आज तक टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में आपने कितनी बार देखा है कि मैच के पहले दिन, पहले सेशन के पहले घंटे में और पहले दस ओवर में ही स्पिनर गेंद लेकर बॉलिंग क्रीज पर खड़ा हो? दिमाग पर बहुत जोर डालने पर भी शायद ही आपको ऐसा कोई टेस्ट मैच याद आएगा. परंपरागत तरीके पर तो टेस्ट मैच के पहले सेशन में विकेट के दोनों छोर से तेज गेंदबाज पसीना बहाते दिखते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में ऐसा नहीं हुआ.


इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. विराट कोहली ने उमेश यादव और ईशांत शर्मा को शुरूआती ओवर डालने के लिए चुना. उमेश यादव ने पहला ओवर किया और ईशांत शर्मा ने दूसरा. 6 ओवर तक यही सिलसिला चला. इसके बाद विराट कोहली ने पारी के सातवें ओवर में ही आर अश्विन को गेंद थमा दी. ये चौंकाने वाला दृश्य था. आर अश्विन ने पहले ओवर में 2 रन दिए. इसके बाद अगले ओवर में उन्होंने साबित कर दिया कि उन्हें इतनी जल्दी गेंद थमाने का विराट कोहली का फैसला बिल्कुल ठीक था.

आर अश्विन ने अपने दूसरे ओवर की पांचवीं गेंद पर एलिस्टर कुक को बोल्ड कर दिया. कुक सिर्फ 13 रन बनाकर पवेलियन लौट गए. विराट कोहली को यहीं से अपनी प्लेइंग 11 में एक कमी दिखाई दी होगी. जो इस टेस्ट मैच में उन्हें रोज दिखाई देगी.

विराट कोहली से कहां हुई चूक?
विराट कोहली मौसम और पिच के मिजाज को भांपने में गच्चा खा गए. टेस्ट मैच के दो-तीन दिन पहले से हुई बारिश और पिच को देखकर उन्हें लगा कि इस पिच पर दो स्पिनर के साथ उतरना ठीक नहीं होगा. लिहाजा उन्होंने तीन ‘फुलटाइम’ तेज गेंदबाजों के अलावा हार्दिक पांड्या को भी प्लेइंग 11 में शामिल किया. झटका उन्हें तब लगा जब उन्होंने पिच का मिजाज देखा. आर अश्विन की गेंदबाजी देखकर उन्हें जरूर लगा होगा कि इस टेस्ट मैच में अगर उनके पास एक स्पिनर और होता तो कहानी ही दूसरी होती. ऑलराउंडर ही खिलाना था तो रवींद्र जडेजा भी एक विकल्प थे, ये बात भी विराट कोहली के दिमाग में जरूर आई होगी.

बहरहाल, अब ये गलती हो चुकी है. यही गलती इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने भी की है. उन्होंने भी अपने प्लेइंग 11 में मोईन खान को बाहर बिठाकर आदिल रशीद को जगह दी है. आर अश्विन को मिली कामयाबी के बाद उन्हें भी ये बात अखर रही होगी. जिस बात से वो खुद को सांत्वना दे रहे होंगे वो उन्हीं से जुड़ी हुई है. दरअसल जो रूट दाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं. टेस्ट मैचों में वो 19 विकेट ले चुके हैं. भारत के खिलाफ एक टेस्ट मैच में उन्होंने 2 विकेट लिए थे. जाहिर है जरूरत पड़ेगी तो वो निश्चित तौर पर गेंदबाजी करेंगे. भारत के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है.

जो तय कर लिया उसी पर टिक गए विराट
टीम इंडिया कई साल से सबसे अंत में प्लेइंग 11 का फैसला करती है. सौरव गांगुली के समय से ही टीम इंडिया के प्लेइंग 11 को लेकर संस्पेंस बना रहता है. टीम अगर तय हो भी गई है तो उस पर से परदा मैच की सुबह ही उठाया जाता था. आज भी यही रवायत है. ये सच है कि इंग्लैंड में हुई हालिया बारिश के बाद प्लेइंग 11 में हार्दिक पांड्या ज्यादा उपयोगी खिलाड़ी लग रहे थे. लेकिन मैच की सुबह पिच को देखने के बाद भी विराट कोहली अपना फैसला बदल सकते थे. जो उन्होंने नहीं बदला.

पिच पर जो हल्की घास उन्हें दिखी वो पिच को बांधने के लिए और बैटिंग क्रीज के पास थी. वहां पर घास का फायदा तेज गेंदबाज नहीं उठा सकते. उनके इस फैसले का नतीजा ये हुआ कि हार्दिक पांड्या का पूरा इस्तेमाल इस टेस्ट मैच में नहीं हो पाएगा जैसा विराट चाहते थे. इस बात को ऐसे भी समझा जा सकता है कि टेस्ट मैच के पहले दिन हुए 88 ओवर के खेल में से सिर्फ 10 ओवर हार्दिक पांड्या ने फेंके हैं. जबकि सबसे ज्यादा 25 ओवर आर अश्विन ने किए हैं. एक और स्पिनर होता तो इंग्लैंड की टीम और बड़ी मुश्किल में होती.