एक्सप्लोरर

BLOG: कमर्शियल सेरोगेसी बैन, पर अपनी देह पर औरत के हक का क्या?

सेरोगेसी पर चर्चा फिर चल पड़ी है. लोकसभा में संशोधनों के साथ सेरोगेसी विधेयक पारित हो गया है. राज्यसभा की मंजूरी का इंतजार है. इसके बाद कानूनन अपने यहां कमर्शियल सेरोगेसी बैन हो जाएगी. बस निस्वार्थ सेरोगेसी करवाई जा सकेगी, जिसमें पैसों का कोई लेन-देन नहीं होगा. सिंगल, एलजीबीटीआईक्यू प्लस, लिव-इन में रहने वाले, विदेशी लोग भारत में सेरोगेसी नहीं करवा पाएंगे. न पैसों से, न निस्वार्थ. तो हम इस मुद्दे पर दुनिया भर के अखबार खंगालते हैं. सेरोगेसी कहां-कहां बैन है, कहां-कहां मंजूर. जहां सेरोगेसी की मंजूरी है वहां कितने रेगुलेशंस हैं.

इसी बीच कुछ और खबरें भी पता चलती हैं. 1986 के अमेरिका के बेबी एम का किस्सा याद आता है जब सेरोगेट मां ने डिलिवरी के बाद अपना मन बदल दिया पर कॉन्ट्रैक्ट अवैध होने की वजह से उसे अपनी बच्ची को लीगल पेरेंट्स को सौंपना पड़ा. एक किस्सा जापान के अरबपति मित्सुटोकी शिगेटा का भी है जिसने 2014 में थाईलैंड में सेरोगेसी से 14 बच्चे पैदा किए और इस साल बैंकाक की अदालत ने उसे सभी बच्चों के पेटरनिटी राइट्स दे भी दिए. कई साल पहले तीसरी बार सेरेगेसी करने वाली एक अमेरिकी महिला की मौत हो गई थी और एक मामला ऐसा भी हुआ था जब कनेक्टिकट में एक सेरोगेट महिला को बच्चा अबॉर्ट करने के लिए कपल ने 10 हजार डॉलर देने की पेशकश की थी, कारण यह था कि उसकी होने वाली बच्ची विकलांग थी.

सेरोगेसी के इन भयावह किस्सों से आप सोचते हैं कि इसे बंद ही हो जाना चाहिए. क्यूट बच्चों और आधुनिक परिवार की अवधारणा के बीच दरअसल आदमजात की खरीद-फरोख्त पर ही ठप्पा लग रहा है. कोई ग्राहक है, कोई मैन्यूफैक्चरर. अमीर देश, गरीब देशों से रीप्रोडक्शन को आउटसोर्स कर रहे हैं. ठीक वैसे ही जैसे औद्योगिक उत्पादन को आउटसोर्स किया जाता था. हमारी सरकार ने इसी एंगल से सेरोगेसी पर कानून बनाने की कोशिश की. पर कुछ ढिलाई दे दी.

कपल्स, जिसे विधेयक में इच्छुक दंपत्ति कहा गया है, को भी कुछ शर्तें पूरी करने पर सेरोगेसी करवाने की अनुमति दी गई है. यूं विधेयक में बहुत से प्रावधान हैं. कपल को भारतीय नागरिक होने के साथ-साथ शादीशुदा होना चाहिए. उसकी शादी को कम से कम पांच साल होने चाहिए. एक को इनफरटाइल भी होना चाहिए. सेरोगेट महिला को कपल का रिश्तेदार होना चाहिए और शादीशुदा, एक बच्चे की मां होना चाहिए. उसे सिर्फ मेडिकल खर्चा दिया जाएगा, कोई दूसरा भुगतान नहीं.

सरकार के योग्यता सर्टिफिकेट लिए बिना सेरोगेसी नहीं करवाई जा सकती. पैसे देकर, विज्ञापन करके सेरोगेसी करवाने या सेरोगेट महिला का शोषण करने पर जेल भी हो सकती है. इसके अलावा नए संशोधनों में यह भी कहा गया है कि सेरोगेसी के लिए सेक्स सिलेक्शन नहीं करवाया जा सकता. सेरोगेसी की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सेरोगेट महिला इस पूरे अरेंजमेंट से इनकार भी कर सकती है.

इस विधेयक से पहले 2005 में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सेरोगेसी को रेगुलेट करने के लिए कुछ गाइडलाइन्स जारी किए थे. 2008 में एक जापानी कपल और भारतीय सेरोगेट माता के बीच विवाद होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि उसे सेरोगेसी को रेगुलेट करना चाहिए. 2009 में लॉ कमीशन ने भी कहा था कि देश में सेरोगेसी का इस्तेमाल विदेशी करते हैं और चूंकि सेरोगेसी पर कोई व्यापक कानूनी ढांचा नहीं है, इसलिए अक्सर गरीब सेरोगेट महिलाओं का शोषण होता है.

इसके बाद 2015 में एक सरकारी अधिसूचना ने विदेशी नागरिकों के लिए सेरोगेसी को प्रतिबंधित कर दिया. फिर 2016 में लोकसभा में सेरोगेसी (विनियमन) विधेयक पेश किया गया. फिर इसे स्टैंडिंग कमिटी के पास विचार के लिए भेजा गया. स्टैंडिंग कमिटी ने 2017 में अपनी रिपोर्ट सौंपी. अब संशोधनों के साथ विधेयक को लोकसभा में पारित किया जा चुका है. देखने में विधेयक फुल प्रूफ लगता है. मानो, इससे सेरोगेसी के नाम पर लाखों की लूट और बच्चे मैन्यूफैक्चर करने वालों का कारोबार बंद हो जाएगा.

हम सेलिब्रिटीज़ को लेकर यूं भी खौफ खाते हैं. वे सेरोगेसी करवाएं तो क्यों...अब करण जौहर या तुषार कपूर को सेरोगेट बच्चों की क्या जरूरत है? शाहरुख और आमिर के तो पहले ही बच्चे थे, उन्हें और बच्चों क्यों चाहिए? सेलिब्रिटीज़ से लाग-डांट का रिश्ता हमारे विरोध का पहला कारण बन जाता है. हम उनसे नफरत करें, या प्यार...उन्हें तवज्जो ही देते हैं. अब इसमें हमारा क्या कि कोई सेलिब्रिटी सेरोगेसी से बच्चा पैदा करे, या गोद लेकर. हमारी बला से तो सेरोगेसी को सिर्फ इसीलिए पूरी तरह से बैन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे सिर्फ पैसे वाले अफोर्ड कर सकते हैं. यहां इस्तेमाल होने वाली देह औरत की है, और उसके बारे में फैसला करने का हक भी उसे ही मिलना चाहिए.

कानून के जरिए उसके इस्तेमाल को आप कैसे प्रतिबंधित कर सकते हैं. फिर कमर्शियल सेरोगेसी को बैन करने से एक कारोबार चोरी-छिपे चलेगा. सेक्स डिटरमिनेशन और अंगदान की तरह, और रेगुलेशन के अभाव में औरतों का शोषण फिर भी होता रहेगा. फिर विधेयक से सिर्फ कमर्शियल सेरोगेसी बैन नहीं होगी, सेरोगेसी भी मुश्किल हो जाएगी. जैसे विधेयक के अंतर्गत मैरिड कपल के अलावा कोई दूसरा सेरोगेसी नहीं करवा सकता.

मैरिड कपल के लिए इनफरटिलिटी एक शर्त है. इसमें कोई ऐसी मेडिकल स्थितियां शामिल नहीं है जिनके कारण बच्चा पैदा करना मुश्किल हो. तो, किसी दूसरी वजह से बच्चे पैदा न कर पाने वाले लोगों के लिए सेरोगेसी अब कोई रास्ता ही नहीं है. फिर सेरोगेट को कपल का रिश्तेदार भी होना चाहिए. इससे दूसरी मेडिकल दिक्कतें भी हो सकती हैं. जन्म लेने वाले बच्चे में जेनेटिक प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. जैसा कि डब्ल्यूएचओ भी कहता है कि बायोलॉजिकल मां-बाप में ब्लड रिलेशन नहीं होना चाहिए.

विधेयक यह भी कहता है कि अनफर्टिलाइज्ड एग और स्पर्म को स्टोर नहीं किया जा सकता. ऐसे में महिला के एग्स को सेरोगेट के यूटरस में इंप्लांट करने के लिए बार-बार हारमोनल उपचार करने पड़ेंगे, क्योंकि एक इंप्लांटेशन की सफलता की दर 30 फीसदी से कम होती है. इससे महिला को ब्लड क्लॉट और किडनी फेल होने का खतरा बढ़ता है. सेरोगेसी से जुड़ी खबरें डराती हैं. कायदे के रेगुलेशन न होने के कारण शोषण की आशंका जताती हैं.

लेकिन किसी भी कायदे के कानून के लिए कायदे से तैयारी की जानी चाहिए. फिर समाज के कायदे बदल रहे हैं. विषम संबंधों ने समाज में करवटें बदलनी शुरू की हे. किसी ने पूछा था, क्या हम अकेले अपना परिवार नहीं हो सकते. हां, यह कानून अकेले इंसान को परिवार नहीं मानता. सांस्कृतिक मानदंडों की बहुसंख्य अवधारणा पर केंद्रित है जिसमें मम्मी-पापा ही बच्चे के पालक होते हैं. अकेली औरत, या अकेला आदमी नहीं, न ही कोई समलैंगिक. इस सोच के साथ जब भी कोई कानून बनाने की कोशिश की जाएगी, विरोध के स्वर उठेंगे ही. तब तक कमर्शियल सेरोगेसी बंद ही समझिए.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Maharashtra Election Results 2024 Live: एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस या फिर कोई और? महाराष्ट्र का अगला CM कौन
Live: एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस या फिर कोई और? महाराष्ट्र का अगला CM कौन
'रोजा, नमाज, हज और जकात पर बैन...', वक्फ पर पीएम मोदी के बयान पर भड़के अरशद मदनी
'रोजा, नमाज, हज और जकात पर बैन...', वक्फ पर पीएम मोदी के बयान पर भड़के अरशद मदनी
संजय लीला भंसाली को अपना गॉडफादर मानते हैं रणबीर कपूर, एक बार फिर साथ काम करने के लिए हैं एक्साइटेड
संजय लीला भंसाली को अपना गॉडफादर मानते हैं रणबीर कपूर, लव एंड वॉर में करेंगे अब काम
IPL Auction Day 2 Time: कितने बजे शुरू होगा दूसरे दिन का ऑक्शन? 493 खिलाड़ियों पर लगेगी बोली
कितने बजे शुरू होगा दूसरे दिन का ऑक्शन? 493 खिलाड़ियों पर लगेगी बोली
ABP Premium

वीडियोज

Sambhal Case: संभल हिंसा को लेकर सपा राष्ट्रिय महासचिव रामगोपाल यादव ने दी प्रतिक्रिया | BreakingSambhal Case: संभल हिंसा पर Priyanka Gandhi ने राज्य सरकार पर लगाया बड़ा आरोप | Breaking NewsSambhal Case: पुलिस पर पथराव, घर में तोड़फोड़.. चश्मदीद ने बताई पूरी आंखों-देखी | Breaking NewsSambhal Case: दो शव की पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट आई सामने, 315 लगी थी गोली- रिपोर्ट | Breaking News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Maharashtra Election Results 2024 Live: एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस या फिर कोई और? महाराष्ट्र का अगला CM कौन
Live: एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस या फिर कोई और? महाराष्ट्र का अगला CM कौन
'रोजा, नमाज, हज और जकात पर बैन...', वक्फ पर पीएम मोदी के बयान पर भड़के अरशद मदनी
'रोजा, नमाज, हज और जकात पर बैन...', वक्फ पर पीएम मोदी के बयान पर भड़के अरशद मदनी
संजय लीला भंसाली को अपना गॉडफादर मानते हैं रणबीर कपूर, एक बार फिर साथ काम करने के लिए हैं एक्साइटेड
संजय लीला भंसाली को अपना गॉडफादर मानते हैं रणबीर कपूर, लव एंड वॉर में करेंगे अब काम
IPL Auction Day 2 Time: कितने बजे शुरू होगा दूसरे दिन का ऑक्शन? 493 खिलाड़ियों पर लगेगी बोली
कितने बजे शुरू होगा दूसरे दिन का ऑक्शन? 493 खिलाड़ियों पर लगेगी बोली
सावधान! आपके घर में रखा फ्रिज बन सकता है इस खतरनाक बीमारी का कारण, स्टडी में हुआ खुलासा
सावधान! आपके घर में रखा फ्रिज बन सकता है इस खतरनाक बीमारी का कारण
कोहरे से ट्रेन कितने घंटे लेट होगी तो मिलेगा फुल रिफंड, जान लें रेलवे नियम में हुए नए बदलाव
कोहरे से ट्रेन कितने घंटे लेट होगी तो मिलेगा फुल रिफंड, जान लें रेलवे नियम में हुए नए बदलाव
चुनाव में 155 वोट मिलने के बाद जमकर ट्रोल हो रहे एजाज खान, अब जवाब वाला वीडियो हो रहा वायरल
चुनाव में 155 वोट मिलने के बाद जमकर ट्रोल हो रहे एजाज खान, अब जवाब वाला वीडियो हो रहा वायरल
Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में तीन संन्यासी अखाड़ों की धर्म ध्वजा हुई स्थापित, मातृ शक्ति को मिला स्थान
प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में तीन संन्यासी अखाड़ों की धर्म ध्वजा हुई स्थापित, मातृ शक्ति को मिला स्थान
Embed widget