फिल्म पर धमकी : 'सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद है, सारी कोशिश है कि...'
उरी में आतंकी हमले और उसके बाद की गई भारतीय कार्रवाई के बाद पाक तिलमिलाया हुआ है. दोनों देशों की बीच के संबंध तल्ख हैं और इनसब के बीच दोनों की देशों के आम नागरिक आपसी संबंधों को लेकर भी चिंतित हैं. व्यापार के साथ ही सामाजिक रिश्तों की कड़ी भी भारत-पाकिस्तान को जोड़ती है और पाक की तमाम गलत हरकतों के बावजूद भारत की ओर से जारी है.
लोगों के आपसी मेलजोल को कलाकार भी जोड़ते हैं
एक दूसरे के साथ लोगों के आपसी मेलजोल को कलाकार भी जोड़ते हैं. कई बॉलीवुड फिल्मों में पाकिस्तान कलाकारों ने दर्शकों को प्रभावित किया है और पाकिस्तान में भी भारतीय कलाकारों को लेकर सकारात्मक रवैया रहा है. एक-घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो कला-संस्कृति का आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच बिना बाधा के ही होता रहा है.
गजल गायक गुलाम अली को लेकर विवाद हुआ
पिछले दिनों गजल गायक गुलाम अली को लेकर विवाद हुआ लेकिन, देश के कई हिस्सों में उनके समर्थन में भी आवाज उठी. एक बात बहुत साफ है कि दोनों ही जगहों पर कुछ तत्व ऐसे हैं जो इस कड़ी को तोड़ना चाहते हैं. हालांकि, यह कड़ी तोड़ कर वे क्या करेंगे...यह भी उनको पता नहीं. असल में उनका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना है.
कलाकारों के विरोध में फिल्म न रिलीज करने की मांग
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की पाकिस्तानी कलाकारों के विरोध में फिल्म न रिलीज करने की उनकी मांग समझ से परे हैं. इसे लेकर वे खुलेआम धमकी दे रहे हैं. कानून व्यवस्था को उन्होंने ताख पर रख दिया है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एमएनएस कोई समानांतर सरकार चला रही हो.
उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहती है
आखिर, यह वही एमएनएस है जो बार-बार उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहती है. इसके गुर्गे मेहनतकश लोगों की दुकानें इसलिए उजाड़ देते हैं क्योंकि वे बिहार या यूपी से वहां जाकर रोजी कमाते हैं. 'गैरमराठी' कहकर उन्हें दुत्कार दिया जाता है.
उग्र बयानों से पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे कई बार घिर चुके हैं
जिस वोट की राजनीति एमएनएस कर रही है वह उसमें सफल भी नहीं हो पाती है. सबके सामने है कि पिछले विधानसभा चुनावों में उसका क्या हाल हुआ था. अपने उग्र बयानों से पार्टी के प्रमुख राज ठाकरे कई बार घिर चुके हैं. लेकिन, अब देश के अंदर ही बिहार-मराठी करने वालों को देश की सुध हो गई है.
हमारी सेना दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है
हम एक मजबूत देश के वासी हैं. हमारी सेना दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है. पाकिस्तान तो दूर चीन तक को पता है कि वह भारत पर सीधे वार नहीं कर सकता. हमारी सरकार किसी भी 'ना'पाक साजिश को तोड़ने की ताकत में है. हम सभी हिंदुस्तानी भी अपने देश और सेना के जवानों के साथ खड़े हैं.
एमएनएस की हरकत देश की छवि को धक्का लगाने वाली
लेकिन, इस बीच एमएनएस जो हरकत कर रहा है वह देश की छवि को धक्का लगाने वाली है. यदि कलाकारों को लेकर कोई कूटनीतिक या आपराधिक शंका होगी तो सरकार इस बारे में कोई न कोई कदम जरूर उठा लेगी. एमएनएस से बहुत ही ज्यादा डेटा उसके पास है. ऐसे में राज ठाकरे की पार्टी की कोशिश सिर्फ हंगामा खड़ा करने की कोशिश की है.
एक ताजा बयान से जोड़ कर देखा जाए तो यह साफ है
सरकार के एक ताजा बयान से जोड़ कर देखा जाए तो यह साफ है कि राज ठाकरे की पार्टी देश की सरकार और विदेश मामले में उसके फैसले के खिलाफ है. क्योंकि, भारत सरकार ने साफ किया है कि वह भारत और पाकिस्तान के लोगों का लोगों से संपर्क तोड़ने का कोई प्रयास नहीं करेगी.
लोगों से लोगों का (भारत-पाकिस्तान) संपर्क जारी रहेगा
भारत सरकार के विदेश सचिव ने संसदीय समिति के सामने यह बात कही है. इस समिति में अलग-अलग पार्टियों के सांसद होते हैं. विदेश सचिव एस जयशंकर ने सरकार की ओर से साफ किया कि लोगों से लोगों का (भारत-पाकिस्तान) संपर्क जारी रहेगा और इसे रोकने की कोई योजना नहीं है.
कुछ दिनों पहले ही इस आशय में एक बड़ा ऐलान किया है
सिनेमा ओनर्स एग्जिबिटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया ने कुछ दिनों पहले ही इस आशय में एक बड़ा ऐलान किया है. उनका कहना है कि चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और गोवा में पाकिस्तानी कलाकारों वाली फिल्में सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमाघरों में नहीं दिखाई जाएंगी.
एमएनएस कर रही है वह सीधे तौर पर आईपीसी के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो भी एमएनएस कर रही है वह सीधे तौर पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है. साफ तौर पर धमकी दी जा रही है, दंगा, तोड़फोड़ करने को कहा जा रहा है. लेकिन, पुलिस प्रशासन या स्थानीय सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा है.
वह कानून खुलेआम तोड़ रहा है और सभी खामोश बैठे हैं
भारत सरकार इस बारे में अपना मत साफ कर चुकी है. ऐसे में इस तरह से अराजकता पैदा करने की इजाजत कैसे दी जा सकती है. जिस दल की नींव ही देश के अंदर के लोगों को बांटने की कोशिश के साथ हुई है वह कानून खुलेआम तोड़ रहा है और सभी खामोश बैठे हैं.