जी हां,  यही सच है. इंग्लैंड की टीम के कप्तान जो रूट, सेलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट फिलहाल इसी उधेड़बुन में फंसे हुए हैं कि टेस्ट सीरीज से पहले वो क्या करें और क्या ना करें. टेस्ट सीरीज का नतीजा चाहे जो भी हो, सीरीज भारत जीते या इंग्लैंड लेकिन इतना तय है कि इंग्लिश टीम के सारे दांव फिलहाल उलटे पड़ रहे हैं.

इंग्लिश टीम का सबसे बड़ा तनाव तो इस बात को लेकर है कि इस सीरीज में टीम इंडिया को कैसी पिच पर खिलाया जाए. पिच पर इंग्लिश टीम मैनेजमेंट का बहुत ज्यादा जोर इसलिए भी नहीं चल रहा है क्योंकि मौसम साथ नहीं दे रहा है. ये उधेड़बुन टी-20 सीरीज से ही चली आ रही है. जिन पिचों पर इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को आसानी से हराया था उन्हीं पिचों पर भारत के खिलाफ उसे जबरदस्त संघर्ष करना पड़ रहा है.

आप याद कीजिए, टी-20 मैचों में स्कोरबोर्ड देखकर लगा ही नहीं कि ये मैच इंग्लैंड में खेले जा रहे हैं. तब एशियाई पिचों को पाटा बताने वाला इंग्लिश बोर्ड चुप्पी साधे हुआ था. वनडे सीरीज में जीत के बाद इंग्लैंड की टीम ने नई रणनीति बनाई. उन्होंने प्रैक्टिस मैच में टीम इंडिया को हरी घास वाला विकेट दिया. ये रणनीति थी कि टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाया जाए. उनमें तेज विकेटों का डर पैदा किया जाए. अफसोस इंग्लैंड की ये रणनीति भी बुरी तरह फ्लॉप हो गई है.

भारतीय बल्लेबाजों ने लगाए 5 अर्धशतक  
भारतीय टीम इस समय एसेक्स के खिलाफ टूयर गेम खेल रही है. इस मैच से पहले जब भारतीय टीम ने पिच और मैदान को देखा तो उसे झटका लगा. पिच पर घास और आउटफील्ड सूखी हुई. विराट कोहली ने चार दिन का मैच तीन दिन में तब्दील कर दिया. बावजूद इसके टीम मैनेजमेंट ने किसी तरह की शिकायत नहीं की. भारतीय कोच ने बाकयदा बयान दिया और कहा कि इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट चाहे जैसी विकेट पर उन्हें खिलाना चाहे वो शिकायत नहीं करेंगे. ये बयान अपने आप में बहुत हिम्मत वाला था. बाद में भारतीय बल्लेबाजों ने यही हिम्मत अपने खेल में भी दिखाई. वो भी तब जबकि भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर के तीन बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए थे.

शिखर धवन बगैर खाता खोले आउट हुए. चेतेश्वर पुजारा ने 1 रन बनाया. अजिंक्य रहाणे भी 17 रन ही बना सके. बावजूद इसके भारतीय टीम ने 100.2 ओवर में 395 रन जड़ दिए. यानी लगभग 4 की औसत से बल्लेबाजी. भारत के लिए मुरली विजय, विराट कोहली, केएल राहुल, दिनेश कार्तिक और हार्दिक पांड्या ने अर्धशतक लगाए. यानी कुल मिलाकर पांच अर्धशतक. टेस्ट मैच की गणित बड़ी सीधी होती है. पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम अगर 400 रन बना ले तो मैच पर उसकी पकड़ हमेशा मजबूत मानी जाती है. इस परिभाषा पर भारतीय टीम बिल्कुल खरी उतरी है. यही बात इंग्लैंड की टीम के लिए भारी पड़ रही है.

क्या काम आएगी आदिल रशीद को शामिल करने की रणनीति?
तेज गेंदबाजों के बेअसर होने के डर से घबराई इंग्लिश टीम ने पहले टेस्ट मैच के लिए चुनी गई टीम में स्पिनर आदिल रशीद को जगह दी है. आदिल रशीद का टीम में चुना जाना इसलिए अहम है क्योंकि उन्होंने खुद को टेस्ट क्रिकेट से दूर करने का फैसला किया था. बावजूद इसके वनडे सीरीज में उनके प्रदर्शन को देखने के बाद इंग्लैड टीम के चयनकर्ताओं को उनसे कुछ उम्मीद बंधी है. वनडे सीरीज में आदिल रशीद ने 6 विकेट लिए थे. इंग्लैंड टीम के थिंकटैंक को लग रहा है कि पिच से स्पिनरों को मदद मिलने की सूरत में आदिल रशीद काम आएंगे. इसीलिए उन्हें टीम में जगह दी गई.

दूसरी तरफ भारतीय टीम में आर अश्विन, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव जैसे स्पिनर शामिल किए गए हैं. जिसके जवाब में इंग्लैंड ने मोईन अली और आदिल रशीद को जगह दी है. अब पेंच यही है कि एजबेस्टन में खेले जाने वाले पहले मैच की पिच किसका ज्यादा साथ देती है? तेज पिच और तेज गेंदबाजों के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज सहज दिखे हैं, स्पिन फ्रैंडली विकेट देना दुधारी तलवार पर चलने जैसा है. वाकई इंग्लैंड की टीम रणनीति के लिहाज से इस वक्त फंसी हुई है.