एक्सप्लोरर

Blog: मुफ्त सफर का आनंद, आखिर औरतों को और मौके तो देगा ही

फ्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अधिक से अधिक औरतें दूर जाकर काम कर सकती हैं और पढ़ाई कर सकती हैं. मतलब उन्हें अधिक से अधिक मौके मिल सकते है.

बड़े टैक्सपेयर्स परेशान हैं. उन्हें आशंका है कि उनके चुकाए गए मोटे टैक्स से दिल्ली सरकार फ्री-बीज़ बांटने में लगी है. मेट्रो और दिल्ली परिवहन की बसें औरतों को मुफ्त यात्रा का आनंद देने जा रही हैं. उसके पैसे कौन चुकाएगा... हम टैक्सपेयर्स. अपनी कीमत पर हम किसी दूसरे को सुख देने को कभी तैयार नहीं होते. इसके पीछे दलील देते हैं कि सरकार आगामी चुनावों में वोट बटोरने की तैयारी कर रही है. कर भी रही है तो क्या... हर सरकार यही करती है. इस बीच किसी का फायदा हो जाए तो क्या बुरा है.

दिल्ली सरकार पूरी तैयारी में है कि मेट्रो और बसों में औरतों को मुफ्त सफर का मौका मिल जाए. इस योजना पर काम चल रहा है, यह बात और है कि घोषण पहले हो गई, प्रस्ताव बाद में बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री केजरीवाल-उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की जोड़ी कह रही है कि यह महिला सशक्तीकरण में निवेश है. सरकार इसके लिए खर्चा करने से परहेज नही करेगी. तर्क-कुतर्क करते रहिए- पब्लिक ट्रांसपोर्ट के मुफ्त और सस्ते होने में किसी को कोई कष्ट नहीं होना चाहिए. श्रम बाजार में महिलाओं की मौजूदगी वैसे भी कम है. दिल्ली में सिर्फ 11% औरतें घर से बाहर निकलकर काम करती हैं. कई अध्ययनों में कहा गया है कि इन 11% कामकाजी औरतों के एक बड़े हिस्से की कोशिश यह होती है कि वे घर के पांच किलोमीटर के दायरे में ही काम करें. औरतें अपने आस-पास काम इसलिए भी तलाशती हैं क्योकि घर से दूर जाना उन्हें बहुत सेफ नहीं लगता. इनके मुकाबले आदमी औसत 12 किलोमीटर के दायरे में काम करते हैं. फ्री पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अधिक से अधिक औरतें दूर जाकर काम कर सकती हैं और पढ़ाई कर सकती हैं. मतलब उन्हें अधिक से अधिक मौके मिल सकते है. फिर निम्न आय वर्ग की औरतों के लिए मुफ्त और सस्ती यात्रा बहुत मायने रखती है. अगर वे अधिक से अधिक संख्या में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करती हैं तो दूसरी औरतों के लिए भी बाहर निकलकर काम करना आसान होता है. पब्लिक स्पेस में जब औरतें, दूसरी औरतें को अधिक से अधिक देखती हैं तो उन्हें अधिक सुरक्षित महसूस होता है.

यूं पब्लिक स्पेस में औरतों का होना बहुत जरूरी है. हम औरतों को सिर्फ काम के लिए बाहर निकलते देखना पसंद करते हैं. रेस्त्रां, पार्क, सिनेमाघरों में अकेली औरतों के बारे में कभी नहीं सोचते. लेजर यानी आनंद पर अधिकतर पुरुषों का वर्चस्व है. वह अकेला इधर-उधर घूम सकता है, रेस्त्रां में खाना खा सकता है, सिनेमा देख सकता है, पार्क में घास पर मस्त अकेला लेट सकता है. औरतों को अकेले यह सब करते देखना अजीब सा लगता है. 2011 में समीरा जैन ने एक डॉक्यूमेंटरी बनाई थी- मेरा अपना शहर. उसमें लेडी इर्विन कॉलेज की प्रोफेसर कोमिता ढांडा ने काम किया था. समीरा ने कोमिता को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अकेले खड़े होने को कहा. कोमिता कभी किसी फुटपाथ पर खड़ी हुईं, कभी पार्क में घास पर लेट गईँ. फिर कैमरे से लोगों के रिएक्शंस को कैप्चर किया गया. ऐसा महसूस हुआ कि लोग अकेली औरत को अजीबो-गरीब नजरों से देखते हैं. औरत पब्लिक स्पेस में अकेली अच्छी नहीं लगतीं. न चाय की गुमटी पर अकेले चाय पीती, न पार्क में अकेली बैठी, न सिगरेट-पान के स्टॉल के पास खड़ी. पब्लिक स्पेस में काम है तो काम खत्म करो, और उस जगह को खाली कर दो. यूं ही मटरगश्ती करना, आवारागर्दी का सबब माना जाता है. यह हक किसी का भी है. अपने शहर के पब्लिक स्पेस पर सभी का हक बराबर है. मेट्रो के मुफ्त सफर से यह हक पुख्ता होता है. यूं औरतों को कुछ और हक भी मिलने चाहिए. उन्हें साफ सुथरे और सुरक्षित पब्लिक टॉयलेट्स भी मिलने चाहिए. सड़कों पर पूरी लाइट्स होनी चाहिए- क्योंकि रोशनी वाले इलाके औरतों को हमेशा सुरक्षित महसूस कराते हैं. औरतों की भागीदारी दूसरी तरह की भी होती है. अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चलाने वाली औरते होंगी- सड़कों पर जरूरी सामान बेचने वाली औरतें होंगी- अगर फिलिंग स्टेशनों पर महिला कर्मचारी होंगी- अगर महिला ट्रैफिक पुलिस होंगी तो औरतें और सुरक्षित महसूस करेंगी.

2017 में दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने महिलाओं और परिवहन पर एक पैनल का गठन किया था. उस पैनल ने सुझाया था कि दिल्ली की बसों में बिटवीन स्टॉप्स की व्यवस्था भी की जाए. मेट्रो और बसों में लास्ट मिनट कनेक्टिविटी के साथ यह भी जरूरी है. बिटवीन स्टॉप्स में यह व्यवस्था होती है कि बस में सफर करने वाली औरतें बस को किसी ऐसे स्थान पर रुकवा कर सकती हैं जहां से वे अपने घर सुरक्षित पहुंच सकें. ऐसी व्यवस्था कनाडा के टॉरेंटो शहर में है. 90 के दशक से वहां ऐसी व्यवस्था है. रात को नौ बजे से सुबह के पांच बजे के बीच औरतें इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकती हैं. जैसे अपने यहां मेट्रो स्टेशन हैं, वैसे वहां सबवे प्लेटफॉर्म्स हैं. वहां पब्लिक टेलीफोन्स भी होते हैं. इंटरकॉम से स्टेशन ऑपरेटरों से संपर्क भी किया जा सकता है. स्टेशन की इंट्री पर, कई बसों और स्ट्रीट कारों में भी टेलीफोन की व्यवस्था है. हर ट्रेन कैरिएज की इंट्री पर इमरजेंसी बटन होता है.

दिल्ली सरकार क्या, पूरे देश में ऐसी व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए. महिलाओं क्यों, सभी को सस्ते पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जरूरत है. यह व्यवस्थाएं दुनिया के बहुत से देशों में हैं. पेरिस से लेकर मॉस्को और ताइवान से लेकर मलयेशिया में कई रूट्स पर मुफ्त परिवहन की व्यवस्था है. बेल्जियम के दो शहरों में नाइट बस सर्विस मुफ्त है. थाईलैंड के बैंकॉक में 73 रूट्स पर 800 बसों में लोग मुफ्त यात्रा कर सकते हैं. दिल्ली में मेट्रो में औरतों को मुफ्त सफर का आनंद देना कोई अकेली योजना नहीं है. हां, इसके लिए तकनीकी तैयारी करने की जरूरत है. चूंकि मेट्रो में प्रवेश और निकासी के लिए टोकन और कार्ड्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो सभी के लिए एक बराबर हैं. मुफ्त सेवा की स्थिति में औरतों की यात्रा का रिकॉर्ड अलग करना होगा. उन्हें कैसे काउंट किया जाएगा. फिर यह भी देखना होगा कि इसकी जो लागत होगी, उसे कौन उठाएगा- ताकि आर्थिक दबाव के कारण मेट्रो और बस सेवाएं प्रभावित न हों. दिलचस्प बात यह है कि चुनावों को देखते हुए घोषणा करते समय दिल्ली मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन से कोई सलाह नही ली गई. अब देखना यह है कि डीएमआरसी कैसे इस घोषणा को फलीभूत करता है और महिलाओं के लिए यात्रा को आसान और मुफ्त बनाता है.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Shah Rukh Khan Death Threat: शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
शाहरुख खान को मारने की धमकी देने वाले शख्स के थे ये खतरनाक मंसूबे, हुआ खुलासा
Virender Sehwag Son: जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
जैसा पिता, वैसा बेटा! वीरेंद्र सहवाग के नाम 6 दोहरे शतक, अब 17 साल के बेटे ने किया कमाल
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
ठंड शुरू होते ही ऐसे बनाएं मक्के दी रोटी और सरसों का साग, ये रही रेसिपी
ठंड शुरू होते ही ऐसे बनाएं मक्के दी रोटी और सरसों का साग, ये रही रेसिपी
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
कड़ाके की ठंड की होने वाली है एंट्री! यूपी-हरियाणा में घने कोहरे का अलर्ट तो इन 11 राज्यों में होगी भीषण बारिश
कड़ाके की ठंड की होने वाली है एंट्री! यूपी-हरियाणा में घने कोहरे का अलर्ट तो इन 11 राज्यों में होगी भीषण बारिश
Embed widget