एक्सप्लोरर

कोरोना: इटली का मददगार बना समाजवादी गणतंत्र क्यूबा, दुनिया के लिए मिसाल है इस देश की स्वास्थ्य सेवा

क्यूबा में कोई निजी अस्पताल नहीं है. सारी स्वास्थ्य सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जाती हैं और यह बहुत सस्ती है. वहां स्वास्थ्य पर होने वाला प्रति व्यक्ति खर्च 118 अमेरिकी डॉलर है नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़ों के अनुसार भारत के शहरों में रहने वाले 75 प्रतिशत लोगों को इलाज करवाने के लिए उधार लेना पड़ता है

जन स्वास्थ्य विश्व के अधिकांश देशों की सरकार की प्राथमिकताओं में कभी नहीं रहा. हर जगह स्वास्थ्य सेवाओं को प्राइवेट हाथों में दे दिया गया. नतीजा यह हुआ कि पांच सितारा अस्पताल आम आदमी की पहुंच से दूर हो गए और स्वास्थ्य सेवाएं प्रिविलेज बन कर रह गयी. जबकि सारे देशों में होना यह चाहिए था कि स्वास्थ्य सेवाएं एक बुनियादी मानवाधिकार बना दी जाती. अब जब कोरोना संकट ने दुनिया के विकसित देशों की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल दी है तो ऐसे समय में सारी दुनिया क्यूबा मॉडल की ओर देख रही है. क्यूबा मॉडल को साधारण भाषा में समझे तो यह "सबको स्वास्थ्य और सुलभ इलाज" पर आधारित है. अर्थात हरेक नागरिक को स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो और जो उसकी पहुंच में हो. क्यूबा की मेडिसिन हो या हॉस्पिटल या डॉक्टर सभी वर्ल्ड क्लास की मानी जाती हैं.

क्यूबा में कोई निजी अस्पताल नहीं है. सारी स्वास्थ्य सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जाती हैं और यह बहुत सस्ती है. वहां स्वास्थ्य पर होने वाला प्रति व्यक्ति खर्च 118 अमेरिकी डॉलर है नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़ों के अनुसार भारत के शहरों में रहने वाले 75 प्रतिशत लोगों को इलाज करवाने के लिए उधार लेना पड़ता है. क्यूबा अपने जीडीपी का 10.5 प्रतिशत स्वास्थ्य पर खर्च करता है जो कई विकसित देशों से अधिक है. भारत स्वास्थ्य पर बहुत कम खर्च करता है. पिछले 10 वर्षों में भारत का सरकारी स्वास्थ्य व्यय जीडीपी के 1.2 से 1.6 के बीच रहा है. वहीं स्वास्थ्य अनुसंधान बजट कुल बजट का महज 3 प्रतिशत है.

क्यूबा ने पूरे देश में डॉक्टरों का जाल बिछा रखा है. क्यूबा में प्रति 10 हजार की आबादी पर 70 डॉक्टर हैं. जबकि दुनिया के अन्य देश जैसे रूस में प्रति 10 हजार पर 43, स्विटजरलैंड में 40 और अमेरिका में 24 डॉक्टर उपलब्ध हैं. दूसरी ओर भारत में मरीजों का इलाज करने के लिए पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सेंट्रल ब्यूरो इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 11,082 की आबादी पर एक डॉक्टर है. जबकि डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार यह संख्यां प्रति एक हजार आबादी पर एक होना चाहिए. इसका मतलब यहां तय मानकों के मुताबिक 11 गुना डॉक्टरों की कमी है. वहीं 2017 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश भर में 479 मेडिकल कॉलेज मौजूद हैं, जिनमें 67,218 एमबीबीएस सीटों की संख्यां है. एक ओर जहां देश में 14 लाख डॉक्टरों की कमी है वहीं प्रतिवर्ष हम केवल 5500 डॉक्टर ही तैयार कर पा रहे हैं. डब्ल्यूएचओ के 2016 के आंकड़े के अनुसार भारत में एलोपैथिक डॉक्टर के तौर पर प्रैक्टिस कर रहे एक तिहाई लोगों के पास मेडिकल की डिग्री नहीं है. इस वजह से एक बड़ी आबादी नीम-हकीम जैसे फर्जी डॉक्टरों से अपना इलाज करवाती है.

क्यूबा ने अपने यहां जगह-जगह सैकड़ों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किये हैं. एक केंद्र 30 से 60 हज़ार लोगों को सेवाएं प्रदान करता है. इन केंद्रों पर इलाज के साथ शोध व पढ़ाई का काम भी होता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तीन मंजिला इमारत में चलती है जहां डॉक्टर और नर्स के रहने की सुविधा भी होती है ताकि मरीज को जब जरूरत हो डॉक्टर उसके लिए उपलब्ध रहें. वहीं इंडियन कॉउंसिल ऑफ इंडिया के मुताबिक भारत में एक बेड पर दो मरीजों को रखना पड़ जाता है और डॉक्टर काम के बोझ तले दबे रहते हैं.

दुनिया के देशों पर जब भी स्वास्थ्य संकट मंडराया है क्यूबा डॉक्टरों की पूरी फौज वहां उतार देता है. चाहे वो हैती में हैजा हो या अफ्रीकी देशों में इबोला. आज दुनिया के 67 देशों में 50 हजार के आसपास क्यूबाई डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वर्तमान में जब कोरोना जैसी वैश्विक आपदा मुंह बाए सामने खड़ी है तो हमेशा की तरह क्यूबा इस बार भी मदद करने सामने आया. कोरोना वायरस से इटली में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इटली स्वास्थ्य सेवा में दुनिया में बेहतर माना जाता है, लेकिन कोरोना के सामने वह लाचार नजर आ रहा है. संकट की इस घड़ी में इटली ने क्यूबा से मदद की अपील की. हालांकि क्यूबा और इटली दोनों देशों की राजनीतिक शासन व्यवस्था और विचारधारा एकदम विपरीत है, परंतु अपने मेडिकल सिद्धान्तों की प्रतिबद्धता के कारण क्यूबा ने अपनी 53 सदस्यीय टीम 22 मार्च को इटली भेजी है जो वहां अब कोरोना से जंग लड़ रही है. इटली से पहले क्यूबा ने अपनी मेडिकल टीम वेनेजुएला, निकारागुआ, जमैका, सूरीनाम और ग्रेनेडा में भी भेजी है.

इसी महीने हज़ार यात्रियों से लदा ब्रीमर नामक एक क्रूज ब्रिटेन से बहामास के लिए रवाना हुआ था. 12 मार्च को यह ब्रिटिश क्रूज़ बीच समंदर में संकट में फंस गया. क्रूज में मौजूद लगभग 50 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए. पूरे क्रूज पर हलचल मच गयी. स्थिति और गंभीर हो गयी जब कोरोना के दहशत से किसी भी देश ने इस क्रूज को अपने तट पर आने की इजाजत नहीं दी. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कई देशों से बात की परंतु कोई तैयार नहीं हुआ. यहां तक कि बहामास ने भी मना कर दिया. आखिरकार ब्रिटेन ने क्यूबा से मदद मांगी. क्यूबा ने कोरोना संक्रमित जहाज का स्वागत किया और उसमें मौजूद सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स के इलाज का भी ज़िम्मा लिया. इसके बाद क्यूबा के डॉक्टरों ने 1000 यात्रियों का अच्छे से जांच-परीक्षण किया. इसके बाद इन सभी यात्रियों को अपने देश भेज दिया. दुनिया भर में क्यूबा के इस कदम की तारीफ की गयी.

क्यूबा द्वारा बनाई गयी दवा इंटरफेरॉन अल्फा 2 बी का प्रयोग आज कोरोना से लड़ने के लिए किया जा रहा है. यह दवा कम समय में इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाता है. इस दवा का उपयोग पूरी दुनिया में डेंगू और एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के लिये हो चुका है. चीन ने भी अपने यहां कोरोना से बचाव के लिए जिन दवाइयों का प्रयोग किया उनमें से एक इंटरफेरॉन अल्फा 2 बी था.

क्यूबा ने आज स्वयं को एक ऐसे देश में परिवर्तित कर लिया है, जो तीसरी दुनिया के देशों के लिए एक आदर्श है. परंतु यह एक दिन में संभव नहीं हुआ बल्कि इसके पीछे क्यूबा का लंबा संघर्ष और सुनियोजित रणनीति रही है. क्यूबा एक समाजवादी गणतंत्र है. यह पूंजीवादी व्यवस्था का घोर विरोधी रहा है. 1959 में क्यूबा क्रांति के द्वारा फिदेल कास्त्रो ने अमरीका समर्थित फुल्गेंकियो बतिस्ता की सरकार को उखाड़ फेंका था. तब से लेकर आज तक अमेरिका क्यूबा पर प्रतिबंध लगाए हुए है. क्रांति के बाद क्यूबा वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ गया था. कई आर्थिक और राजनीतिक प्रतिबंधो के बावजूद इस छोटे से देश ने स्वयं को मजबूती से खड़ा कर दुनिया भर में अपनी सशक्त स्वतंत्र पहचान कायम की. क्यूबा ऐसा करने में इसलिए सक्षम हो पाया क्योंकि इसने अपने देश में दो क्रांतिकारी निवेश किये- पहला 'सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा' और दूसरा मुफ़्त शिक्षा.

इस तरह क्यूबा ने यह साबित कर दिया कि स्वतंत्र पहचान रखकर भी आप कितने सशक्त हो सकते हैं. अगर संस्थान आपको महत्व नहीं देता तो आप खुद संस्थान बन जाईये.

(लेखक परिचय: डॉ. स्वर्ण सुमन असिस्टेंट प्रोफेसर जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी)

उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

75th Constitution Day Celebrations Live Updates: संविधान दिवस पर आज कई कार्यक्रम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत ये होंगे खास मेहमान, पीएम मोदी ने दिया ये मैसेज
संविधान दिवस पर आज कई कार्यक्रम, राष्ट्रपति होंगी खास मेहमान, PM मोदी ने दिया ये मैसेज
Udaipur Royal Family Clash: राजतिलक के बाद महाराणा को नहीं मिली उदयपुर सिटी पैलेस में एंट्री, समर्थकों ने किया पथराव, 10 पॉइंट्स में पूरा बवाल
राजतिलक के बाद महाराणा को नहीं मिली उदयपुर सिटी पैलेस में एंट्री, समर्थकों ने किया पथराव, 10 पॉइंट्स में पूरा बवाल
अनिल कपूर की वजह से 'परिंदा' से रिप्लेस हुए थे नाना पाटेकर, एक्टर ने किया खुलासा
अनिल कपूर की वजह से 'परिंदा' से रिप्लेस हुए थे नाना पाटेकर, एक्टर ने किया खुलासा
RCB से 8.5 करोड़ मिलते ही एक्शन में आया धांसू प्लेयर, 15 गेंद में फिफ्टी ठोक मचाई सनसनी
RCB से 8.5 करोड़ मिलते ही एक्शन में आया धांसू प्लेयर, 15 गेंद में फिफ्टी ठोक मचाई सनसनी
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News : Maharashtra में नए सीएम के सस्पेंस के बीच शिंदे के सांसदों ने पीएम से मांगा समयSambhal Masjid Clash:  भारी हिंसा के बाद संभल में सामान्य हुए हालात! | Samajwadi PartySambhal Masjid Clash:  संभल हिंसा कांड पर सपा की राजनीति शुरू | Samajwadi PartyMaharashtra New CM : सीएम पद को लेकर Shinde नाराज, आज देंगे इस्तीफा | NDA

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
75th Constitution Day Celebrations Live Updates: संविधान दिवस पर आज कई कार्यक्रम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत ये होंगे खास मेहमान, पीएम मोदी ने दिया ये मैसेज
संविधान दिवस पर आज कई कार्यक्रम, राष्ट्रपति होंगी खास मेहमान, PM मोदी ने दिया ये मैसेज
Udaipur Royal Family Clash: राजतिलक के बाद महाराणा को नहीं मिली उदयपुर सिटी पैलेस में एंट्री, समर्थकों ने किया पथराव, 10 पॉइंट्स में पूरा बवाल
राजतिलक के बाद महाराणा को नहीं मिली उदयपुर सिटी पैलेस में एंट्री, समर्थकों ने किया पथराव, 10 पॉइंट्स में पूरा बवाल
अनिल कपूर की वजह से 'परिंदा' से रिप्लेस हुए थे नाना पाटेकर, एक्टर ने किया खुलासा
अनिल कपूर की वजह से 'परिंदा' से रिप्लेस हुए थे नाना पाटेकर, एक्टर ने किया खुलासा
RCB से 8.5 करोड़ मिलते ही एक्शन में आया धांसू प्लेयर, 15 गेंद में फिफ्टी ठोक मचाई सनसनी
RCB से 8.5 करोड़ मिलते ही एक्शन में आया धांसू प्लेयर, 15 गेंद में फिफ्टी ठोक मचाई सनसनी
90 हजार का बिल देख ठनका कस्टमर का माथा! शोरूम के बाहर हथौड़े से तोड़ दिया चमचमाता स्कूटर, वीडियो वायरल
90 हजार का बिल देख ठनका कस्टमर का माथा! शोरूम के बाहर हथौड़े से तोड़ दिया चमचमाता स्कूटर, वीडियो वायरल
बिजनेस शुरू करने के लिए नहीं हैं पैसे, सरकार की ये योजना देगी 20 लाख, ऐसे करें आवेदन
बिजनेस शुरू करने के लिए नहीं हैं पैसे, सरकार की ये योजना देगी 20 लाख, ऐसे करें आवेदन
हर मिनट 1 रुपया भेजता है एक्स बॉयफ्रेंड! ट्रोमा से गुजर रही लड़की ने सुनाया दुखड़ा
हर मिनट 1 रुपया भेजता है एक्स बॉयफ्रेंड! ट्रोमा से गुजर रही लड़की ने सुनाया दुखड़ा
चंडीगढ़ में सुबह-सुबह नाइट क्लब के पास 2 धमाका, मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस
चंडीगढ़ में सुबह-सुबह नाइट क्लब के पास 2 धमाका, मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस
Embed widget