क्या यूपी में भी लागू होगा मोदी मॉडल? मोदी मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल के बाद योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा तेज हो गई है. यूपी में आठ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले कुछ नए चेहरों को मंत्री बनाए जाने की तैयारी है. पीएम मोदी ने इस बार कई नामी गिरामी मंत्रियों को बाहर कर दिया है. रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर और हर्षवर्धन जैसे बड़े मंत्रियों की छुट्टी हो गई. कहा जा रहा है कि काम काज के आधार पर इन्हें हटाया गया है. जानकारी मिल रही है कि योगी सरकार में जिन मंत्रियों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है, उनकी कुर्सी जा सकती है. थावरचंद गहलोत को उनकी बढ़ती उम्र के कारण मोदी ने गवर्नर बना दिया. योगी मंत्रिमंडल में कई ऐसे बुजुर्ग चेहरे हैं, जिनको इस आधार पर बाहर किया जा सकता है.


अगर यूपी में भी दिल्ली वाला मोदी मॉडल लागू हुआ तो फिर योगी के कई मंत्रियों पर भी तलवार चल सकती है. साथ ही अब तक जिस जाति बिरादरी और इलाक़े के लोग योगी मंत्रिमंडल में छूट गए हैं, उन्हें आख़िरी समय में लाल बत्ती मिल सकती है. सब कुछ अगले विधानसभा के लिहाज़ से ही किया जाएगा. पिछड़े और दलित समुदाय के चेहरों पर ख़ास नज़र होगी. मोदी युग में बीजेपी ने ग़ैर यादव पिछड़ों और ग़ैर जाटव दलितों को अपने साथ जोड़ कर अपराजेय वोट बैंक बना लिया है. अगड़ी जाति के लोग पहले से पार्टी से जुड़े हैं. वो दौर गया जब बीजेपी को ब्राह्मण और बनियों की पार्टी कहा जाता था.


नियमों के मुताबिक़, यूपी मंत्रिमंडल में 60 सदस्य हो सकते हैं. जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जोड़ कर अभी 53 हैं. इनमें 23 कैबिनेट, 9 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के और 21 राज्य मंत्री हैं. इस तरह अभी सात मंत्रियों की जगह ख़ाली है. कहा जा रहा है कि हाल में ख़ाली हुए विधान परिषद की चार सीटें भरने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. राष्ट्रीय निषाद पार्टी के संजय निषाद को एमएलसी बनाने की चर्चा है. उनके बेटे और संतकबीरनगर से बीजेपी सांसद प्रवीण निषाद को मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. इसीलिए हो सकता है जातिगत समीकरण साधने के लिए संजय निषाद की लॉटरी निकल जाये.


लखीमपुर खीरी से बीजेपी सांसद अजय मिश्र टेनी केंद्र में राज्य मंत्री बन गए है. तो क्या पड़ोस के ज़िले शाहजहॉंपुर के जितिन प्रसाद को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है ? इस पर सबकी नज़र होगी? जितिन हाल में ही कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. सत्तर साल से अधिक उम्र के मंत्रियों मुकुट बिहारी वर्मा, चौधरी लक्ष्मी नारायण, उदयभान सिंह और चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय बाहर किए जा सकते हैं. विवादों में रहे कुछ मंत्रियों की भी छुट्टी हो सकती है. कमला रानी वरूण यूपी की इकलौती कैबिनेट मंत्री थीं. कोरोना से उनका निधन हो गया.


मोदी मंत्रिमंडल के ताज़ा विस्तार में महिलाओं को भरपूर जगह मिली है. पहले 6 मंत्री थे, अब महिला मंत्रियों की संख्या बढ़ कर 12 हो गई है. इस बात की चर्चा है कि योगी सरकार में भी एक दो महिला मंत्री बनाई जा सकती हैं. मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से इस बार सात चेहरे शामिल किए गए हैं .. लेकिन गुर्जर समाज के किसी नेता को इसमें जगह नहीं मिली. योगी सरकार में इस बिरादरी के एक मंत्री हैं. इस बात की संभावना है कि इस बिरादरी से किसी नेता को योगी सरकार में मंत्री बना दिया जाए. कुल मिला कर रणनीति ऐसी है कि योगी मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार से अगला चुनाव आसानी से पार हो जाए.


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