एक्सप्लोरर

Blog: पर पीएमएस में हम पगला नहीं जाते

मैन्स्ट्रुएशन या पीरियड्स सोसायटी में हमेशा से टैबू रहा है. औरतें खुद भी इसके बारे में बात करने से कतराती हैं. अब इस पर बात हो रही है पर इसलिए क्योंकि यह क्राइम के डिफेंस का बायस बन गया है. राजस्थान में एक औरत को सिर्फ इसलिए अपने बच्चे के मर्डर के केस से बरी कर दिया गया क्योंकि वह पीरियड्स से पहले होने वाले हारमोनल चेंज का शिकार थी. इसे सीधी भाषा में पीएमएस कहा जाता है- यानी प्री मैंन्स्ट्रुएल सिंड्रोम. पीरियड्स के ठीक पहले अधिकतर औरतें पीएमएस की शिकार होती हैं- मूड स्विंग्स होते हैं. टेंशन-डिप्रेशन सब होता है. किसी का पेट फूलता है, किसी के पैरों में टूटन होती है. हर औरत के अनुभव अलग होते हैं. मेडिकल प्रैक्टीशनर्स, रिसर्चर्स कहते हैं कि इस दौरान औरत खतरनाक हो सकती है- कई बार खुद के लिए भी.

अब राजस्थान हाई कोर्ट का कहना है कि पीएमएस की शिकार होने के कारण औरत ने अपने बच्चे के नुकसान पहुंचाया- जबकि उसकी ऐसी मंशा रही है, यह जरूरी नहीं. यह गलती पीएमएस के कारण उसके पगला जाने से हुई. उस औरत का ट्रीटमेंट करने वाले तीन डॉक्टरों ने साफ किया है कि वह पगला गई थी. अदालत ने सबूत देखा और औरत को छोड़ दिया. केस काफी पुराना है- 1981 का. औरत ने अपने तीन बच्चों को कुएं में ढकेला था, दो बच गए थे, एक डूब गया था.

पीएमएस एक बड़ी समस्या है. दुनिया भर में औरतें इससे जूझती हैं. यह उनके शरीर और मन, दोनों को प्रभावित करता है. जिस समाज में पीरियड्स के बारे में चर्चा से ही शर्म आती हो, वहां इस समस्या का हल कैसे निकाला जाएगा. तो, पीएमएस के बारे में ज्यादातर लोग जानते नहीं, जानते हैं तो मानते नहीं. औरतें अपने ही फंदे में फंसी इसका शिकार होती रहती हैं. इस मामले में हाई कोर्ट का शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए कि उसने पीएमएस को एक्नॉलेज किया.

दुनिया के कई देशों की अदालतें पीएमएस को लेकर चर्चा और बहस कर चुकी हैं. फैसले भी सुना चुकी हैं. 1980 में इंग्लैंड की दो औरतों सैंडी स्मिथ और क्रिस्टीना इंग्लिश को पीएमएस के आधार पर कोर्ट ने हत्या के आरोप से तो बरी नहीं किया था लेकिन सजा कुछ हल्की कर दी थी. कनाडा में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें औरतों पर दुकानों से सामान चुराने से लेकर हत्या तक के आरोप लगे और इन अपराधों को पीएमएस से जोड़ा गया. लेकिन हर बार ये मामले कॉन्ट्रोवर्शियल रहे क्योंकि इसे एंटी विमेन के तौर पर देखा गया. मतलब पीएमएस से औरतों की दिमागी हालत गड़बड़ा जाती है, यह हजम करने जैसा नहीं लगा. वैज्ञानिक आधार पर भी पीएमएस के इस पहलु की सत्यता प्रमाणित नहीं होती. अस्सी और नब्बे के दशक में ब्रिटिश और अमेरिका मीडिया जब पीएमएस को रेजिंग हार्मोन्स का नाम दे रहा था, औरतें इससे नाराज हो रही थीं. फेमिनिस्ट्स का कहना था कि इस एक बात को औरतों के खिलाफ भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

इसी तरह अमेरिकी साइकोलॉजिस्ट लिओनोर ई वॉकर ने 1984 में बीडब्ल्यूएस को डिफेंस की तरह इस्तेमाल करने की सलाह दी थी जिसे बाद में खारिज कर दिया गया. बीडब्ल्यूएस का मतलब था- बैटर्ड वाइफ सिंड्रोम. घरेलू हिंसा की शिकार औरतें किस तरह बाद में खतरनाक हो जाती हैं, वॉकर ने इसी पर रिसर्च किया था. लेकिन कोर्ट्स को लगा कि इस सिंड्रोम पर अभी इतनी स्टडी नहीं की गई है कि उसे डिफेंस का आधार बनाया जा सके. वैज्ञानिकों की बिरादरी ने भी इसे मंजूर करने से इनकार कर दिया था. इसी तरह पीएमएस पर भी डॉक्टरों के अलग-अलग विचार हैं.

हां, इस बार पीएमएस को साइकोन्यूरोटिक रोग से जोड़कर देखा गया है. कहा जा रहा है कि यह रोग हिंसक हो सकता है. औरतों को खतरनाक बना सकता है. लेकिन ऐसे फैसलों के बाद कई दूसरे सवाल भी खड़े हो जाते हैं. क्या इसे आधार बनाकर औरतों पर साधिकार घिनौने से घिनौने आरोप नहीं लगाए जा सकते है? चूंकि सवाल सिर्फ एक मामले तक सीमित नहीं. जब हर ओर उसकी अस्मिता के परखच्चे उड़ाए जाते हों, उसे पीएमएस के कारण पागल घोषित करने में कितना समय लगेगा?

हर सचेत स्त्री के खिलाफ दिमागी जहर भरने के लिए इस एक सिंड्रोम का बखूबी इस्तेमाल किया जा सकता है. तलाक के मामलों में उनकी इमेज को तहस-नहस करने के लिए- बच्चों से दूर करने के लिए. आप पीएमएस की शिकार औरतों को पगली बताकर उन्हें कॉलेजों में पढ़ने से रोक सकते हैं. पीएमएस की वजह से कम प्रोडक्टिव होने के नाम पर उन्हें नौकरियां देने से इनकार कर सकते हैं. वैसे भी शादी के बाद बच्चे पैदा करने की दुहाई देकर औरतों को पढ़ाई और वर्कफोर्स से बाहर किया जाता रहा है. हाल की एक घटना से यह बात एकदम साफ हो जाती है. जापान की एक मेडिकल यूनिवर्सिटी के इंट्री टेस्ट में लगभग एक दशक से लड़कियों को कम नंबर दिए जाते थे ताकि उनका दाखिला कॉलेज में हो ही नहीं. मेडिकल कॉलेज का मानना था कि लड़कियों पर मां बनने की बड़ी जिम्मेदारी जो होती है. जिस समाज में औरतों को खुद को साबित करने के लिए, मर्दों से बराबरी करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है, वहां इस एक सिंड्रोम के कितने खतरे हो सकते हैं. खुद औरत के लिए. इसीलिए औरतों को अपने औरत होने का लाभ लेने से पहले सोचना होगा कि कहीं उन्हें अपने खिलाफ औजार में ही न बदल दिया जाए. क्योंकि पीएमएस में कोई और तकलीफ हो न हो, हम पगला तो बिल्कुल नहीं जाते.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

बांग्लादेश की ये औकात, नेता कर रहे दो-भारत की बात! ग्लोबल मीडिया से निपटने का भी हो रहा इंतजाम, समझें कैसे
बांग्लादेश की ये औकात, नेता कर रहे दो-भारत की बात! ग्लोबल मीडिया से निपटने का भी हो रहा इंतजाम, समझें कैसे
'दादा को सुबह-शाम शपथ लेने का अनुभव है', अजित पवार पर एकनाथ शिंदे के बयान से लगे ठहाके, वीडियो वायरल
'दादा को सुबह-शाम शपथ लेने का अनुभव है', अजित पवार पर एकनाथ शिंदे के बयान से लगे ठहाके, वीडियो वायरल
'प्लीज मेरे बच्चे को छोड़ दो', इरफान खान से तुलना होने के चलते डिप्रेशन में आए बाबिल खान, मां सुतापा ने किया खुलासा
इरफान खान से तुलना होने के चलते डिप्रेशन में आए बाबिल खान, मां ने किया खुलासा
Watch: U19 एशिया कप में दिखी MS Dhoni की झलक, हरवंश सिंह ने दिखाया 'नो-लुक स्टंप' का कमाल!
U19 एशिया कप में दिखी धोनी की झलक, हरवंश सिंह ने दिखाया 'नो-लुक स्टंप' का कमाल!
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News: विधानसभा में बोले केजरीवाल, दिल्ली में बढ़ते अपराध को लेकर उठाया केंद्र पर सवाल | AAPMahrashtra Politics: प्रेस कॉन्फ्रेंस में Eknath Shinde के सामने Devendra Fadnavis ने रखी ये मांगPushpa 2 ने बनाया नया रिकॉर्ड! Kalki, KGF और Bahubali को पीछे छोड़ कमाए मोटे पैसे!Vivek Oberoi ने कैसे कमाए 1200 करोड़? Actress ने दिया साथ और Salman Khan पर तंज कसा!

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बांग्लादेश की ये औकात, नेता कर रहे दो-भारत की बात! ग्लोबल मीडिया से निपटने का भी हो रहा इंतजाम, समझें कैसे
बांग्लादेश की ये औकात, नेता कर रहे दो-भारत की बात! ग्लोबल मीडिया से निपटने का भी हो रहा इंतजाम, समझें कैसे
'दादा को सुबह-शाम शपथ लेने का अनुभव है', अजित पवार पर एकनाथ शिंदे के बयान से लगे ठहाके, वीडियो वायरल
'दादा को सुबह-शाम शपथ लेने का अनुभव है', अजित पवार पर एकनाथ शिंदे के बयान से लगे ठहाके, वीडियो वायरल
'प्लीज मेरे बच्चे को छोड़ दो', इरफान खान से तुलना होने के चलते डिप्रेशन में आए बाबिल खान, मां सुतापा ने किया खुलासा
इरफान खान से तुलना होने के चलते डिप्रेशन में आए बाबिल खान, मां ने किया खुलासा
Watch: U19 एशिया कप में दिखी MS Dhoni की झलक, हरवंश सिंह ने दिखाया 'नो-लुक स्टंप' का कमाल!
U19 एशिया कप में दिखी धोनी की झलक, हरवंश सिंह ने दिखाया 'नो-लुक स्टंप' का कमाल!
बैंकर, सिंगर या एक्टर! कौन हैं देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता, पति से भी ज्यादा है कमाई
बैंकर, सिंगर या एक्टर! कौन हैं देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता, पति से भी ज्यादा है कमाई
किसानों को बिहार सरकार उपलब्ध कराएगी ड्रोन, प्रति एकड़ मिलेंगे इतने रुपये
किसानों को बिहार सरकार उपलब्ध कराएगी ड्रोन, प्रति एकड़ मिलेंगे इतने रुपये
Adani Defence: अडानी डिफेंस ने नौसेना को दूसरा दृष्टि-10 ड्रोन सौंपा, एडवांस्ड विमान करेंगे समुद्री निगरानी को मजबूत
अडानी डिफेंस ने नौसेना को दूसरा दृष्टि-10 ड्रोन सौंपा, एडवांस्ड विमान करेंगे समुद्री निगरानी को मजबूत
बीजेपी शासित किन-किन राज्यों में अभी भी बैन नहीं है बीफ, जानिए लिस्ट
बीजेपी शासित किन-किन राज्यों में अभी भी बैन नहीं है बीफ, जानिए लिस्ट
Embed widget