शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का ड्रग मामला रहस्यमयी बनता जा रहा है और तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के चर्चित अफसर समीर वानखेड़े ही अब शक के घेरे में आ गए हैं. फर्जी दस्तावेज को लेकर जहां महाराष्ट्र सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है, तो वहीं, एनसीबी मुख्यालय ने एक गवाह द्वारा लगाए आरोपों की विजिलेंस जांच शुरू कर दी है.


आरोप है कि शाहरुख से 18 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी गई थी, जिसे लेकर उनकी सेक्रेटरी और एनसीबी अफसरों के बीच बातचीत हुई थी. ऐसे में,बड़ा सवाल ये है कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के इस आरोप में क्या वाकई कोई दम है कि आर्यन खान को जानबूझकर इस मामले में फंसाया गया और मोटी उगाही करना ही इसका मकसद था? मंत्री की तरफ से लगाया गया ये आरोप बेहद संगीन है और उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मामले के एक गवाह ने कोर्ट में अब एफिडेविट देकर पूरे मामले को और भी ज्यादा उलझा दिया है.


पूरे मामले का सच सामने लाने के लिए इसकी निष्पक्ष जांच होना जरूरी है क्योंकि अक्सर ऐसे हालात में कोई भी एजेंसी अपने आरोपी अफसर को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा देती है. ऐसा न करने पर उसकी विश्वसनीयता व प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल जाती है और लगभग वही हालत इस वक़्त एनसीबी की हो रही है.


दरअसल, आर्यन के मामले में एनसीबी पर शक की सुई उस एफिडेविट से उठी है जो इस मामले के मुख्य गवाह किरण गोसावी के बॉडी गार्ड प्रभाकर सईल ने दिया है. इसमें कई सनसनीखेज खुलासे के साथ जी एनसीबी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. हालांकि ये तो जांच के बाद ही साफ होगा कि उसमें कितनी सच्चाई है लेकिन अगर कोई व्यक्ति एफीडेविट में ऐसे संगीन आरोप लगाने की हिम्मत करता है, तो जाहिर है कि उसकी कोई बुनियाद जरूर होगी क्योंकि झूठा एफिडेविट देने पर सज़ा का प्रावधान है.


खुद को किरण गोसावी का बॉडीगार्ड बताने वाले प्रभाकर सईल ने दावा किया है कि क्रूज पार्टी रेड के वक्त वह गोसावी के साथ थे. प्रभाकर ने अपने हलफनामे में सैम डिसूजा नाम के एक शख्स का भी जिक्र किया है. प्रभाकर के मुताबिक सैम डिसूजा से उनकी मुलाकात एनसीबी दफ्तर के बाहर ही हुई थी. उस वक्त वह केपी गोसावी से मिलने पहुंचे थे. दोनों एनसीबी दफ्तर से लोअर परेल इलाके में बिग बाजार के पास अपनी अपनी कार में पहुंचे थे. 


एफिडेविट में दावा किया गया है कि गोसावी सैम नाम के शख्स से फोन पर 25 करोड़ रुपए से बात शुरू कर 18 करोड़ में फिक्स करने की बात कर रहे थे. उन्होंने 8 करोड़ रुपए समीर वानखेड़े को देने की भी बात कही. उनका दावा है कि इसके बाद एक नीले कलर की मर्सिडीज कार लोअर परेल पहुंचती है, जिसमें शाहरुख खान की सेक्रेटरी पूजा ददलानी है. कार में केपी गोसावी और सैम पूजा ददलानी के साथ मीटिंग करते हैं.


इस हलफनामे के आधार पर एनसीबी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन इसकी रिपोर्ट से कुछ तहलका होने की उम्मीद इसलिये नहीं कि जानी चाहिए क्योंकि ब्यूरो के ही एक आला अफसर ये जांच करेंगे, लिहाज़ा उसके पूरी तरह से निष्पक्ष होने का भरोसा नहीं किया जा सकता. इस जांच रिपोर्ट में समीर वानखेड़े को अगर हरी झंडी दे दी जाती है, तो जाहिर है कि वो भी सवालों के घेरे में आ जायेगी और आरोपों का पूरा सच सामने नहीं आ पायेगा.


इस बीच आर्यन को गिरफ्तार करके सुर्खियों में आ चुके एनसीबी के जॉइंट डायरेक्टर समीर वानखेड़े एक और मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं. उन पर फर्ज़ी जन्म प्रमाणपत्र देने का आरोप लगाया गया है, जिसे लेकर महाराष्ट्र सरकार उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी में है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को ट्विटर के ज़रिए एक कथित जन्म प्रमाणपत्र जारी किया और दावा किया कि एनसीबी अधिकारी का नाम समीर दाऊद वानखेड़े है. 


उन्होंने साथ में लिखा, "समीर दाऊद वानखेड़े का यहां से शुरू हुआ फर्ज़ीवाड़ा." नवाब मलिक ने वानखेड़े पर आरोप लगाते हुए कहा, "समीर वानखेड़े एक फर्जी व्यक्ति है. इसका जन्म प्रमाण पत्र समीर दाऊद वानखेड़े का है. इसने जन्म प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ की और उनके पिताजी ने धर्मांतरण करने के बाद जो नाम बदला था उसे दुरुस्त किया. इसी आधार पर उसने अपना जाति प्रमाण पत्र निकाला."


हालांकि इस आरोप पर वानखेड़े की पत्नी ने ट्वीट करके सफाई दी है. वानखेड़े की पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े ने ट्विटर पर अपनी शादी की कुछ तस्वीरें भी साझी की हैं. क्रांति रेडकर वानखेड़े ने ट्वीट किया, "मैं और मेरे पति समीर पैदाईशी हिंदू हैं. हमने कभी भी किसी और धर्म को नहीं अपनाया. हम सभी धर्मों की इज़्ज़त करते हैं. समीर के पिता भी हिंदू हैं, जिन्होंने मेरी मुस्लिम सास से शादी की थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. समीर का पूर्व-विवाह स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत हुआ था और साल 2016 में तलाक हो गया था. हमारी शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत साल 2017 में हुई थी."


कुल मिलाकर एक क्रूज़ पर ड्रग पकड़ने के दावे के साथ शुरू हुआ ये मामला अब एक ऐसा खेल बनता जा रहा है, जहां एक तरफ दौलत व शोहरत है तो दूसरी तरफ सियासत की ताकत. इसलिये डर ये भी है इस लड़ाई में सच कहीं हार ही न जाये? 


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