दिल्ली के बुराड़ी में पांच मंजिला इमारत ढहने से जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के मेल-जोल और भ्रष्टाचार उजागर
![दिल्ली के बुराड़ी में पांच मंजिला इमारत ढहने से जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के मेल-जोल और भ्रष्टाचार उजागर Building collapse in Delhi Burari shows corruption in our system opines Gopal Jha दिल्ली के बुराड़ी में पांच मंजिला इमारत ढहने से जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के मेल-जोल और भ्रष्टाचार उजागर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/01/29/08126f145d4ae4d50dd24a543f6cadaa1738144699197120_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बुराड़ी स्थित कौशिक एन्क्लेव में एक पांच मंजिला इमारत भरभरा कर ढह गई. बुराड़ी का ये हादसा सीधे तौर पर भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा है. बुराड़ी के जीते हुए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के तालमेल का महज ये एक शुरूआती रुझान भर है. एक क्षेत्र जहां बुनियादी सुविधा न हो, जिस बुराड़ी में दलदली जमीन हो, 12 फीट नीचे पानी हो. वहां पर बिना भूकंप निरोधक पिल्लर, पांच मंजिला इमारत अवैध रूप से तैयार हो रहे हैं.
वहां के स्थानीय निगम पार्षद, विधायक, सांसद और अधिकारीगण पर अंकुश ना हो उनका, तो ऐसी स्थिति काफी दुखद है. बुराड़ी में जिस तरह से ऐसे हादसे की शुरुआत हुई है, ऐसे करीब 20 हजार से अधिक फ्लैट है, जिनमें कभी भी अगर भूकंप बड़ा होगा तो करीब पचास हजार की एक साथ जान जा सकती है. इसकी वजह ये है कि बुराड़ी क्षेत्र भूकंप जोन-1 में आता है.
कोई देखभाल करने वाला नहीं है. यहां पर कोई मकान एक मंजिल बनता है तो अगर उसने पैसे नहीं दिए तो उसे तोड़ दिया जाता है. लेकिन, घटिया पदार्थ के साथ एक-दो नहीं बल्कि पांच मंजिला इमारत लोग बिना स्वीकृति के अवैध तरीके से बना रहे हैं और उस पर संज्ञान लेने वाला नहीं है.
दोषियों पर हो एक्शन
बुराड़ी हादसा न सिर्फ दुखद बल्कि निंदनीय भी है. गृह मंत्री अमित शाह ने ये मांग करते हैं कि वे उच्चस्तरीय इस घटना की जांच करें और जो दोषी हो उस पर सख्त कार्रवाई हो. पीड़ित परिवार को आवश्यक मुआवजा त्वरित रुप से दिया जाना चाहिए और जो बाकी मकान है, उनकी गुणवत्ता का जांच कर के तुरंत खाली करवाया जाए. ऐसे दोषी बिल्डरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो तभी ये आगे सही संदेश जा पाएगा.
दरअसल, बुराड़ी के विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है. ट्रैफिक जाम यहां की एक बड़ी समस्या है. एक कम्युनिटी सेंटर तक नहीं है, न ही फायर स्टेशन है. अस्पताल को बना दिया गया, लेकिन व्यवस्था अच्छी नहीं है.
बच्चों के खेलने के लिए एक पार्क तक ही सुविधा नहीं है. हमेशा हाईटेंशन की लटकती तार मौत को दावत देती रहती है. जितनी सरकारी जमीन सभी लोग बेच गए हैं, ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों की जान कैसे बचेगी ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है. ऐसी उम्मीद करता हूं कि इस क्षेत्र में आगे से कोई ऐसी घटना नहीं होगी.
जहां तक बुराड़ी हादसे के लिए जिम्मेदार बताने की बात है तो नगर निगम के अधिकारी इसके दायरे में आते हैं. हालांकि, कोई भी यहां पर कोई भी जनप्रतनिधि अछूते नहीं है, जिनके संज्ञान के बिना ये सब चल रहा हो.
बुराड़ी हादसे से सवाल
सबसे पहले तो शहरी विकास मंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल को बुराड़ी की घटना पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि मुख्यमंत्री तो अभी दिल्ली में कोई है ही नहीं. विधानसभा का चुनाव चल रहा है. इस बारे में मुख्य सचिव को भी बताया जाएगा. इसके अलावे, जो भी संबंधित मीडियाकर्मी हैं, वे भी इस विषय को ज्यादा तत्परता के साथ दिखाएं.
दरअसल, ऐसे हादसों पर रोक तभी लगेगी जब जनता जागरूक होगी. अगर जनता जागरुक नहीं हुई तो ये सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा. लोग जनता को जगाना मेरा काम है. मैं जनता को जागरूक करूंगा और नहीं होगा तो जो नहीं करेंगे उनको झुकाने के लिए जनता का साथ लेकर उनको झुकाऊंगा और करना पड़ेगा.
[नोट- ये ओपिनियन दिल्ली बीजेपी के पूर्व विधायक प्रत्याशी गोपाल झा से टेलीफोन पर बातचीत पर आधारित है. उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]
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