लंबे समय के बाद विराट कोहली दबाव में हैं. दबाव में इसलिए नहीं कि पिछले मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था. दबाव में इसलिए क्योंकि जिस वेस्टइंडीज की टीम से हम हारे उस टीम का स्तर और टीम इंडिया के स्तर में उन्नीस-बीस का नहीं बल्कि सोलह-बीस का फर्क है. वो भी तब जबकि पिछले मैच में भारतीय टीम को सिर्फ 190 रनों के लक्ष्य का पीछा करना था. 190 रन का लक्ष्य सितारों से सजी भारतीय टीम के लिए कुछ भी नहीं होना चाहिए लेकिन भारतीय टीम 11 रन से हार गई. टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर के तीन बल्लेबाज दहाई तक के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाए. इसमें खुद कप्तान विराट कोहली भी शामिल हैं.
5 मैचों की सीरीज में भारतीय टीम फिलहाल 2-1 से आगे है. पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था. लिहाजा आज का मैच बेहद अहम है. भारतीय टीम हर हाल में सीरीज को 3-1 से अपने नाम करना चाहेगी क्योंकि ऐसा ना कर पाने की सूरत में आलोचकों को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा. इन परिस्थियों में विराट कोहली को इस सीरीज में शायद पहली बार मैदान में उतरने से पहले अच्छा खासा ‘होमवर्क’ करना पड़ेगा. पिछले मैच की तरह ही इस मैच में भी प्लेइंग 11 में कुछ बदलाव करने पड़ेंगे. इस बदलाव में फर्क ये होगा कि पिछले मैच में टीम इंडिया ने बेंच पर बैठे खिलाडियों को भी मौका दिया था. इस बार विराट अपनी ‘बेस्ट पॉसिबिल प्लेइंग 11’ के साथ मैदान में उतरेंगे.
किसकी-किसकी किस्मत का होगा फैसला?
पिछले मैच में विराट कोहली ने टीम में कई बदलाव किए थे. उस पर से जब टॉप ऑर्डर नाकाम हुआ तो टीम मुश्किल में पड़ गई. पिछले मैच में शिखर धवन 5, कप्तान कोहली 3 और दिनेश कार्तिक 2 रन बनाकर आउट हो गए थे. दिलचस्प बात ये है कि दिनेश कार्तिक ने 5 मार्च 2014 के बाद सीधा पिछला मैच खेला था. तीन साल से भी ज्यादा लंबे अंतराल के बाद उन्हें टीम में इसलिए जगह दी गई क्योंकि युवराज सिंह फिट नहीं थे. आज युवी अगर फिट होते हैं तो कार्तिक की किस्मत का फैसला विराट कोहली करेंगे. विराट कोहली ने केदार जाधव को भी लगातार मौके दिए हैं. इस सीरीज में खेले गए 3 मैचों में उन्होंने 63 रन बनाए हैं. विराट को केदार जाधव की किस्मत का फैसला भी करना है. इन दोनों बल्लेबाजों को लेकर फैसला करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे आने वाले वक्त के लिए विराट कोहली की ‘प्लानिंग’ का पता चल सकेगा.
कहने के लिए ये लगता है कि अभी अगले विश्व कप में दो साल का वक्त बाकि है, लेकिन किसी भी टीम के कप्तान से पूछिए दो साल पहले से उन खिलाड़ियों की पहचान करने का काम शुरू हो जाता है जो वर्ल्ड कप के लिए मैदान में उतरेंगे. इस लिहाज से विराट कोहली को भी अपनी ‘प्लानिंग’ को चाक चौबंद करना होगा. युवराज सिंह और धोनी को लेकर विराट कोहली को बहुत ज्यादा मेहनत करनी होगी. ये दोनों ही खिलाड़ी मौजूदा टीम इंडिया के सबसे सीनियर खिलाड़ी हैं. दोनों ही खिलाड़ी विराट कोहली से कहीं ज्यादा पहले टीम इंडिया का हिस्सा बने हैं. दोनों ही खिलाड़ी बहुत बड़े मैच विनर हैं. दोनों ही करीब 36 साल के हैं. पिछले मैच में भारत की हार के पीछे धोनी की सुस्त बल्लेबाजी को लेकर बहुत हो हल्ला मच भी चुका है. ऐसे में इन दोनों दिग्गजों की किस्मत का फैसला भी विराट कोहली को ही करना है.
गेंदबाजी में करेंगे बदलाव
भारतीय टीम में इस वक्त तीन अच्छे तेज गेंदबाज हैं. भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और मोहम्मद शमी. इसमें से उमेश यादव ही इकलौते गेंदबाज हैं जिन्हें तीनों मैच में खेलने का मौका दिया गया है. उनके अलावा भुवनेश्वर कुमार ने 2 और मोहम्मद शमी ने 1 मैच खेला है. इकॉनमी के लिहाज से भुवी और शमी, उमेश यादव से कहीं बेहतर गेंदबाजी कर रहे हैं. भुवी ने 2.8, शमी ने 3.3 जबकि उमेश यादव ने 4.52 की इकॉनमी से रन दिए हैं.
स्पिन गेंदबाजी में भी विराट कोहली के पास अनुभवी आर अश्विन के अलावा रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव हैं. कुलदीप ने इस सीरीज में अच्छी गेंदबाजी की है. भारत के लिए सबसे ज्यादा 8 विकेट उन्होंने ही लिए हैं. ऐसे में विराट कोहली को उनकी किस्मत का फैसला भी करना है कि वो टीम इंडिया की कितनी दूर तक की ‘प्लानिंग’ में शामिल हैं.
आज किसकी-किसकी किस्मत का फैसला करेंगे विराट कोहली?
शिवेन्द्र कुमार सिंह
Updated at:
06 Jul 2017 11:54 AM (IST)
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