कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार अमेठी दौरे पर हैं. राहुल गांधी ने दो दिनों के दौरे की शुरुआत हनुमान मंदिर से की. रायबरेली के इस मंदिर में राहुल गांधी ने पहले बजरंगबली की पूजा की और फिर आरती की. उन्हें जिसने भी देखा माथे पर लाल रंग के लंबे तिलक में ही देखा. अमेठी यात्रा के लिए राहुल गांधी ने मकर संक्रान्ति जैसे शुभ मुहूर्त को चुना. सलोन में उन्होंने इस मौक़े पर पूजा पाठ किया और रक्षा सूत्र भी बंधवाया. मकर संक्रान्ति पर दान पुण्य करने की परंपरा रही है. राहुल गांधी ने भी ऐसा ही किया और लोगों के साथ बैठ कर खिचड़ी भी खाई. गुजरात से ही राहुल गांधी हिंदुत्व की राह पर हैं. बीजेपी के लगातार विरोध के बावजूद वे ख़ुद को शिव भक्त बताते रहे.


पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुक़ाबला करने के लिए राहुल गांधी अपनी नई छवि गढ़ना चाहते हैं. मंदिर दर्शन, पूजा पाठ और माथे पर तिलक, ये सब उसी इमेज के प्रतीक हैं. इस फ़ार्मूले पर गुजरात में राहुल गांधी बहुत हद तक कामयाब भी रहे. बीजेपी के लिए अब उन पर मुस्लिम परस्त होने का आरोप लगाना मुश्किल हो रहा है. राहुल गांधी अब बीजेपी के बनाये पिच पर ही रन बनाने की जुगत में हैं.


सितंबर 2016 में राहुल गांधी अयोध्या गए थे. वहां उन्होंने प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर जाकर पूजा अर्चना की थी. बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद अयोध्या की यात्रा करने वाले वे राहुल गांधी, नेहरू परिवार के पहले सदस्य थे. गुजरात में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने सभी बड़े मंदिरों सोमनाथ से लेकर द्वारिका तक के दर्शन कर लिए. आख़िरी दिन तो वे अहमदाबाद के जगन्नाथ मंदिर पहुंच गए थे.


उग्र हिंदुत्व की छवि वाले योगी आदित्यनाथ ने इसे भी मुद्दा बना दिया. अपनी चुनावी सभाओं में योगी बोले “ राहुल गांधी जब काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा कर रहे थे तो पंडितों ने उन्हें टोका कि ऐसे तो लोग नमाज़ पढ़ते हैं.'' राहुल गांधी को पता है दिल्ली का रास्ता लखनऊ होकर जाता है. इसीलिए अब वे पीएम मोदी और सीएम योगी के गढ़ में उनकी ही शैली में मुक़ाबले के लिए ख़ुद को तैयार कर रहे हैं.


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)