशत, कुल मिलाकर देश में हर 100 में से 42 घरों में बंद बाथरूम नहीं है.

स्वच्छ भारत के वादे कितने पूरे हुए, अभी इस पर चर्चा चल ही रही थी कि एक आंकड़ा और उभरकर आने लगा. भारत के 55 प्रतिशत ग्रामीण घरों में बंद बाथरूम है ही नहीं. औरतों के खुले में शौच के कारण उनके यौन उत्पीड़न की आशंका होती है और खुले में नहाने से क्या होता है... इस पर भी विचार किया जाना चाहिए. औरतें वहां कैसे सेफ रह सकती हैं. पब्लिकली शर्मिन्दगी से बचने के लिए कपड़े पहनकर नहाती हैं और यह उनकी सेहत के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता. इस मुद्दे पर टाटा ट्रस्ट के सहयोग से एक रिपोर्ट आई है जिसमें पांच राज्यों, ओड़िशा, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 44 गांवों की औरतों से बातचीत की गई और पता चला कि इनमें रहने वाली औरतें तालाबों के किनारे, खुले में, साथिनों के साथ नहाती हैं. अक्सर पूरे कपड़े पहनकर. चूंकि इसके अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है. सेंसस का 2011 का डेटा कहता है कि शहरों में 13 प्रतिशत और गांवों में 55 प्रतिशत, कुल मिलाकर देश में हर 100 में से 42 घरों में बंद बाथरूम नहीं है. जिस समाज में कपड़ों से औरतों को चरित्र तय होते हैं, उसमें इस हालत पर आप हंस भी नहीं सकते. शर्म से आंखें झुका सकते हैं. शर्म इस बात की कि विकास के तमाम दावों के बीच अभी लोगों की बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं हुई हैं. कपड़े पहनकर नहाने से क्या होता है?

डॉक्टर कहते हैं कि नहाने का मतलब सिर्फ दो मग पानी उड़ेल लेना नहीं होता. नहाने का मतलब होता है शरीर की सफाई. यह कपड़े पहनकर नहाने से नहीं होने वाला. इससे औरतों को गाइनी प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. चूंकि शरीर के सभी अंगों की अच्छी तरह से सफाई नहीं हो पाती. इसके अलावा एक समस्या और हो सकती है. पुणे के सेंटर फॉर डेवलपमेंट रिसर्च ने बोकारो के गांव चमराबाद में एक पायलट स्टडी की. इसमें पाया गया कि वहां की 73 प्रतिशत औरतें पीरियड्स में कपड़े का इस्तेमाल करती हैं. ये अधिकतर उस कपड़े को उसी तालाब पर धोती हैं, जहां नहाती हैं. इससे पानी के गंदे होने की आशंका होती है. बाकी जो औरतें सेनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं, उनमें से सिर्फ 3.4 प्रतिशत उन पैड्स का सही तरीके से निस्तारण करती हैं. 17 प्रतिशत तो उन पैड्स को तालाब में फेंक देती हैं. तालाब के नीचे ये पैड्स जमा होते रहते हैं. क्या यह जीवन जीने का स्वस्थ तरीका है? यूं साफ-सफाई की बात करना और बात है, उसके लिए इंतजाम करना और बात. अक्सर शौच और नहाने-धोने जैसे विषयों पर लोग चर्चा करना पसंद नहीं करते. खास तौर से जहां बात औरतों पर केंद्रित हों. औरतें खुद इस पर बात करने से कतराती हैं.

चुप्पी की संस्कृति औरत की खासियत मानी जाती है. जो चुपचाप रहती हैं, भली मानी जाती हैं. चिल्लाकर अपनी बात कहने वाली मरखनी गाय सरीखी होती है. ऐसे में यह कौन कहे कि नहाने के लिए बाथरूम चाहिए. जिस काम में दो-तीन मिनट लगते हों, उसके लिए इतना खर्चा काहे को करना. फटाफट काम खत्म करके, घर के काम में जुट जाती हैं. शौचालय चूंकि पूरे परिवार का मामला है, इसीलिए इस पर सभी का ध्यान गया. बंद बाथरूम सिर्फ औरतों का विषय है, इसलिए इस पर चर्चा हुई ही नहीं.

वैसे देश पानी के बड़े संकट से जूझ रहा है. नीति आयोग ने हाल ही में कंपोजिट वॉटर मैनेजमेंट इंडेक्स का दूसरा संस्करण जारी किया है. इसमें कहा गया है कि फिलहाल लगभग 82 प्रतिशत लोग पानी की कमी झेल रहे हैं. इंडेक्स का अनुमान है कि 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध आपूर्ति से दोगुना होने वाली है.

जब पीने का पानी पूरा नहीं, तो नहाने के लिए अलग से पानी कहां से आएगा. ऐसे में बंद बाथरूम मिल भी जाए तो उसमें पानी नदारद ही होगा. पाइप्ड पानी के बिना बाथरूम में नहाना कैसा. पानी दूर से भरकर लाने से तो अच्छा है कि तालाब पर ही चल पड़ो. बात वहीं की वहीं बनी रही. इस विषय पर चर्चा करने के समय हम अक्सर एक हाउसहोल्ड यूनिट की कुछ यूं कल्पना करते हैं कि सबके पास पक्के मकान हैं. पक्के मकान में बाथरूम और टॉयलेट न हो तो कैसा लगता है. हम भारत के विकास की बात करने लगते हैं. लेकिन दरअसल कच्चे, घास-फूस या छप्पर वाले घरों में पक्के मकान से कॉन्सेप्ट नहीं होते. एक कमरे में खाना पकाना, सोना, वगैरह सब कुछ होता है. ऐसे घरों में बाथरूम की अवधारणा कहां से आएगी. न ही शौचालय का निर्माण होगा. ऐसे समुदायों के लिए कम्यूनिटी टॉयलेट और बाथरूम की जरूरत होती है. वह बन भी जाता है तो सैनिटेशन के लिए सैप्टिक टैंक और पाइप्ड पानी का बंदोबस्त नहीं है. ऐसे में बाथरूम और टॉयलेट सिर्फ ढांचा भर रह जाते हैं.

इन खबरों के बीच एक अच्छी खबर भी है. पुणे में पुरानी सरकारी बसों को मोबाइल बाथरूम में बदला गया है. म्यूनिसिपल कमीश्नर की अगुवाई में एक कंपनी ने पोर्टेबल टॉयलेट्स दिए और बस को रेस्टरूम बना दिया गया. इन बसों में टॉयलेट्स के साथ-साथ नहाने का स्पेस भी है. सैनिटरी पैड्स भी मिलते हैं और बच्चों को स्तनपान कराने वाली जगह भी बनाई गई है. पीने का पानी और चाय-कॉफी भी मिलती है. ऐसी व्यवस्था अगर दूसरी जगहों पर की जाए तो कुछ रास्ते निकल सकते हैं. वरना, औरतों की तमाम समस्याओं की तरह इस समस्या पर भी चुप्पी सधी रहेगी. विकास के मॉडल को धक्का देकर धकेला जाएगा जिसमें औरतों की जरूरतें दबती-कुचलती रहेंगी.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

महाराष्ट्र के CM रेस में कौन आगे? एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बड़ा खुलासा, लिस्ट में कई दिग्गज
महाराष्ट्र के CM रेस में कौन आगे? एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बड़ा खुलासा, लिस्ट में कई दिग्गज
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
महाराष्ट्र के CM रेस में कौन आगे? एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बड़ा खुलासा, लिस्ट में कई दिग्गज
महाराष्ट्र के CM रेस में कौन आगे? एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बड़ा खुलासा, लिस्ट में कई दिग्गज
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
हेयर कलर करने से तेजी में सफेद होने लगते हैं बाल, जानें क्या कहतें है एक्सरर्ट?
हेयर कलर करने से तेजी में सफेद होने लगते हैं बाल, जानें क्या कहतें है एक्सरर्ट?
कड़ाके की ठंड की होने वाली है एंट्री! यूपी-हरियाणा में घने कोहरे का अलर्ट तो इन 11 राज्यों में होगी भीषण बारिश
कड़ाके की ठंड की होने वाली है एंट्री! यूपी-हरियाणा में घने कोहरे का अलर्ट तो इन 11 राज्यों में होगी भीषण बारिश
ट्रंप का अमेरिका में मास डिपोर्टेशन का प्लान, लेकिन 1 करोड़ 10 लाख लोगों को निकालना नहीं आसान
ट्रंप का अमेरिका में मास डिपोर्टेशन का प्लान, लेकिन 1 करोड़ 10 लाख लोगों को निकालना नहीं आसान
Embed widget