BLOG: जब दिवाली पर हुईं बड़ी बड़ी फिल्में फुस्स
जिस प्रकार इस साल दिवाली पर तीन फिल्में एक साथ लगी हैं. वैसे ही आज से ठीक 10 साल पहले 2009 की दिवाली पर तीन फिल्में लगी थीं-
इस साल अभी तक जिस तरह एक एक करके कई फिल्में, धमाल करते हुए बॉक्स ऑफिस पर धन बरसा रही थीं. उससे उम्मीद थी कि यह दिवाली तो फिल्म वालों के लिए बम्पर साबित होगी. लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इस बार दिवाली को लेकर फ़िल्मकार इतने उत्साहित थे, कि किसी टकराव की चिंता किए बिना दिवाली के मौके पर 25 अक्तूबर को एक साथ तीन फिल्में रिलीज कर दीं. लेकिन इन तीनों ही फिल्मों- ‘हाउस फुल-4’, ‘सांड की आंख’ और ‘मेड इन चाइना’ ने जो शुरुआती बिजनेस किया है वह निराशाजनक है. जिससे फ़िल्मकारों के लिए यह दिवाली बम्पर नहीं हो सकी.
असल में सभी को सबसे ज्यादा उम्मीद अक्षय कुमार की ‘हाउसफुल-4’ से थी. क्योंकि इस फिल्म की इससे पहले की तीनों फ्रेंचाइजी सफल रहीं थीं. साथ ही अब तो पिछले कुछ समय से अक्षय का जादू दर्शकों के सिर चढ़ कर बोल रहा है. हालांकि यह भी सच है कि अधिकतर समीक्षक पूर्व की ‘हाउसफुल’ को खराब रेटिंग देकर नापसंद करते रहे हैं. लेकिन इस सबके बावजूद मनोरंजन के हिसाब से दर्शकों की कसौटी में ‘हाउसफुल’ लगभग खरी उतरती रही है. इसलिए उम्मीद थी कि इस बार भी चाहे समीक्षक इसे एक या दो रेटिंग देकर नकार दें, लेकिन दर्शक दिवाली के मौके पर इस फिल्म को देखने के लिए उतावले रहेंगे.
इसीलिए उम्मीद थी कि तीन फिल्मों के टकराव के बाद भी ‘हाउसफुल-4’ हाउस फुल रहेगी और पहले दिन लगभग 25 करोड़ का बिजनेस कर लेगी. लेकिन जोरदार प्रचार और कई संभावनाओं के बाद भी पहले दिन यह फिल्म 19 करोड़ 8 लाख का और दूसरे दिन 18 करोड़ 81 लाख का बिजनेस ही कर सकी. जो बहुत ज्यादा बुरा तो नहीं है. लेकिन दिवाली के मौके पर हमेशा उम्मीद से कुछ ज्यादा के सपने होते हैं. लेकिन यह उम्मीद से कम है.
उधर राजकुमार राव और मौनी रॉय की ‘मेड इन चाइना’ से भी पहले दिन करीब 5 से 6 करोड़ रुपए के बिजनेस का अनुमान लगाया जा रहा था. लेकिन इस फिल्म ने तो पहले दिन करीब सवा करोड़ और दूसरे दिन करीब डेढ करोड़ का ही बिजनेस किया. जबकि देश की सबसे अधिक उम्र की महिला शार्पशूटर दादी चंद्रों और प्रकाशी की ज़िंदगी पर बनी दिलचस्प फिल्म ‘सांड की आंख’ तो पहले दिन सिर्फ 50 लाख का बिजनेस ही कर सकी. जबकि यह फिल्म अभिनेत्री भूमि पेडनेकर के शानदार अभिनय के लिए भी काफी सराही जा रही है. यूं आने वाले दिनों में ये तीनों फिल्में और खासतौर से ‘हाउसफुल’ अपने बिजनेस- कलेक्शन में कितना इजाफा करती हैं. यह तो आगे पता चलेगा. लेकिन दिवाली पर ये फिल्में कोई धमाल नहीं कर सकीं, यह तो करीब करीब साफ हो गया है.
फिल्मवालों के लिए दिवाली है बेहद खास दिवाली फिल्म वालों के लिए शुरू से बेहद खास रही है. पिछले करीब 70 बरसों से दिवाली को लेकर पूरी फिल्म इंडस्ट्री का क्रेज देखते ही बनता है. हालांकि पिछले कुछ बरसों से ईद, क्रिसमस के साथ 15 अगस्त, 2 अक्तूबर और 26 जनवरी जैसे दिन भी फ़िल्मकारों के लिए अहम बन गए हैं. इससे फ़िल्मकार सिर्फ दिवाली पर निर्भर नहीं रहते. लेकिन इतिहास में जितनी सुपर हिट फिल्में दिवाली ने दी हैं वह सब फ़िल्मकारों को ही नहीं कलाकारों को भी दिवाली पर अपनी फिल्म प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करता रहता है. जबकि पिछले करीब 20 बरसों पर ही नज़र डालें तो ऐसे कई मौके आए जब दिवाली पर बड़े धमाके की संभावनाओं वाली कई बड़ी बड़ी फिल्में भी फुस्स होकर रह गईं.
‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ है ताज़ा मिसाल दिवाली पर सबसे बड़ी फिल्म की सबसे ज्यादा फुस्स होने की सबसे बड़ी और सबसे ताजा मिसाल फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ है. पिछले बरस 8 नवंबर को यह फिल्म जब प्रदर्शित होने को थी तो इस फिल्म को कुछ लोग साल की सबसे बड़ी हिट बता रहे थे. एक तो यह यशराज बैनर की फिल्म थी. दूसरा अमिताभ बच्चन और आमिर खान जैसे दो बड़े सितारे इस फिल्म में पहली बार साथ काम कर रहे थे. इसलिए फिल्म की एडवांस बुकिंग इतनी जबरदस्त थी कि इस फिल्म ने पहले ही दिन 52 करोड़ रुपए का कारोबार करके सफलता का नया इतिहास लिख दिया. लेकिन अगले ही दिन ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ ऐसा उल्टे मुंह गिरी कि फिल्म चारों खाने चित हो गयी. हालांकि फिल्म ने देश में कुल मिलाकर बाद में करीब 150 करोड़ का बिजनेस तो कर लिया. लेकिन करीब 250 करोड़ रुपए के बजट वाली इस फिल्म से 350 से 400 करोड़ के बिजनेस की संभावना थी. लेकिन यह एटम बम्ब फुस्स होकर रह गया.
शाहरुख को भी मिली दिवाली पर निराशा शाहरुख खान हिन्दी सिनेमा के एक ऐसे सितारे हैं, जिनके लिए दिवाली बेहद लकी रही है. ‘बाज़ीगर’, ‘दिल वाले दुलहनियां ले जाएंगे’ और ‘मोहब्बतें’ जैसी दिवाली पर प्रदर्शित होने वाली शाहरुख की कई सुपर हिट फिल्में इस बात की साक्षी हैं. लेकिन कुछ ऐसे मौके भी आए जब शाहरुख की दिवाली पर प्रदर्शित फिल्में बारूद की जगह राख़ साबित हुईं. जैसे सन् 2001 की दिवाली पर प्रदर्शित ‘अशोका’. यह शाहरुख की होम प्रॉडक्शन फिल्म भी थी और जिसमें शाहरुख के साथ करीना कपूर नायिका थीं. लेकिन दिवाली पर आने के बाद भी ‘अशोका’ बुरी तरह फ्लॉप हो गयी.
2011 की दिवाली पर रिलीज हुई शाहरुख की एक और फिल्म ‘रा-वन’ भी ऐसे औंधे मुंह गिरी की सभी हैरान रह गए. जबकि ‘रा-वन’ में शाहरुख खान सुपर हीरो के रूप में अवतरित हुए थे. शाहरुख को उम्मीद थी कि ‘रा-वन’ उनके लिए बहुत सी सौगात लाएगी. यदि 2006 की दिवाली पर आई शाहरुख खान की ‘डॉन’ की सफलता को ध्यान से देखें तो यह फिल्म भी आंशिक रूप से ही सफल मानी जाती है. क्योंकि पहले हफ्ते में यह फिल्म दर्शकों के लिए तरस रही थी. लेकिन कुल मिलाकार यह ‘डॉन’ निर्माताओं के लिए घाटे का सौदा चाहे नहीं रही. लेकिन कोई बड़ी सफलता इसे भी नहीं मिली.
दो हज़ार दो और तीन की वह काली दिवाली दिवाली पर निराशा और असफलता की बात चलती है तो सन् 2002 और 2003 की वह दिवाली भी फ़िल्मकारों को भुलाए नहीं भूलती जो उनके लिए काली दिवाली बनकर रह गयी. सन् 2002 की दिवाली पर चार फिल्में लगी थीं. ‘लीला’, ‘जीना सिर्फ मेरे लिए’, ‘अनर्थ’ और ‘वाह तेरा क्या कहना’. लेकिन ये चारों फिल्में बुरी तरह फ्लॉप होकर रह गईं. जबकि ‘लीला’ में उस समय के हिसाब से विनोद खन्ना, डिम्पल कपाड़िया और दीप्ति नवल जैसी अच्छी स्टार कास्ट थी.
ऐसे ही फ़िल्मकार वासु भगनानी की ‘जीना सिर्फ मेरे लिए’ भी उस साल की बड़ी संभावना थी. फिल्म में करीना कपूर और तुषार कपूर थे. क्योंकि इस फिल्म से एक साल पहले ही यह टीम ‘मुझे कुछ कहना है’ जैसी हिट फिल्म दे चुकी थी. उधर ‘वाह तेरा क्या कहना’ में भी गोविंदा और रवीना टंडन की सुपर हिट जोड़ी थी लेकिन दिवाली पर ये चारों फिल्में ज़रा भी नहीं टिमटिमा सकीं.
इन चारों फिल्मों की असफलता में इस बात की भी कुछ न कुछ भूमिका थी कि इन चार फिल्मों का एक साथ टकराव हो गया था. लेकिन इस घटना और टकराव से कोई सबक न लेते हुए 2003 की दिवाली पर तो फ़िल्मकारों ने एक साथ 5 फिल्में प्रदर्शित कर दीं. जिसमें ‘पिंजर’, ‘राजा भैया’ तो प्रमुख फिल्में थीं हीं. साथ ही ‘कगार’ और ‘इंतेहां’ के साथ ‘इश... इश.. इश.. ‘ भी दिवाली पर आईं. ‘पिंजर’ अमृता प्रीतम के उपन्यास पर एक शानदार फिल्म थी. जिसके निर्देशक थे चंद्र प्रकाश दिवेदी. उर्मिला मतोंदकर फिल्म की नायिका थीं. जबकि ‘राजा भैया’ में गोविंदा नायक थे. लेकिन ये पांचों फिल्में सुपर फ्लॉप बनकर रह गईं.
दिवाली पर प्रदर्शित तीन फिल्मों का बुरा हश्र सन् 2005 में भी देखनों को मिला. इस दिवाली पर ‘क्योंकि..., ‘गरम मसाला’ और ‘शादी नंबर वन’ जो तीन फिल्में लगीं. उनमें सलमान खान, अक्षय कुमार, संजय दत्त, करीना कपूर और जॉन अब्राहम जैसे कलाकार थे. इन फिल्मों को डेविड धवन, प्रियदर्शन और वासु भगनानी जैसे फ़िल्मकारों ने बनाया था. लेकिन ये तीनों फिल्में धराशाई हो गईं.
दिवाली पर फुस्स होने वाली फिल्मों में सन् 2006 की दिवाली पर लगी ‘जान-ए-मन’ को भी कभी नहीं भुलाया जा सकता. सलमान खान, अक्षय कुमार, प्रीति जिंटा जैसे सितारों वाली इस फिल्म को इन्हीं साजिद नादियडवाला ने बनाया था जो ‘हाउसफुल’ भी बनाते आ रहे हैं.
जिस प्रकार इस साल दिवाली पर तीन फिल्में एक साथ लगी हैं. वैसे ही आज से ठीक 10 साल पहले 2009 की दिवाली पर तीन फिल्में लगी थीं-‘ब्लू’, ‘मैं और मिसेज खन्ना’, और ‘ऑल द बेस्ट’. इनमें ‘आल द बेस्ट’ को तो कुछ सफलता मिल गयी थी लेकिन ‘ब्लू’ और ‘मैं और मिसेज खन्ना’ फ्लॉप हो गयी थीं. जबकि ‘ब्लू’ तो मेगा बजट फिल्म थी और इसमें अक्षय कुमार, संजय दत्त और लारा दत्ता जैसे कलाकार थे.
सन् 2010 की दिवाली में भी अक्षय कुमार और ऐश्वर्या राय की प्रदर्शित ‘एक्शन रीप्ले’ एक ऐसी सुपर फ्लॉप फिल्म रही, जिसका नाम आज कोई नहीं लेना चाहेगा. सन् 2011 में दिवाली पर ‘रा-वन’ के साथ रिलीज हुई हेमा मालिनी की होम प्रॉडक्शन फिल्म ‘टेल मी ओ खुदा’ तो कुछ भी बताने में असमर्थ रही. साथ ही हिमेश रेशमिया की ‘दमादम’ ने भी बॉक्स ऑफिस पर ऐसा दम तोड़ा कि दिवाली पर उनका दीवाला निकल गया.
इस सबसे यह साफ होता है कि दिवाली फिल्म वालों के लिए चाहे कितनी ही बेहद खास हो और अब तक चाहे दिवाली पर कितनी ही फिल्में सुपर हिट हो चुकी हों, लेकिन सफलता की शत प्रतिशत गारंटी दिवाली भी नहीं देती.
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