(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
वक्त बड़ी तेजी से निकल रहा है 'गब्बर'
शिखर धवन पूरी सीरीज में रनों के लिए तरसते रहे। कमजोर गेंदबाजी के सामने ये हाल हैं तो आगे और दिक्कत होगी।
जिस सीरीज में भारत के टॉप ऑर्डर ने रनों की बरसात की हो उस सीरीज में एक खिलाड़ी के लिए रनों का सूखा है. सूखा क्या स्थिति अकाल की है. 5 मैच में करीब 22 की औसत से 112 रन अकाल ही कहे जाएंगे. ये आंकड़े टीम इंडिया के गब्बर यानी शिखर धवन के हैं. पूरी सीरीज में उनका सर्वाधिक स्कोर 38 रन है.
दूसरी तरफ बतौर सलामी बल्लेबाज इस सीरीज में रोहित शर्मा ने दो बड़े शतक और एक अर्धशतक लगाया. नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने वाले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने 3 शतक लगाया. नंबर चार पर बल्लेबाजी करने वाले अंबाती रायडू ने भी पांच मैचों की चार पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक लगाया. यानी टॉप ऑर्डर में हर किसी ने जमकर रन बटोरे. हाथ खाली रह गए तो बस शिखर धवन के.
ये परेशानी इसलिए भी निराश करने वाली है क्योंकि उनकी बल्लेबाजी का ये हाल भारतीय पिचों पर अपेक्षाकृत कमजोर गेंदबाजों के खिलाफ है. विदेशी पिचों पर तो ये परेशानी और ज्यादा खुलकर सामने आएगी. 2019 विश्व कप के लिहाज से जब एक-एक मैच से खिलाड़ियों का भविष्य बनना बिगड़ना है तब शिखर धवन की ये फॉर्म उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है. पिछले लंबे समय से वो बतौर सलामी बल्लेबाज वो टीम इंडिया की ‘ऑटोमैटिक च्वॉइस’ हैं. इस स्थिति को बरकरार रखने के लिए उन्हें जल्द से जल्द रन बनाने होंगे.
एक ही तरह की गलती कर रहे हैं धवन
शिखर धवन की असली परेशानी ये है कि एक ही गलती बार बार करते हैं. आप उनके आउट होने के तरीके को देखिए. आप पाएंगे कि उनमें एक समानता है. ऐसा भी नहीं कि ये समानता पहली बार दिख रही हो. याद कीजिए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में शिखर धवन को शॉर्टपिच गेंदों ने परेशान किया था. वो ज्यादातर शॉर्ट पिच गेंदों पर आउट हुए थे. इसके बाद इंग्लैंड में टप्पा खाने के बाद अंदर आती गेंद का इलाज वो नहीं खोज पाए. लिहाजा उन्हें इंग्लिश गेंदबाजों के खिलाफ जूझना पड़ा. अब मुकाबला वेस्टइंडीज से था. जिसमें ऐसा कोई गेंदबाज नहीं था जो अपनी रफ्तार या उछाल से डराने की कूवत रखता हो. लेकिन यहां भी शिखर धवन के बल्ले से इनर एज लगते रहे और गेंद विकेट में जाती रही. पूरी सीरीज में वो इस परेशानी का इलाज नहीं खोज पाए.
रोहित शर्मा से लें सबक
शिखर धवन अनुभवी खिलाड़ी हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें करीब एक दशक का वक्त बीत चुका है. उन्हें इस बात का अंदाजा है कि खिलाड़ी कितना भी बड़ा क्यों ना हो अगर फॉर्म और फिटनेस साथ नहीं देती तो पुराने रिकॉर्ड्स ज्यादा दिन तक काम नहीं आते हैं. बतौर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को अपने जोड़ीदार रोहित शर्मा से सबक लेना होगा. रोहित शर्मा ने एशिया कप के बाद से अपनी बल्लेबाजी के अंदाज को बदला है जिससे उन्हें अच्छी कामयाबी मिली है. शिखर धवन को नेट्स में पसीना बहाना होगा और ज्यादा मेहनत करनी होगी. अपनी कमियों पर काम करना होगा. खास तौर पर उन गलतियों पर मेहनत करनी होगी जो उनसे बार बार दोहराई जा रही हैं. वरना विकल्प तैयार हैं.
हाल ही में शिखर धवन को टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. अब अगर वो संभले नहीं तो वनडे और टी-20 में उनकी जगह पर खतरा है. खास तौर पर जब टीम इंडिया में सलामी बल्लेबाजों की एक नई पौध तैयार हो रही है तो उन्हें अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी. जिसका मौका अब उन्हें टी-20 सीरीज में मिलेगा. वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज की शुरूआत 4 तारीख से कोलकाता में हो रही है. जहां शिखर धवन पर सभी की नजर रहेगी. अगर यहां भी वो चूक गए तो आने वाले दिन और कठिनाईयों भरे होंगे क्योंकि इसके बाद खुद को साबित करने का एक और मौका उन्हें ऑस्ट्रेलिया में मिलेगा. जहां रन बनाना इतना आसान नहीं होगा. खास तौर पर तब जब उनका आत्मविश्वास हिला हुआ होगा.