Opinion: बुराड़ी में मौत के कुएं हो रहे तैयार, बिल्डिंग ढहने की घटना एजेंसियों की विफलता

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम को पांच मंजिला इमारत ढह गई. इस घटना में जहां तीन लोगों की मौत हो गई तो वहीं डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए. ये बेहद दुखद घटना थी और ये पूरी तरह उन एजेंसियों की विफलता, जिनकी रेगुलेशन की जिम्मेदारी है. हमारी तरफ से लगातार इस बात की शिकायत की जा रही है कि ये बिल्डिंग नहीं, मौत का कुआं तैयार किया जा रहा है और आज वो साबित भी हुआ.
जिस तरह से पांच मंजिला इमारत ध्वस्त हो गई. वो बिल्डिंग पूरी तरह से तैयार हो गई थी और उसमें इंटीरियर का काम चल रहा था. इसके अलावा, अगल-बगल में काम करने वाले मजदूर उसमें रह भी रहे थे. इसमें से करीब 18 लोगों को बचाकर निकाला गया है. तीन की मौत की पुष्टि हो गई तो वहीं कुछ लोगों में मामूली चोंटे आयी थी.
अभी भी NDRF का काम चल रहा है और ऐसी उम्मीद है कि ऐसी खबर और न सुननी पड़े. मैं भगवान से यही प्रार्थना और कामना दोनों करता हूं. लेकिन मुझे लगता है कि ये डीडीपी DDA के अंतर्गत आता था और हमेशा से ही डीडीए ने कोई जिम्मेदारी ही नहीं ली है.
ये है एजेंसी की विफलता
चाहें DDA हो या इसको देखने के लिए पुलिस हो या MCD हो. MCD से बात हुई तो उसका ये कहना है कि हमें डीडीए की तरफ से रेगुलेट किया जाता है. ऐसी स्थिति में ये तो पूरी तरह से एजेंसी की विफलता है. इस घटना में न तो बिल्डर को बक्शा जाना चाहिए और न ही एजेंसी के अफसर को छोड़ा जाना चाहिए, जिनकी अनदेखी और लापरवाही के चलते इतना बड़ा हादसा हुआ.
सोमवार को जब ये घटना हुई, उसके फौरन बाद मैं वहां पर पहुंचा था. चूंकि में घटना के वक्त उसी इलाके में था, इसलिए जैसे ही खबर मिली, वहां पर 10 मिनट के अंदर पहुंच गया. अगर उसे समय पर मैं नहीं पहुंचा होता तो हो सकता है कि और बड़ा हादसा होता, क्योंकि हमारे कार्यकर्ताओं ने चार लोगों को रेस्क्यू किया, जब तक पुलिस और एनडीआरएफ की टीम वहां पर नहीं पहुंची थी.
ऐसा मुझे लगता है कि सरकार के नाते हमने अधिकारियों से बात की और अधिकारियों ने कहा कि जिनकी मौत हुई उनके परिजनों को 10 लाख और जो घायल हुए हैं, उन्हें पांच लाख रुपये का मुआवजा देंगे. लेकिन मैं ये मानता हूं कि मुआवजे से वो सारी चीजें वापस तो नहीं हो सकती.
जरूर इससे एक मैसेज हो सकता है कि आपके साथ खड़े हैं, लेकिन मैं ये मानता हूं कि इस तरह की घटना आगे और ना हो. इसकी जिम्मेदारी DDA और MCD दोनों को लेनी पड़ेगी, वरना ये बर्दाश्त तो नहीं किया जाएगा कि वो कितने और मौत के जिम्मेदार बनेंगे.
एमसीडी और डीडीए ले जिम्मेदारी
एमसीडी कमिश्नर से भी बात की थी. हमने DDA के VC से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई. मेरी मांग है कि इसकी एन्क्वायरी के साथ ही बाकी ऐसी बिल्डिंगों को चिन्हित किया जाए. ताकि, इस तरह का हादसा आगे और न हो.
ये घटना दरअसल मिलीभगत का परिणाम है. वो चाहे एमसीडी की मिलीभगत हो या फिर डीडीए या दिल्ली पुलिस की. इसी के चलते बड़े-बड़े हादसे हो रहे हैं. मुझे लगता है कि जो भी सिविक एजेंसी है, जिनके ऊपर इसकी देखरेख की जिम्मेदारी है, उनके ऊपर जब तक सख्ती नहीं की जाएगी, ये चीजें ठीक नहीं होनेवाली है.
चुनाव के तुरंत बाद सरकार बनते ही मैं विधानसभा में इसी बात को रखूंगा कि इस तरह की घटनाएं होती हैं तो दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो. जिससे भ्रष्टाचार के कारण मौत का कुआं से लोगों को राहत मिले. जितनी भी अवैध कॉलोनियां बन रही हैं, अवैध इमारतें बन रही हैं. इससे लोगों को फौरी तौर पर राहत मिल पाए.
अभी राजनीतिक दोषारोपण का समय तो नहीं है. ये वक्त हादसे के परिजानों को सांत्वना देने और काम करने का है. लेकिन यहां पर जहां ये हादसा हुआ, वहां पर पार्षद भी भाजपा के हैं. वो जोन चेयरमैन हैं. जोन चेयरमैन होने के नाते भी सारी रेगुलेटरी पावर जोन चेयरमैन के पास ही होता है. ऐसे में जोन चेयरमैन की जिम्मेदारी है, लेकिन मुझे लगता है कि संसद DDA के मेंबर होते हैं. तो सांसद की भी जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी.
लेकिन मुझे ये लगता है कि आगे अब तो जो हो गया, उसको तो वापस नहीं कह सकते. लेकिन आगे से उम्मीद करता हूं कि जोन चेयरमैन, सांसद और विधायक होने के नाते हमलोग मिलकर इस पर काम करें, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे ना हो. मैं जरूर मानता हूं कि इसमें MCD की बड़ी गलती है. अगर DDA कि जमीन है भी तो अगर वे errection of notice नहीं देते तो तो भी MCD कार्रवाई कर सकती है. ये सभी बातें अभी जांच का विषय है. मैं ये आश्वस्त करता हूं कि जो कोई भी दोषी है उसे बख्शा नहीं जाएगा.
[नोट- ये ओपिनियन आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और बुराड़ी के विधायक संजीव झा से टेलीफोन पर बातचीत पर आधारित है. उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]


ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

