एक्सप्लोरर

BLOG: मायावती के वक्तव्य में थे कई संदेश

लखनऊ में हुई अखिलेश और मायावती की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने लिखित वक्तव्य पढ़े. यह एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) जैसा था, इसलिए ज़रूरी था कि इन नीति-वक्तव्यों में एक भी शब्द इधर से उधर न हो. दोनों बयानों को ध्यान से सुनने पर जो बातें साफ़ तौर पर समझ में आती हैं, उन पर गौर करने से पता लगाया जा सकता है कि निकट भविष्य की राजनीति कैसी होने जा रही है.

मायावती की दो बातें उनकी राजनीतिक रणनीति के लिहाज़ से उल्लेखनीय हैं. पहली, उन्होंने साफ तौर से कहा कि शिवपाल यादव की पीठ पर भारतीय जनता पार्टी का हाथ है. यानी वो यादव वोट काटने के लिए तैयार किये गए हैं. मायावती का यह कथन शिवपाल की राजनीति पर गाज की तरह गिरा होगा, क्योंकि अब यादव मतदातामंडल में उन्हें शायद ही कोई गम्भीरता से लेगा. ऐसा कह कर मायावती ने यादव ध्रुवीकरण तकरीबन सुनिश्चित कर दिया. दूसरी, राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए रायबरेली और अमेठी की सीटें छोड़ने के बारे में उनकी दलील भी समझने काबिल है.

मायावती के अनुसार इन सीटों को इसलिए छोड़ा गया है ताकि बीजेपी इन दो नेताओं को उनके निर्वाचन क्षेत्र में न फंसा सके और वे पूरे देश में चुनाव प्रचार करने के लिए मुक्त रहें. यानी, उन्होंने यह भी दिखाया कि भले ही वो यूपी में कांग्रेस के साथ समझौता न कर रही हों, पर वो राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को प्रमुख शक्ति मानती हैं. दूसरी तरफ मायावती ने अपने इस कथन से कांग्रेस को एक संदेश भी दे दिया कि अगर वह चाहे तो यूपी में स्थानीय स्तर पर कुछ सीटों पर माया-अखिलेश से एक भीतरी तालमेल कायम कर सकती है.

प्रश्न यह है कि कांग्रेस को इसके उत्तर में क्या करना चाहिए? क्या कांग्रेस को अफसोस में डूबकर प्रदेश की सभी अस्सी सीटों पर उम्मीदवार उतार कर अपनी खम ठोकनी चाहिए? मुझे लगता है कि इस तरह की कोई भी कोशिश करने के बजाय कांग्रेस को माया-अखिलेश के साथ भीतर ही भीतर बातचीत करके दस से पंद्रह ऐसी सीटों पर स्थानीय तालमेल करना चाहिए जहां उसके जीतने की संभावना ज़्यादा हो. इस प्रकार कांग्रेस द्वारा जीती गई ये सीटें एक तरह के बोनस की तरह होंगी. कांग्रेस को उन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े करने से परहेज़ करनी चाहिए जहां माया-अखिलेश की तरफ से द्विज जातियों के उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए. ऐसा करके तीनों पार्टियां बीजेपी को ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं.

बीजेपी ने 2017 में द्विज जातियों के साथ गैर-यादव और गैर-जाटव वोटों को जोड़ कर तकरीबन 44 फीसदी वोट हासिल किये थे. क्या आज बीजेपी अपनी इस रणनीति के ज़रिये एक बार फिर 2017 से भी बड़ी हिंदू एकता बना सकती है? यूपी की राजनीति को समझने वाला कोई भी प्रेक्षक इस प्रश्न का उभार नकारात्मक ही देगा. कारण स्पष्ट है. पिछले डेढ़ साल चल रही योगी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार अपने सामाजिक वायदे पर खरी उतरने में पूरी तरह से विफल रही है. न केवल छोटी और कमज़ोर जातियां उससे नाराज़ हैं (क्योंकि चुनाव जीतने के बाद उन्हें शासन-प्रशासन में कुछ नहीं मिला), बल्कि ब्राह्मण और वैश्य जैसी द्विज जातियां भी योगी शासन में ठगा सा महसूस कर रही हैं (क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में योगी मूलत: ठाकुर अजय सिंह बिष्ट होने की अपनी राजपूत पहचान से ऊपर नहीं उठ पाये हैं).

हाल ही में ऊंची जातियों को मिले दस फीसदी आरक्षण के कारण हो सकता है कि बीजेपी का पारम्परिक द्विज वोट बैंक एक बार फिर पुरानी नाराजगी भूल कर ताज़े मानसिक उछाल का परिचय दे दे. इस तरह बीजेपी गठजोड़ के मुकाबले ऊंची जातियों का ध्रुवीकरण अवश्य कर सकती है. लेकिन, उसके साथ हाल ही में जुड़ी निचली और कमज़ोर जातियों के पास उसका साथ देते रहने की ऐसी कोई वज़ह नहीं है. वो तो यह देख रही हैं कि जो पार्टी अपर कास्ट के ठप्पे से छुटकारा पाती दिख रही थी, वह व्यावहारिक ज़मीन पर एक बार फिर अपने पुराने ब्राह्मण-बनिया संस्करण में जा चुकी है.

जाहिर है कि माया-अखिलेश के मुकाबले बीजेपी बैकफुट पर है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं निकालना चाहिए कि उसे हराना गठजोड़ के लिए आसान होगा. इस लक्ष्य को वेधने के लिए गठजोड़ कर यूपी के बिरादरी आधारित छोटे-छोटे सामाजिक और राजनीतिक संगठनों को अपनी ओर खींचना होगा जिन्होंने पिछली बार बीजेपी के लिए काम किया था. इन्हें भगवा प्रभुत्व में लाने के लिए ओम प्रकाश राजभर ने सकारात्मक भूमिका निभाई थी. इस समय राजभर बीजेपी से नाराज़ हैं. इसका फायदा उठा कर गठजोड़ इन संगठनों के साथ बेहतर रिश्ते बना सकता है. गोरखपुर में निषाद पार्टी के साथ किया गया अखिलेश का प्रयोग इसकी एक बानगी के तौर पर देखा जा सकता है.

अखिलेश ने जिस तरह अपने वक्तव्य में मायावती के गुरूर को स्पर्श दिया, उससे ज़ाहिर है कि वे अपने गठजोड़ की लम्बी उम्र की तरफ देख रहे हैं. यह भी लगता है कि दोनों के बीच 2022 के लिए भी समझदारी बन गई है. पर उस मंजिल तक पहुंचने से पहले ज़रूरी है कि 2019 के नतीजे दोनों के मनमाफिक निकलें. इस लिहाज़ से गठजोड़ का आगाज़ बहुत संभावनापूर्ण हुआ है.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
Wed Mar 05, 10:17 am
नई दिल्ली
25.3°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 17%   हवा: NW 28 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

डोनाल्ड ट्रंप से किस मामले में आगे हैं अरविंद केजरीवाल? स्वाति मालीवाल ने वीडियो शेयर कर बता दिया 
डोनाल्ड ट्रंप से किस मामले में आगे हैं अरविंद केजरीवाल? स्वाति मालीवाल ने वीडियो शेयर कर बता दिया 
PU छात्र संघ चुनाव से पहले दरभंगा हाउस में धमाका, HOD के गाड़ी पर फेंका बम, मौके पर पहुंची पुलिस
PU छात्र संघ चुनाव से पहले दरभंगा हाउस में धमाका, HOD के गाड़ी पर फेंका बम, मौके पर पहुंची पुलिस
'आश्रम' के प्रमोशन के दौरान बॉबी देओल को आया था वर्टिगो अटैक, हो गई थी ऐसी हालत
'आश्रम' के प्रमोशन के दौरान बॉबी देओल को आया था वर्टिगो अटैक, हो गई थी ऐसी हालत
भारत-चीन समेत कई देशों पर रखी टैरिफ की तलवार, फिर ट्रंप ने पाकिस्तान को क्यों कहा Thank You, जानें वजह
भारत-चीन समेत कई देशों पर रखी टैरिफ की तलवार, फिर ट्रंप ने पाकिस्तान को क्यों कहा Thank You, जानें वजह
ABP Premium

वीडियोज

Snow Avalanche in Sonmarg: सोनमर्ग में भयंकर एवलॉन्च, बर्फ के तूफान की डरावनी तस्वीरें! | Breaking | abp  NewsAurangzeb remarks row: 'औरंगजेब जिसका हीरो, वो यहां ना रहें'- औरंगजेब की तारीफ पर भड़के CM योगी | ABP News'CBI के पास Christian Michel का पासपोर्ट',वकील ने रिलीज की उठाई मांग | ABP NewsAurangzeb Row: औरंगजेब विवाद... Abu Azmi के समर्थन में आए Akhilesh Yadav | Breaking | Maharashtra | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
डोनाल्ड ट्रंप से किस मामले में आगे हैं अरविंद केजरीवाल? स्वाति मालीवाल ने वीडियो शेयर कर बता दिया 
डोनाल्ड ट्रंप से किस मामले में आगे हैं अरविंद केजरीवाल? स्वाति मालीवाल ने वीडियो शेयर कर बता दिया 
PU छात्र संघ चुनाव से पहले दरभंगा हाउस में धमाका, HOD के गाड़ी पर फेंका बम, मौके पर पहुंची पुलिस
PU छात्र संघ चुनाव से पहले दरभंगा हाउस में धमाका, HOD के गाड़ी पर फेंका बम, मौके पर पहुंची पुलिस
'आश्रम' के प्रमोशन के दौरान बॉबी देओल को आया था वर्टिगो अटैक, हो गई थी ऐसी हालत
'आश्रम' के प्रमोशन के दौरान बॉबी देओल को आया था वर्टिगो अटैक, हो गई थी ऐसी हालत
भारत-चीन समेत कई देशों पर रखी टैरिफ की तलवार, फिर ट्रंप ने पाकिस्तान को क्यों कहा Thank You, जानें वजह
भारत-चीन समेत कई देशों पर रखी टैरिफ की तलवार, फिर ट्रंप ने पाकिस्तान को क्यों कहा Thank You, जानें वजह
Watch: ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद रोहित-कोहली का ब्रोमांस, वायरल हो रहा है वीडियो
ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद रोहित-कोहली का ब्रोमांस, वायरल हो रहा है वीडियो
Myths Vs Facts: क्या मुंह में होने वाले छाले भी बन सकते कैंसर का कारण? जान लीजिए जवाब
क्या मुंह में होने वाले छाले भी बन सकते कैंसर का कारण? जान लीजिए जवाब
सुहागरात पर अक्सर ये पांच गलतियां कर बैठते हैं मर्द, ऐसे बर्बाद हो जाती है शादी की पहली रात
सुहागरात पर अक्सर ये पांच गलतियां कर बैठते हैं मर्द, ऐसे बर्बाद हो जाती है शादी की पहली रात
Jobs 2025: BPCL में काम करने का बढ़िया मौका, ये कैंडिडेट्स कर सकते हैं अप्लाई
BPCL में काम करने का बढ़िया मौका, ये कैंडिडेट्स कर सकते हैं अप्लाई
Embed widget