यूं टीवी को देश में आये तब तक 40 साल हो चुके थे. अपने सीरियल की जबरदस्त लोकप्रियता के कारण तब तक यह छोटा पर्दा काफी लोकप्रिय और सशक्त बन चुका था. फिर भी कुछ लोग तब तक टीवी को ‘इडियट बॉक्स’ कहने से नहीं हिचकते थे. फिल्मों के बड़े कलाकार भी तब टीवी पर काम करना अपनी शान के खिलाफ समझते थे. लेकिन भारतीय टेलीविजन के इतिहास में 3 जुलाई 2000 के दिन ने रात होते होते ऐसी करवट ली कि मानों सभी की जिंदगी बदल गई. यह वह तारीख थी जिस दिन टीवी पर ‘कौन बनेगा करोड़पति’ नाम का वह टीवी शो शुरू हुआ था जिसने सभी कुछ ऐसा बदला कि टीवी का यह छोटा पर्दा एक झटके में इतना बड़ा हो गया कि सभी हैरान रह गए. ‘केबीसी’ के बाद कोई भी टीवी को ‘इडियट बॉक्स’ कहने का साहस नहीं कर सका. दर्शकों का टीवी देखने का नजरिया ही बदल गया.
माना जाता था कि टीवी मुख्यतः समाचारों के लिए है या फिर जहां चित्रहार, फीचर फिल्म्स और सीरियल के साथ विभिन्न किस्म के मनोरंजन के रंग मिलते हैं. लेकिन यही टीवी कभी ज्ञान के भंडार खोलकर बड़ी से बड़ी धन राशि कमाने का साधन भी बन सकेगा, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था. यहां तक उन अमिताभ बच्चन को भी इस बात का अनुमान नहीं था कि यह ‘केबीसी’ उनकी निराश, उदास जिंदगी को रोशन कर पहले से भी बड़े शिखर पर विराजमान कर देगा.
उसी ‘केबीसी’ का अब दशम अवतार
देश में करीब 18 साल पहले शुरू हुए ‘केबीसी’ का सफ़र अब उसके दसवें सीजन तक पहुँच गया है. तीन सितम्बर से एक बार फिर हर रोज सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे अपने इस टीवी शो के साथ अमिताभ बच्चन प्रतियोगियों, दर्शकों के सामने होंगे. यह दसवां सीजन पूरे 60 एपिसोड यानी तीन महीने तक चलेगा. पूरा देश एक बार फिर लीजेंड अमिताभ बच्चन की बातों से अभिभूत होगा. प्रतियोगी हॉट सीट पर बैठने के लिए बेताब रहेंगे, ज्यादा से ज्यादा पुरस्कार राशि जीतने की कोशिश करेंगे. यह ‘केबीसी’ का दसवां सीजन है, इसलिए सोनी चैनल ने इसे बेहद ख़ास बनाने की पुरजोर कोशिश की है.
सोनी चैनल के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बिजनेस प्रमुख दानिश खान बताते हैं, “इस दसवें सीजन को और भी शानदार बनाने के लिए हम अत्याधुनिक तकनीक ‘ऑगमेंटेड रियल्टी’ का, देश में पहली बार ‘केबीसी’ में इस्तेमाल करने जा रहे हैं. जिससे यह शो दर्शकों को काफी रोमांचित करेगा. इस 3डी तकनीक से समय बताने वालो घड़ी से लेकर सवाल-जवाब के स्वरुप में भी काफी बदलाव देखने को मिलेगा. ‘केबीसी’ की हॉट सीट पर बैठने के लिए लोगों की बेकरारी देखते हुए हमने इस बार इसकी थीम भी उसी अंदाज़ में रखी है- ‘कब तक रोकोगे’. साथ ही ‘केबीसी’ में पूछे जाने वाले सवालों का स्तर भी हमने कुछ और बढ़ा दिया है. इस बार यह भी फैसला किया है कि ‘केबीसी’ में किसी भी फिल्म सितारे को उनकी फिल्म की प्रमोशन के लिए नहीं बुलाया जाएगा. यूं हर शुक्रवार ‘कर्मवीर’ के नाम से हमने एक ऐसा सेगमेंट रखा है, जिसमें देश के लिए कुछ अलग और असाधारण करने वाले लोगों को इसमें आमंत्रित किया जाएगा. उस श्रेणी में यदि कोई फिल्म सितारे भी आते हैं तो उनको शो में बुलाया जा सकता है.”
करीब तीन करोड़ लोग बैठना चाहते थे हॉट सीट पर
‘कौन बनेगा करोडपति’ के प्रति लोगों की दीवानगी किस हद तक है कि जब भी इसका नया सीजन आता है लोग इसमें भाग लेने के लिए उतावले हो जाते हैं. सोनी चैनल के सीनियर क्रिएटिव डायरेक्टर आशीष गोलवलकर बताते हैं, “केबीसी में भाग लेने के लिए इस साल सिर्फ 15 दिनों में ही 31 मिलियन से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण करा लिया था. विभिन्न प्रक्रियाओं के बाद अंत में दो हज़ार लोगों को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के लिए चुना गया. इसमें सफल हुए लोगों में से ही फास्टेस्ट फिंगर फास्ट और फिर हॉट सीट के लिए चुने जायेंगे.
‘केबीसी’ का सेट बहुत लुभाता है बिग बी को
‘केबीसी’ के अब तक आये कुल 10 सीजन में अमिताभ बच्चन इसके एक सीजन को छोड़कर बाकी सभी सीजन होस्ट करते आ रहे हैं. सिर्फ इसका तीसरा सीजन तब शाहरुख़ खान ने होस्ट किया था जब अमिताभ बच्चन ‘केबीसी’ के दूसरे सीजन के दौरान गंभीर रूप से बीमार हो गए थे. अब तक के 10 ‘केबीसी’ में स्टार प्लस पर पहले तीन सीजन आये जबकि बाकी सभी 7 सीजन सोनी चैनल पर प्रसारित हो रहे हैं. अमिताभ बच्चन से ‘केबीसी’ के पहले सीजन से लेकर अब तक हर बार मेरी उनसे मुलाकात होती रही है. अमिताभ बच्चन हर बार ‘केबीसी’ को लेकर पहले से अधिक उत्साहित दिखते हैं. इस बार भी हाल ही में मुंबई में ‘केबीसी’ के सेट पर फिल्म सिटी में अमिताभ से बातचीत हुई तो इस शो को लेकर उनकी ख़ुशी उनकी आंखों और बातचीत में साफ़ झलक रही थी. अमिताभ बच्चन कहते हैं, “इतने साल हो गए ‘केबीसी’ को होस्ट करते हुए, हर बार यहां आकर बहुत अच्छा लगता है. देश के कोने कोने से आये अलग अलग तरह के लोगों से मिलता हूं. उनके दुख-सुख सुनता हूं, उनके सपने देखता हूं. सही मायने में मुझे उन सबसे मिलकर बहुत कुछ सीखने को मिलता है. सही कहूं तो ‘केबीसी’ मेरे दूसरे घर की तरह बन गया है. ‘केबीसी’ के सेट का यह खूबसूरत वातारण मुझे इतना लुभाता है कि कि कई बार रात को मन करता है यहीं रुक जाऊं.
क्यों है अमिताभ को ‘केबीसी’ से इतना प्यार
अमिताभ बच्चन यूं तो अपने काम के लिए हमेशा समर्पित रहते हैं. जो लोग अमिताभ के साथ काम कर चुके हैं वे जानते हैं कि समय की पाबंदी और अपना बेस्ट देने के लिए अमिताभ सदा आगे रहते हैं. लेकिन ‘केबीसी’ अमिताभ की जिंदगी में बहुत मायने रखता है. यह एक ऐसा शो है जिसने अमिताभ बच्चन के करियर की टूटती सांसों को ऑक्सीजन दी थी. ऐसी ऑक्सीजन जिसका असर आज तक कायम है. यह सन् 2000 के ‘केबीसी’ के पहले सीजन की सफलता का ही असर है कि इतने बरसों बाद भी न तो अमिताभ बच्चन की लोकप्रियता में कमी आई है और न ही ‘केबीसी’ की लोकप्रियता में. देखा जाए तो ‘केबीसी’ के हर सीजन के समय अमिताभ बच्चन पहले से अधिक लोकप्रिय, पहले से अधिक जोशीले लगते हैं. ‘केबीसी’ के हर सीजन में भाग लेने वाले लोगों की संख्या भी हर बार पहले से कहीं ज्यादा हो जाती है.
अमिताभ की फिल्म चलें या न चलें लेकिन उनके साथ ‘केबीसी’ हर बार धमाल करता है. हालांकि ‘केबीसी’ देखते हुए लगता है कि अमिताभ बच्चन हॉट सीट पर सभी प्रतियोगियों के साथ बहुत ही आराम से, सुकून से बतिया रहे हैं. लेकिन उस शूट से पहले और बाद में अमिताभ कितना परिश्रम करते हैं, छोटी छोटी बातों पर भी कितना ध्यान रखते हैं, इस बात का अहसास उन्हीं को होता है, जो शूटिंग के दौरान ‘केबीसी’ के सेट पर होते हैं. मुझे याद है सन् 2005 की बात है, वह केबीसी का दूसरा सीजन था. अमिताभ बच्चन हर शॉट के बाद ब्रेक में झट से अपनी सीट से उठकर बाहर जाते और वहां कंप्यूटर में नए प्रतियोगी की जानकारी के साथ और भी बहुत सी जानकारियां लेकर ही वापस अपनी सीट पर इत्मिनान से बैठते थे. वर्ना शॉट से पहले उनके चेहरे पर तनाव और बेचैनी साफ़ देखी जा सकती थी.
आर्थिक तंगी के चलते स्वीकार किया था ‘केबीसी’
असल में अमिताभ बच्चन ने सन 2000 में ‘केबीसी’ शो को होस्ट करना इसलिए स्वीकार किया था कि यह सुपर स्टार उन दिनों आर्थिक तंगी के कारण विभिन्न समस्याओं से बुरी तरह ग्रस्त थे, वह नाक तक क़र्ज़ में डूबे थे. उनका घर तक बैंक के पास गिरवी रखा था. जिस अमिताभ बच्चन की फ़िल्में बॉक्स ऑफिस के तमाम पुराने आंकड़े तोड़ते हुए सिल्वर जुबली, गोल्डन जुबली मनाती थी. उन्हीं अमिताभ बच्चन की फिल्मों की सफलता का ग्राफ सन् 1991 के बाद लगातार तेजी से नीचे की ओर गिर रहा था. सन 1991 में आई अपनी अजूबा, इन्द्रजीत, अकेला और खुदा गवाह जैसी फिल्मों को असफलता या ख़ास सफलता न मिलने के बाद अमिताभ ने कुछ समय के लिए फिल्मों से संन्यास सा ले लिया था. लेकिन एक अंतराल के बाद भी अमिताभ बच्चन ने जब मृत्युदाता, लाल बादशाह, हिन्दुस्तान की कसम और कोहराम जैसी फिल्मों से अपनी वापसी की तब भी उन्हें लगातार असफलता मिलती रही. यह वह दौर था अमिताभ जिस बिजनेस में भी हाथ डालते वहां निराशा और हानि ही हाथ लगती.
इसी दौर में स्टार प्लस चैनल ने ब्रिटेन में दो साल पहले शुरू हुए टीवी गेम शो –‘हू वांट्स टू बी ए मिलेनियर’ की अपार सफलता देखकर भारत में इसे ‘कौन बनेगा करोडपति’ के नाम से शुरू करने की योजना बनाई. इसके होस्ट के लिए स्टार प्लस ने अमिताभ बच्चन का नाम फाइनल करने के बाद उनसे संपर्क किया तो अमिताभ असमंजस में थे. कुछ करीबी लोगों से उन्होंने परामर्श किया तो लगभग सभी ने उन्हें सलाह दी कि टीवी पर आने की गलती मत करना. फिल्मों का करियर पहले ही नीचे है. अब टीवी किया तो जो बचा खुचा है वह भी ख़त्म हो जाएगा. भविष्य में फ़िल्में मिलनी बिल्कुल बंद हो जायेंगी. लेकिन स्टार प्लस ने अमिताभ बच्चन को होस्ट करने के लिए जो धन राशि ऑफर की वह इतनी बड़ी थी कि अमिताभ ने इसके लिए हां कर दी. अमिताभ को लगा यदि कुछ सफलता नहीं भी मिली तो इस धन राशि से अपने कुछ क़र्ज़ उतारने की स्थिति में तो आ जाऊंगा, घर का कुछ खर्च तो चलेगा. लेकिन जब ‘केबीसी’ का पहला एपिसोड 3 जुलाई 2000 को स्टार प्लस पर प्रसारित हुआ तो इसने सभी की दुनिया बदल दी. इसने सफलता लोकप्रियता का ऐसा इतिहास रचा जिसे आज भी कोई और टीवी शो तोड़ नहीं पाया है. आज भी यह जब भी आता है टीवी का नंबर वन शो बन जाता है.
‘केबीसी’ ने ही लौटाए अमिताभ के सुख भरे दिन
अमिताभ बच्चन को लेकर बहुत से लोग भविष्यवाणी कर चुके थे कि अमिताभ बच्चन का ज़माना अब लद गया, उनकी सफलता अब इतिहास में ही याद की जायेगी. लेकिन ‘केबीसी’ की सफलता ने ऐसी बाज़ी पलटी कि सभी अवाक रह गए. ‘केबीसी’ अपने पहले सप्ताह में ही इतना मशहूर हो गया कि हर कोई ‘केबीसी’ की हॉट सीट पर बैठने के सपने देखने लगा. पहले ही सप्ताह पीतमपुरा दिल्ली के रमेश अरोड़ा ने 25 लाख रूपये का पहला विजेता बनकर सभी को दिखा दिया कि असल जिंदगी में एक आम आदमी को 25 लाख कमाने में उम्र गुजर जाती है मगर केबीसी की हॉट सीट सिर्फ 25 मिनट में 25 लाख रूपये देकर जिंदगी बदल सकती है. एक तरफ इतना कमाने का मौका तो दूसरी ओर अमिताभ बच्चन जैसे सुपर स्टार के साथ मिलने, बातें करने और टीवी पर आकर मशहूर होने का मौका भी था.
देखते ही देखते अमिताभ बच्चन की सूनी जिंदगी केबीसी की बदौलत फिर से ऐसे चमक गयी कि उनकी जिंदगी में फिर से ज़ंजीर, दीवार, शोले, शराबी, नमक हलाल जैसी फिल्मों की सफलता के दिन आ गए. अमिताभ जिनको लोग बहुतों का ‘मृत्युदाता’ कहने लगे थे अब वह अनेकों के जीवन दाता बन चुके थे, ‘मुक्कद्दर का सिकंदर’ बन चुके थे.
‘केबीसी’ से अमिताभ बच्चन की जिंदगी तो गुलज़ार हुई ही, साथ ही स्टार प्लस चैनल की लोकप्रियता भी ऐसे बढ़ी कि लोग दूरदर्शन को छोड़कर सेटेलाइट चैनल्स में दिलचस्पी दिखाने लगे. देखते देखते देश में कई अन्य सेटेलाइट चैनल्स शुरू हो गए. साथ ही अमिताभ बच्चन को टीवी पर मिली अपार सफलता और लोकप्रियता को देख लगभग सभी बड़े छोटे सितारे टीवी पर आने को लालायित होने लगे. कुछ ही दिन में जहां टीवी पर कई नए गेम शो शुरू हो गए, वहां माधुरी दीक्षित, गोविंदा, अनुपम खेर जैसे कई सितारे तुरत फुरत टीवी पर आ गए. जबकि उसके बाद सलमान, आमिर, अक्षय हों या धर्मेन्द्र, जीतेंद्र, तनूजा या फिर जूही, सोनाक्षी सभी टीवी पर आते गए. यानी जिस बड़े से बड़े स्टार को टीवी पर आने का मौका मिला उसने देर नहीं लगाई. इसके बाद तो फिल्म और टीवी कलाकारों के बीच की दूरी ख़त्म ही हो गई.
उधर ‘केबीसी’ में लोग एक हज़ार से लेकर एक करोड़, दो करोड़ या पांच करोड़ ही नहीं सात करोड़ रूपये का जैकपॉट तक भी जीत चुके हैं. ‘केबीसी’ में विजेता बनने के बाद जहां बहुत से प्रतियोगियों ने अपने कर्ज उतारे वहां बहुत बहुत लोगों ने ‘केबीसी’ की इनामी राशि से अपने सपने सच किए.
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(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)