मुंबई के ख़िलाफ़ शनिवार के मैच में बग़ैर खाता खोले आउट होने से पहले एक करिश्माई पारी की बदौलत आईपीएल के दसवें सीजन में ऋषभ पंत ने बाजी मार ली थी. उनकी एक पारी ने उन्हें ‘स्टार’ बना दिया. ‘क्रिकेट के भगवान’ का दर्जा पा चुके सचिन तेंडुलकर ने कह दिया था कि उनकी पारी आईपीएल के दस साल के इतिहास की सबसे शानदार पारी है. वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़ और इनके अलावा सोशल मीडिया के ढेरों ‘सेलिब्रिटीस’ ने ऋषभ की पीठ थपथपा दी.


जिस एक पारी ने ऋषभ को स्टार बनाया उस मैच में दिल्ली की टीम को जीत के लिए 209 रनों का बड़ा लक्ष्य हासिल करना था. जो उसने 18वें ओवर में ही हासिल कर लिया. इस जबरदस्त जीत के हीरो रहे ऋषभ पंत. पंत ने सिर्फ 43 गेंद पर 97 रन बनाए. इसमें 6 चौके और 9 छक्के शामिल थे. जाहिर है कि इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए इतनी धुंआधार बल्लेबाजी करने वाले और अपनी टीम को जीत दिलाने वाले खिलाड़ी की तारीफ होनी चाहिए, खुलकर तारीफ होनी चाहिए बस ध्यान इस बात का रखा जाना चाहिए कि इस तारीफ के बाद उस खिलाड़ी का करियर सही रास्ते पर चले.

वो भारतीय क्रिकेट के ‘सिस्टम’ को समझ सके. उसमें जगह बना सके. अपना भविष्य संवार सके. जो काबिलियत उसके अंदर है उसका फायदा देश को भी मिल सके. आपको लग रहा होगा कि ये नकारात्मक बातें क्यों हो रही हैं? इसकी क्या जरूरत है? सच ये है कि इसकी जरूरत है. चलिए पहले ऋषभ पंत के बारे में कुछ बातें जान लेते हैं.

सौजन्य: IPL(BCCI)

कौन हैं ऋषभ पंत?
ऋषभ पंत विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. अभी 20 बरस के भी नहीं हैं. उन्हें क्रिकेट का जुनून है. इसी जुनून को पूरा करने के लिए उन्होंने कई शहर बदले हैं. अंडर 19 विश्व कप में वो जबरदस्त बल्लेबाजी कर चुके हैं. रणजी ट्रॉफी में वो तिहरा शतक लगा चुके हैं. आईपीएल के जिस मैच ने उन्हें स्टार बनाया उसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि अगर गेंद खराब है तो वो उसे मारेंगे ही मारेंगे, ये बात उनके ‘एटीट्यूड’ को समझाती है.

इन्हीं काबिलियतों की बदौलत वो टीम इंडिया में शामिल किए जा चुके हैं एक अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच भी खेल चुके हैं. वो भी महेंद्र सिंह धोनी के टीम में रहते हुए उन्हें प्लेइंग 11 में जगह मिली जो ये बताता है कि उन्होंने बतौर बल्लेबाज भी चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है. उस मैच में उन्होंने 3 गेंद पर 5 रन बनाए थे. जहिर है ऋषभ के करियर में सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है. किसी तरह की फिक्र की कोई बात नहीं है सिवाय इसके कि आईपीएल के इतिहास में झांककर कुछ खिलाड़ियों का अतीत याद कर लिया जाए. ये आईपीएल बड़ी कमाल की चीज है. इस आईपीएल में पहले से लेकर अभी तक के सीजन में ऐसे जाने कितने खिलाड़ी आए जिन्हें रातों रात बड़ा स्टार बता दिया गया.

रातों रात बनें स्टार की फौज को याद कीजिए:
चलिए स्वप्निल असनोडकर से बात शुरू करते है. स्वप्निल असनोडकर आईपीएल के पहले सीजन के स्टार थे. राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उन्होंने अपने पहले ही मैच में हाफ सेंचुरी लगाई थी. पूरे सीजन में शानदार बल्लेबाजी की थी. 9 मैचों में उनके खाते मे 311 रन थे. उस वक्त उनकी उम्र करीब 24 साल थी. आज स्वप्निल असनोडकर कहां हैं ये आम क्रिकेट फैंस तो भूल ही गई हैं भारतीय क्रिकेट के ‘बॉसेस’ को भी शायद ही याद होगा.

सौजन्य: ट्विटर

एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं- श्रीवत्स गोस्वामी. उन्होंने बैंगलोर के लिए पहले ही मैच में हाफ सेंचुरी ठोंकी थी. यो महेश ने शुरूआती सीजन में सचिन तेंडुलकर और सनथ जयसूर्या जैसे दिग्गज बल्लेबाजों को आउट किया था. मनप्रीत गोनी को चेन्नई की टीम के लिए आईपीएल की खोज माना गया. इन्हीं खिलाडियों में प्रवीण तांबे का नाम भी याद कीजिए. जिन्हें 41 साल की उम्र में आईपीएल खेलने का मौका मिला और उन्होंने राजस्थान की टीम के लिए कमाल का प्रदर्शन किया. ऐसे खिलाड़ियों के नाम एक दो में नहीं दर्जनों में है.

पिछले दस साल के इतिहास में आईपीएल में दर्जनों ऐसे स्टार रातों रात पैदा हुए, जिनमें बड़ा ‘पोटेंशियल’ था. उनकी उम्र भी ऐसी थी कि लगा कि अब वो जल्दी ही भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगे. उनमें से कुछ भारतीय टीम का हिस्सा बने भी, लेकिन आज उनका अता पता नहीं है. क्रिकेट की वेबसाइट पर उनके रिकॉर्ड्स तो मिल जाएंगे, घरेलू क्रिकेट में कभी कभार उनके अच्छे प्रदर्शन की खबरें भी मिल जाएंगी लेकिन जिन मंजिलों पर उन्हें पहुंचना चाहिए था उन मंजिलों पर उनके निशां नहीं दिखाई देंगे.

ऋषभ पंत के लिए सबक इसी कहानी में छिपा हुआ है. उन्हें और उनके घरवालों, कोच को ये तय करना है कि वो 4 मई 2017 की रात खेली गई उस शानदार पारी में ही खोए रहेंगे या उसके बाद का रास्ता तलाशेंगे.