आम तौर पर किसी टेस्ट मैच के दो दिन में सिर्फ 32.5 ओवर का खेल हुआ हो तो उसके ड्रॉ होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. कोलकाता में ऐसा नहीं है. कोलकाता टेस्ट में अब भी तीन दिन का खेल बाकी है. ये भी मान लिया जाए कि तीनों दिन पूरा खेल नहीं हो पाएगा फिर भी अभी इस मैच में रोमांच बाकी है.

टेस्ट मैच में हर दिन 90 ओवर के हिसाब से अभी 270 ओवर का खेल होना बाकी है. मान लेते हैं कि 70 ओवर का खेल और बारिश की भेंट चढ़ जाएगा. बच गए 200 ओवर. यकीन मानिए अगर कोलकाता टेस्ट में अगले तीन दिनों में 200 ओवर का भी खेल हो गया तो मैच में नतीजे के आने की पूरी उम्मीद है. इस मैच में कोई भी पारी 50-60 ओवर से ज्यादा चलने वाली नहीं है.

भारतीय टीम के स्कोरबोर्ड पर नजर डालेंगे तो ये बात और बेहतर तरीके से समझ आएगी. भारतीय टीम ने अब तक 32.5 ओवर में 74 रन बनाए हैं. क्रीज पर चेतेश्वर पुजारा और ऋद्धिमान साहा मौजूद हैं. आधी टीम पवेलियन लौट चुकी है. बस सहारा इन्हीं दोनों बल्लेबाजों का है. हद से हद रवींद्र जडेजा को भी जोड़ लेते हैं. उसके बाद के बल्लेबाजों को निपटाने के लिए 5-7 ओवर काफी हैं. पहले दो दिन की पिच का मिजाज इसी बात का इशारा कर रहा है. बावजूद इसके भारतीय क्रिकेट फैंस को निराश होने की जरूरत बिल्कुल नहीं है. पहली पारी में लड़खड़ाने के बाद भी अभी इस मैच में भारतीय टीम वापसी कर सकती है. बशर्ते उसे कुछ बातों का ध्यान रखना होगा.

इस पिच पर रन बनाना नहीं आसान
कोलकाता में बारिश के बाद पिच फिर से ढकी हुई है. यानी 32.5 ओवर के खेल के दौरान जो पिच थोड़ी बहुत सूखी थी उसे वापस ढक दिया गया है. पिच के दोबारा ढके जाने का मतलब है कि उसमें वापस नमी आएगी. इस पिच पर गेंद जिस तरह सीम और स्विंग हो रही है उसका वही स्वभाव कायम रहेगा. ‘ओवरकास्ट कंडीशन’ में टेस्ट मैच के बाकी तीनों दिन भी बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा.

पहली पारी में केएल राहुल, अजिंक्य रहाणे, शिखर धवन और विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों को किस तरह आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा था, ये सभी ने देखा है. जाहिर है आगे भी बल्लेबाजों का इम्तिहान चलता रहेगा. चेतेश्वर पुजारा की अगुवाई में भारतीय टीम को संयम दिखाना है बस.

क्या होनी चाहिए भारतीय टीम की रणनीति
भारतीय टीम ने अगर पहली पारी में पौने दो सौ रनों का स्कोर जोड़ लिया तो समझ लीजिए कि मैच पर उसकी पकड़ मजबूत है. भूलना नहीं चाहिए कि इस मैच में चौथी पारी अगर होती है तो उसका दबाव श्रीलंका की टीम पर होगा. चौथी पारी में अगर 150 रनों का भी लक्ष्य श्रीलंका के सामने हुआ तो वो 300 रनों से ज्यादा की कीमत रखेगा. उस पर से भुवनेश्वर कुमार भारतीय टीम में शामिल है. यूं तो मोहम्मद सामी और उमेश यादव भी बतौर तेज गेंदबाज प्लेइंग-11 का हिस्सा हैं, लेकिन इस मैच में पिच के हालात भुवनेश्वर कुमार के लिए काफी मुफीद हैं. उनकी गेंदबाजी का सामना करना श्रीलंका के बल्लेबाजों के लिए बहुत मुश्किल होने वाला है. शमी और उमेश के तौर पर उन्हें विकेट के दूसरे छोर से भी पूरा साथ मिलेगा.

टेस्ट मैच की दो कहावतें बड़ी पुरानी हैं जो कोलकाता टेस्ट पर लागू होती हैं. पहली की बल्लेबाज मैच बचाते हैं और गेंदबाज मैच जीताते हैं. कोलकाता में बिल्कुल यही होने वाला है. इसके अलावा टेस्ट मैच में जीत उस टीम की होती है जो सेशन दर सेशन अच्छा प्रदर्शन करता है. जो टीम ज्यादा सेशन जीतती है मैच का नतीजा भी उसी के पक्ष में जाता है.

भारतीय टीम को सिर्फ एक सेशन अच्छी तरह से बल्लेबाजी करनी है. कोलकाता टेस्ट के तीसरे दिन अगर भारतीय टीम पहला सेशन अच्छी तरह निकाल लेती है तो चौंकिएगा नहीं इस टेस्ट मैच में नतीजा भी निकल सकता है और भारत के पक्ष में भी मैच जा सकता है.