BLOG: अब नंबर 4 का बल्लेबाज खोजने के लिए विराट और शास्त्री के पास है 4 साल का वक्त
जो काम भारतीय टीम मैनेजमेंट 2 साल में नहीं कर पाया उसके लिए अब उन्हें चार साल का वक्त मिल गया है. अगला विश्व कप तो चार साल बाद ही आएगा.
जो काम भारतीय टीम मैनेजमेंट 2 साल में नहीं कर पाया उसके लिए अब उन्हें चार साल का वक्त मिल गया है. अगला विश्व कप तो चार साल बाद ही आएगा. इस पोजीशन पर बल्लेबाजी करने के लिए विराट कोहली और रवि शास्त्री जैसा बल्लेबाज चाहते हैं उसे खोजने के लिए अब उनके पास भरपूर समय है. लेकिन क्या आपको लगता है कि अगले चार साल में भी भारतीय क्रिकेट के ये दोनों दिग्गज इस परेशानी से निजात पा सकेंगे? इसका जवाब है नहीं क्योंकि बतौर कप्तान और कोच इस जोड़ी ने नंबर चार की पोजीशन के लिए कुछ ज्यादा ही प्रयोग कर दिए.
इन प्रयोगों के बाद अंबाती रायडु के तौर पर एक अच्छा परिणाम सामने आया लेकिन विराट कोहली और रवि शास्त्री ने उस परिणाम को नजरअंदाज कर फिर से प्रयोगों का दौर शुरू कर दिया. नतीजा अब सभी के सामने हैं. विराट कोहली कह रहे हैं कि टीम इंडिया सिर्फ 45 मिनट के खराब खेल की वजह से विश्व कप से बाहर हो गई. विराट कोहली, रवि शास्त्री और चयनकर्ताओं को शायद ये नहीं दिख रहा है कि उनकी अनदेखी से आहत अंबाती रायडु ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट संन्यास ही ले लिया. भारतीय क्रिकेट में इस तरह की बगावत कम ही हुई है. इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है.
आखिरी वक्त तक प्रयोग से बचना चाहिए था
टूर्नामेंट की शुरुआत में जब शिखर धवन को चोट लगी तो टीम मैनेजमेंट को किस्मत से अपनी गलती सुधारने का मौका मिला था. केएल राहुल को प्लेइंग 11 में जगह देने के लिए नंबर चार पर खिलाया जा रहा था. बेहतर हुआ होता अगर वो सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी को निभाते और नंबर चार के लिए अंबाती रायडु को लाया जाता. लेकिन टीम मैनेजमेंट ने ऐसा नहीं किया. इसके बाद विजय शंकर जब चोट की वजह से टीम से बाहर हुए तो टीम मैनेजमेंट ने मयंक अग्रवाल को इंग्लैंड बुलाया. उसी वक्त विराट कोहली से पूछा जाना चाहिए था कि विजय शंकर का रीप्लेसमेंट मयंक अग्रवाल कैसे हो सकते हैं. ऐसा लगता है कि शुरुआती दौर में विजय शंकर के चयन के बाद अंबाती रायडु की टिप्पणी टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को चुभ गई थी और उन्होंने तय कर लिया था कि और चाहे जो हो जाए लेकिन अंबाती रायडु के लिए अब टीम इंडिया के दरवाजे बंद हो चुके हैं.