सदाबहार अभिनेता धर्मेन्द्र अगले बरस अपने फिल्म करियर के 60 बरस पूरे करने जा रहे हैं. उनकी पहली फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ सन 1960 में प्रदर्शित हुयी थी. यह निश्चय ही बड़ी बात है कि 84 वर्षीय धर्मेन्द्र अब भी फिल्मों में काम कर रहे हैं. लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि धर्मेन्द्र अब कपूर परिवार के बाद सिनेमाई दुनिया का ऐसा दूसरा बड़ा परिवार बन गए हैं जिनकी तीन पीढ़ियाँ एक ही दौर में फिल्मों में साथ–साथ अभिनय कर रही हैं.


जहाँ धर्मेन्द्र और उनके पुत्र सनी देओल और बॉबी देओल तो पिछले काफी समय से साथ काम कर रहे हैं. वहां अब सनी देओल के बेटे करण देओल भी अपनी फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ से बतौर हीरो जल्द ही अवतरित होने जा रहे हैं. सनी सुपर साउंड और जी स्टूडियो की ‘पल पल दिल के पास’ आगामी 20 सितम्बर को प्रदर्शित होगी. इस फिल्म से धर्मेन्द्र का वह पुराना सपना पूरा हो गया है जो उन्होंने चार दशक पहले देखा था.


धर्मेन्द्र का वह पुराना सपना


अपने इस पुराने सपने के बारे में धर्मेन्द्र ने अपनी एक बातचीत में मुझे कुछ समय पहले ही बताया था. जब मैंने धर्मेन्द्र से कहा,- एक जमाने में कपूर परिवार की तीन पीढ़ियाँ पृथ्वीराज कपूर, राज कपूर और रणधीर कपूर एक ही दौर में एक साथ अभिनय की दुनिया में काम कर रहे थे. कपूर परिवार के बाद अब आपका परिवार बॉलीवुड का ऐसा दूसरा परिवार बन गया है जब 48 साल बाद आपकी तीन पीढ़ियाँ भी एक ही दौर में अभिनय की दुनिया में हैं.


मेरी यह बात सुन धर्मेन्द्र तब काफी भावुक होकर बोले –“मैं आपको सच बताऊँ तो जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में आया तो राज कपूर और पृथ्वीराज जी की फ़िल्में मुझे बहुत अच्छी लगती थीं. बाद में शम्मी कपूर और शशि कपूर भी आ गए तो मैं उन सबसे बहुत प्रभावित हुआ. तब मेरा भी यह सपना बन गया था कि कभी मेरे बेटे-पोते भी ऐसे ही फिल्मों में आयें. हालांकि बाद में मैं प्रैक्टिकल बन गया कि ऐसा हो यह जरुरी नहीं. क्योंकि हम किसी को कुछ बनने के लिए फ़ोर्स नहीं कर सकते. बस दुआएं कर सकते हैं. ये बस दुआएं ही हैं कि सनी-बॉबी के बाद करण भी फिल्मों में आ गया है. आप भी दुआएं करें कि करण भी सफल हो.”


धर्मेन्द्र से तब मैंने यह भी पूछा था, कि करण की फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ का टाइटल आपकी फिल्म ‘ब्लैकमेल’ के सुपर हिट गीत –पल पल दिल के पास तुम रहती हो, पर है. क्या अपने पोते की पहली फिल्म का टाइटल आपने ही रखा ? धर्मेन्द्र कहते हैं –“जी असल में पल पल दिल के पास तुम रहती हो, गीत मुझे बहुत पसंद है. आजकल ऐसे गीत नहीं मिलते. आज भी यह गीत सुनता हूँ तो मुझे लगता है की कानों में किसी ने रस घोल दिया हो.”


किसी रोमांच से कम नहीं तीन पीढ़ियों का साथ


निश्चय ही यह किसी के लिए भी ख़ुशी और गर्व की बात है कि जब एक ही परिवार की तीन पीढ़ियां एक ही समय में अभिनय की दुनिया में हों. दो पीढ़ियों के एक ही दौर में या एक ही फिल्म में साथ साथ अभिनय करने की अनेक मिसाल हैं. लेकिन तीन पीढ़ियों का एक ही दौर में अभिनय करना ऐसी उपलब्धि है जो रोमांचित कर देती है.


धर्मेन्द्र जहाँ पिछले वर्ष अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ में आये वहां इस साल भी उनकी ‘दबंग-3’ में सलमान खान के पिता की भूमिका में आने की खबर है. उधर सनी देओल भी पिछले बरस जहाँ ‘यमला पगला दीवाना फिर से’ के साथ ‘मोहल्ला अस्सी’ और ‘भैया जी सुपर हिट’ में आये वहां इस साल पिछले दिनों ही सनी की ‘ब्लेंक’ प्रदर्शित हुयी है.


मुझे याद है जब धर्मेन्द्र, सनी और बॉबी अपनी फिल्म ‘यमला पगला दीवाना’ की शूटिंग कर रहे थे, उसी के आसपास करण ‘पल पल दिल के पास’ की शूटिंग भी कर रहे थे. हालांकि ‘पल पल दिल के पास’ के किसी दृश्य में धर्मेन्द्र, सनी और करण एक साथ आयेंगे यह अभी साफ़ नहीं है. क्योंकि फिल्म धर्मेन्द्र और सनी का नाम फिल्म की मेन कास्ट में शामिल नहीं है. लेकिन किसी गीत या सीन में ‘सरप्राइज पैकेज’ में ये तीनों साथ आ जाएँ तो और बात है.


हाँ ‘पल पल दिल के पास’ को धर्मेन्द्र प्रेजेंट कर रहे हैं. उनके बेटे सनी देओल फिल्म के निर्देशक और पोता करण फिल्म के नायक होने के साथ इस फिल्म से भी जरुर एक साथ जुड़े हैं.


‘पल पल दिल के पास’ की शूटिंग तो मई 2017 में शुरू हो गयी थी. फिल्म की काफी शूटिंग मनाली में होने के साथ दिल्ली और मुंबई में भी हुई है. करण के साथ नायिका के रूप में नवोदित अभिनेत्री सहेर बम्बा हैं. पहले यह फिल्म 19 जुलाई को रिलीज़ होनी थी. लेकिन सनी देओल के लोकसभा चुनाव लड़ने और अब सांसद बनने के बाद उनकी व्यस्तताएं जिस तरह बढ़ गयीं हैं उसे देख फिल्म के प्रदर्शन को दो महीने आगे खिसका दिया है. सनी को संसद के बजट सत्र के दौरान संसद में मौजूद रहना है. जिससे फिल्म के प्रमोशन के लिए समय निकालना उनके लिए संभव नहीं होगा. धर्मेन्द्र और सनी नहीं चाहते कि उनके नौनिहाल की फिल्म के प्रदर्शन में कोई जल्दबाजी या कमी रहे.


यहाँ यह भी दिलचस्प है की जिस तरह धर्मेन्द्र अपने पोते करण की पहली फिल्म में पूरी दिलचस्पी लेकर उसे अच्छे से रिलीज़ करने की तैयारी में हैं. ठीक वैसे ही बेताबी उन्होंने सनी देओल की पहली फिल्म ‘बेताब’ के लिए और बॉबी देओल की पहली फिल्म ‘बरसात’ के समय भी दिखाई थी.


‘बेताब’ के समय धर्मेन्द्र ने मिलाया था सनी से


सनी देओल से मेरा पहला परिचय भी धर्मेन्द्र ने सन 1983 में तब कराया था जब सनी की ‘बेताब’ प्रदर्शित होने को थी. तब नयी दिल्ली में अमृता सिंह के घर पर ही मैंने सनी देओल और अमृता सिंह से पहली बार बात की थी. पता ही नहीं लगा इतना समय कब गुजर गया. अब सनी देओल को फिल्मों में काम करते हुए 36 साल हो गए हैं. अब उनके बेटे करण की फिल्म आ रही है. धर्मेन्द्र ने फिल्मों में जबरदस्त सफलता और लोकप्रियता पायी. आज धर्मेन्द्र होने का मतलब क्या है, यह किसी को बताने और समझाने की जरुरत नहीं. लेकिन सनी और बॉबी की पहली फिल्म के रिलीज़ के समय धर्मेन्द्र गर्व के साथ कुछ चिंतित और आशंकित भी थे कि क्या उनके बेटे फिल्मों में सफल हो पायेंगे !


आज करण को लेकर सनी देओल का भी कुछ ऐसा ही हाल है. सनी ने पिछले दिनों ‘पल पल दिल के पास’ का पोस्टर रिलीज़ करते हुए ट्विट किया था कि- बतौर पिता एक ओर मैं नर्वस हूँ तो दूसरी ओर अपने बेटे की फिल्म का पहला पोस्टर लांच करते हुए मुझे गर्व भी है.


असल में देखा जाए तो फिल्म सितारों के बेटे बेटियों को अन्य लोगों के मुकाबले फिल्म मिलना तो आसान होता है लेकिन फिल्म मिलने के बाद अन्य नवोदित कलाकारों के मुकाबले सितारों के बच्चे कहीं ज्यादा मुश्किल में होते हैं. उन पर इस बात का दबाव कैमरा फेस करने के पहले दिन से रहता है कि वे स्टार संस हैं. अमिताभ बच्चन के बेटे से अमिताभ बच्चन जैसी अपेक्षाएं होती हैं तो देव आनंद के बेटे से देव् आनंद जैसी. ऐसे ही धर्मेन्द्र के बेटे से धर्मेन्द्र जैसी और सनी के बेटे से सनी और धर्मेन्द्र दोनों जैसी सफलता और लोकप्रियता की अपेक्षा की जाने लगती है. लेकिन यह जरुरी नहीं कि बेटा अपने पिता जैसा ही सफल और लोकप्रिय हो.


हालांकि सनी देओल एक ऐसे सितारे हैं जिन्हें चाहे बिलकुल अपने पिता जैसी सफलता न मिली हो लेकिन स्टार संस में सनी देओल उन गिने चुने स्टार संस में एक हैं जिन्हें अच्छी सफलता मिली. सन 1980 के दशक के आरम्भ में सनी के साथ साथ कुछ और सितारों के बेटे भी फिल्मों में आये थे. लेकिन तब सबसे ज्यादा सफलता सनी देओल को ही मिली थी. तब मैंने अपने एक लेख में सनी को लेकर लिखा था- “एक ही बेटा सपूत निकला.”


अब इतिहास एक बार फिर उसी मोड़ पर आ खड़ा है. करण देओल अपने दादा धर्मेन्द्र और पिता सनी जैसी सफलता पा सकेंगे या नहीं यह समय बताएगा. लेकिन हमारी दुआ रहेंगी कि करण देओल भी सफल हों. साथ ही इन दादा, बेटे और पोते की यह तीनों पीढियां, अभिनय की दुनिया में साथ साथ काम करते हुए, नयी नयी मिसाल पेश करें.


(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)


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