करीब 8 साल के लंबे इंतजार के बाद पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टार्स मैदान में उतरेंगे. मंगलवार को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पाकिस्तान बनाम वर्ल्ड-इलेवन के बीच एक तीन टी-20 मैचों की सीरीज शुरू हो रही है, जिसके अगले दो मैच 13 और 15 सितंबर को खेले जाएंगे. इस सीरीज को इंडीपेनडेंस कप 2017 का नाम दिया गया है. वर्ल्ड-इलेवन की कमान दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान फाफ ड्यूप्लेसी के हाथ में है.



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पाकिस्तान की कमान सरफराज अहमद संभाल रहे हैं. ड्यूप्लेसी के अलावा दक्षिण अफ्रीका के ही हाशिम अमला, इमरान ताहिर, डेविड मिलर, मॉर्ने मॉर्केल, वेस्टइंडीज के सैमुअल बद्री और डैरेन सैमी, ऑस्ट्रेलिया के जॉर्ज बेली, टिम पेन और बेन कटिंग, इंग्लैंड के पॉल कॉलिंगवुड, न्यूजीलैंड के ग्रैंट इलिएट, श्रीलंका के थिसारा परेरा और बांग्लादेश के तमीम इकबाल वर्ल्ड-इलेवन की तरफ से मैदान में उतरेंगे.


कुल मिलाकर वर्ल्ड इलेवन में सात देशों के 13 खिलाड़ी हिस्सा हैं. आपको याद दिला दें कि 2009 में लाहौर में श्रीलंका की टीम पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय टीमों ने जाना बंद कर दिया था. उस हमले में 8 लोगों की मौत हो गई थी जबकि श्रीलंका के कई नामी गिरामी खिलाड़ियों को गोलियां लगी थीं. आईसीसी अंपायर भी घायल हो गए थे. इसके बाद उस सीरीज को बीच में ही रोककर मैदान के बीच से हवाई जहाज की मदद से श्रीलंका की टीम की वापसी मुमकिन हुई थी. उस घटना के बाद से ही पाकिस्तान में क्रिकेट की असमय मौत हो गई थी.



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सीरीज को लेकर क्या बोले वर्ल्ड 11 के दिग्गज

पिछले 8 साल में कुछ मौके ऐसे आए जब लगा कि पाकिस्तान में क्रिकेट बहाल हो जाएगा लेकिन पाकिस्तान की सरकार खिलाड़ियों को सुरक्षा की गारंटी देने में नाकाम रही. इसके बाद तमाम बोर्ड ने पाकिस्तान में अपनी टीम भेजने से मना कर दिया. इस सीरीज से पहले फाफ ड्यूप्लेसी ने कहाकि आज से कई साल बाद वो इस बात को याद करेंगे कि पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी कराने में उन्होंने अपना रोल निभाया था.


वर्ल्ड इलेवन के कोच एंडी फ्लॉवर ने भी कुछ ऐसी ही बात कही. उन्होंने कहाकि लंबे समय के बाद पाकिस्तान के क्रिकेट फैंस और अपने मैदानों में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को देखने का मौका मिलेगा. 2009 में श्रीलंका की टीम पर हुए हमले के बाद 2015 में जिम्बाब्वे की टीम को छोड़ दिया जाए तो किसी भी टॉप टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है. एंडी फ्लॉवर ने ये भी कहाकि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सभी टीमों के नामी गिरामी खिलाड़ी पाकिस्तान दौरे से अच्छी यादें लेकर वापस जाएंगे. बताया जा रहा है कि इस सीरीज के लिए स्टेडियम और टीम होटल को मिलाकर करीब 9000 सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है.


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कितनी अहम हो सकती है ये सीरीज


पाकिस्तान के लिए ये सीरीज बहुत अहम है. पिछले 8 साल से पाकिस्तान में अच्छी क्रिकेट ना खेले जाने का नतीजा सभी के सामने है. पाकिस्तान की टीम का प्रदर्शन बेहद औसत रहा है. हाल के दिनों में वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टेस्ट सीरीज को छोड़ दिया जाए तो बड़ी टीमों के खिलाफ उसे हार का सामना ही करना पड़ा है. आईसीसी रैंकिग्स में टी-20 में पाकिस्तान की तीसरी रैंकिग्स को छोड़ दिया जाए टेस्ट और वनडे रैंकिंग्स में फिलहाल पाकिस्तान की टीम छठे नंबर पर है.


बड़ी टीमों की मेजबानी ना मिलने की वजह खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा कम हुई है. ‘किलर इंस्टिंक्ट’ का अभाव अब पाकिस्तान की टीम में साफ दिखाई देता है जो कभी उसकी सबसे बड़ी ताकत माना जाता था. लाहौर, कराची, रावलपिंडी, मुल्तान जैसे मैदानों में मैच का आयोजन हुए लंबा अरसा बीत जाता है. इससे क्रिकेट को प्यार करने वाले पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट फैंस को जो मायूसी हुई है वो भी समझना जरूरी है.



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ऐसे में भले ही वर्ल्ड इलेवन का दौरा छोटा सा हो लेकिन ये छोटा सा दौरा बड़े काम कर सकता है. अगर पाकिस्तान वर्ल्ड इलेवन की अच्छी मेजबानी करता है, सुरक्षा के लिहाज से खिलाड़ियों को किसी तरह की तकलीफ नहीं होती है, मैदान भरे हुए दिखाई देते हैं, अच्छी क्रिकेट खेली जाती है तो निश्चित तौर पर इस सीरीज का बड़ा फायदा पाकिस्तान को मिल सकता है. बशर्ते पाकिस्तान की सरकार और वहां का क्रिकेट बोर्ड विवादों से निकलकर क्रिकेट की जीत चाहता हो.