इस सवाल का जवाब ढूंढने में इन दिनों सबसे ज्यादा व्यस्त खुद यजुवेंद्र चहल ही होंगे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई तीन टी-20 मैचों की सीरीज में उन्हें एक भी मैच में मौका नहीं मिला. वो बेंच पर रहे. चूंकि टीम इंडिया ने सीरीज 1-1 से बराबर कर ली इसलिए उनके ना होने को लेकर ज्यादा चर्चा भी नहीं हुई. पहले मैच में भी अगर डकवर्थ लुइस का नियम ना लागू हुआ होता तो मैच का नतीजा भारत के पक्ष में जाता दिख रहा था.
खैर, नतीजों से अलग अब चर्चा ये है कि यजुवेंद्र चहल को मैदान में उतरने का मौका क्यों नहीं मिल रहा है. और इस सवाल का जवाब है- क्रुनाल पांड्या. बतौर स्पिनर कभी विराट कोहली की आंखों का तारा रहे यजुवेंद्र चहल इन दिनों उनकी ‘प्रायऑरिटी लिस्ट’ में नहीं हैं. उस लिस्ट में अब क्रुनाल पांड्या ने जगह बना ली है. कंगारुओं के खिलाफ तीनों टी-20 मैच में विराट कोहली ने क्रुनाल पांड्या को प्लेइंग 11 में मौका दिया. बड़ी बात ये है कि क्रुनाल पांड्या को पहले मैच में रनों की जबरदस्त मार पड़ी थी. उन्होंने 4 ओवर के स्पेल में 55 रन लुटा दिए थे और उन्हें कोई कामयाबी भी नहीं मिली थी.
ज्यादातर लोगों को लगा था कि अगले टी-20 मैच में शायद ही क्रुनाल पांड्या मैदान में नजर आएंगे और यजुवेंद्र चहल वापसी करेंगे. खास तौर पर इसलिए क्योंकि भारत को चार रनों से मिली हार में क्रुनाल पांड्या के लुटाए रन सभी को फूटी आंख नहीं सुहा रहे थे. बावजूद इसके विराट कोहली ने अपनी पसंद को ‘बैक’ किया. क्रुनाल पांड्या दूसरे टी-20 में भी खेले. जिसमें उन्होंने 4 ओवर में 26 रन देकर 1 विकेट भी लिया. बारिश की वजह से उस मैच का नतीजा नहीं निकला. इसके बाद तीसरे मैच में क्रुनाल पांड्या ने कहानी बदल दी. उन्होंने 36 रन देकर चार विकेट लिए. टीम को जीत दिलाई. इस जीत की बदौलत भारत को टी-20 सीरीज में हराने का कंगारुओं का सपना पूरा नहीं हुआ. क्रुनाल पांड्या को मैन ऑफ द मैच भी चुना गया.
कहां पिछड़ रहे हैं यजुवेंद्र चहल?
चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत है- सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट. हर कप्तान को अपनी टीम में ऐसा खिलाड़ी चाहिए जो अपने तय रोल से अलग भी कुछ करता हो. क्रुनाल पांड्या के तौर पर विराट कोहली को एक ऐसा गेंदबाज मिलता है जो ना सिर्फ गेंदबाजी करता है बल्कि जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी भी कर सकता है. आईपीएल में क्रुनाल पांड्या के बड़े बड़े शॉट्स सभी ने देखे हैं. अब तक खेले गए 6 टी-20 मैचों में क्रुनाल पांड्या ने 2 पारियों में बल्लेबाजी की है. उनका स्ट्राइक रेट 176.92 का है.
इसके अलावा 2018 आईपीएल में क्रुनाल पांड्या ने 14 मैच में 228 रन बनाए थे. इसके अलावा उन्होंने 12 विकेट भी झटके थे. अब तक अपने आईपीएल करियर में क्रुनाल पांड्या 39 मैचों में 708 रन बना चुके हैं. उनका स्ट्राइक रेट करीब 154 का है. इसके अलावा उन्होंने कुल 28 विकेट भी लिए हैं. फील्डिंग में भी क्रुनाल पांड्या यजुवेंद्र चहल से बेहतर हैं. उनकी ‘रीच’ ज्यादा है. वो चुस्ती फुर्ती से गेंद को लपकने में भी बेहतर है. इससे उलट यजुवेंद्र चहल को गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी या फील्डिंग में औसत ही कहा जा सकता है. फील्डिंग में तो कई बार वो बड़ी गलतियां कर चुके हैं.
चहल के लिए आगे का रास्ता क्या है
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि यजुवेंद्र चहल कमाल के गेंदबाज हैं. इस बीतते साल में लिमिटेड ओवर मैचों में टीम इंडिया को मिली कामयाबी में उनका अहम योगदान है. उन्होंने कुलदीप यादव के साथ मिलकर बल्लेबाजों को परेशान किया है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चुनी गई टेस्ट टीम में वो नहीं है. टेस्ट सीरीज के बाद वनडे सीरीज के लिए दोबारा उनकी वापसी होगी. चहल के पास करीब 6 हफ्ते का समय है. इन 6 हफ्तों में चहल को ये समझना होगा कि सिर्फ गेंदबाजी से उनकी जगह टीम में सुरक्षित नहीं बची है. टीम को ‘यूटिलिटी प्लेयर’ चाहिए. अगले साल विश्व कप खेलने के अपने सपने को बनाए और बचाए रहने के लिए उन्हें अपने रोल में और विस्तार लाना होगा.
BLOG: क्यों प्लेइंग 11 में जगह नहीं बना पा रहे हैं यजुवेंद्र चहल
शिवेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकार
Updated at:
26 Nov 2018 06:50 PM (IST)
क्यों प्लेइंग 11 में जगह नहीं बना पा रहे हैं यजुवेंद्र चहल? इस सवाल का जवाब ढूंढने में इन दिनों सबसे ज्यादा व्यस्त खुद यजुवेंद्र चहल ही होंगे.
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