इस सवाल का जवाब है- हां. ऐसा नहीं कि विराट कोहली हार्दिक पांड्या के साथ कोई ज्यादती करेंगे. दरअसल, ये कहानी अलग है. ये कहानी है जीत के लिए विराट कोहली की भूख की, ऐसी भूख जिसे पूरा करने के लिए विराट कोई भी फैसला करते हैं. फिर वो ये नहीं देखते कि कौन उनका दोस्त है और कौन नहीं. वो अपने बहुत सगे खिलाड़ियों को भी प्लेइंग-11 से बाहर बिठाने का कठिन फैसला ले लेते हैं.
वो संदेश देते हैं कि टीम में शामिल हर खिलाड़ी उनके लिए एक जैसा है. प्लेइंग-11 चुनते वक्त उनके दिमाग में किसी के लिए कोई ‘पॉजिटिव’ या ‘निगेटिव’ विचार नहीं होते. वो बस मौके की नजाकत को समझते हैं और फैसला लेते हैं. पाकिस्तान के खिलाफ एजबेस्टन मैच में उन्होंने टीम इंडिया के सबसे अनुभवी स्पिनर आर अश्विर को ही बाहर बिठा दिया.
आर अश्विन के बदले उन्होंने जिस खिलाड़ी को प्लेइंग-11 का हिस्सा बनाया उसका नाम है- हार्दिक पांड्या. मैच की शुरूआत से लेकर जब तक हार्दिक पांड्या बल्लेबाजी करने नहीं आए तब तक ये चर्चा का विषय रहा कि चार तेज गेंदबाजों को खिलाने की जरूरत थी या नहीं. अगर विराट तीन नियमित तेज गेंदबाजों के साथ दो स्पिनर को लेकर मैदान में उतरते तो वो बेहतर विकल्प होता. इन कयासों को भारत की पारी के 46.2 ओवर पूरा होने के तुरंत बाद विराट कोहली ने खत्म कर दिया. हार्दिक पांड्या इस मैच में विराट कोहली के लिए तुरूप का इक्का साबित हुए.
रंग लाया हार्दिक पांड्या को प्लेइंग 11 में रखने का प्लान
युवराज सिंह के आउट होने के बाद मैच में 10 गेंद फेंकी जानी बाकि थी. बल्लेबाजी क्रम के मुताबिक धोनी को क्रीज पर आना चाहिए था लेकिन हार्दिक पांड्या आए. उन्होंने 8 गेंद पर 20 रन बनाए. आखिरी ओवर में लगातार तीन छक्के जड़े. उनकी इस धुआंधार पारी की बदौलत भारतीय टीम का स्कोर 319 रन पहुंच गया.
जब आप अंतर्राष्ट्रीय मैच में लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं, तो 299 और 301 रन में भी फर्क पड़ता है. यूं तो ये सिर्फ दो रन का फर्क है, लेकिन इससे फर्क पड़ता है लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम के खिलाड़ियों के दिमाग पर. एक लक्ष्य तीन सौ के भीतर है, दूसरा तीन सौ के पार. इसका मनोवैज्ञानिक पक्ष खिलाड़ी बता सकते हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ मैच में भी यही हुआ. हार्दिक पांड्या ने तीन सौ के पार नहीं बल्कि स्कोर को सवा तीन सौ के करीब पहुंचा दिया. इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया. उन्होंने 2 विकेट लिए. पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर में कप्तान सरफराज अहमद और इमाद वसीम को पवेलियन भेजने का काम उन्होंने ही किया. पाकिस्तान की तरफ से इकलौता अर्धशतक लगाने वाले अजहर अली को आउट करने में भी हार्दिक पांड्या का रोल रहा. उन्होंने ही रवींद्र जडेजा की गेंद पर अजहर अली का कैच लपका.
सौजन्य: ICC (TWITTER)
विराट कोहली ने बाद में किया अपने प्लान का खुलासा
विराट कोहली ने मैच में शानदार जीत दर्ज करने के बाद अपने प्लान का खुलासा कर भी दिया. उन्होंने बताया कि प्लेइंग-11 चुनते वक्त उनके दिमाग में बर्मिंघम के मौसम के साथ-साथ इस बात का भी हिसाब था कि पाकिस्तान की टीम में ज्यादातर दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. पिच का मिजाज संकेत दे रहा था कि स्पिनर्स को बहुत ज्यादा मदद मिलने वाली नहीं है इसीलिए उन्होंने अश्विन को प्लेइंग-11 से बाहर रखने का फैसला किया.
हार्दिक पांड्या को प्लेइंग-11 में शामिल करने का मतलब है कि बड़े शॉट्स लगाने वाले एक बल्लेबाज का होना जो 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी भी करता है. जाहिर है पांड्या की जरूरत ज्यादा थी वो बल्लेबाजी में ‘डेप्थ’ देने के साथ-साथ गेंदबाजी में भी काम आएंगे.
जरा सोच कर देखिए इसके लिए विराट कोहली ने मोहम्मद शमी तक को बाहर बिठा दिया. जो खुद एक शानदार गेंदबाज हैं. इसके पीछे की सोच बिल्कुल साफ है, जिस पिच और मैदान की जैसी जरूरत होगी वैसे खिलाड़ी प्लेइंग-11 का हिस्सा होंगे. विराट कोहली इसके पहले टेस्ट सीरीज के दौरान भुवनेश्वर कुमार को भी शानदार प्रदर्शन के बाद प्लेइंग-11 से बाहर बिठा चुके हैं.
उन्होंने खिलाड़ियों के दिमाग में ये बात अच्छी तरह बिठा दी है कि सबसे पहले टीम की जीत है उसके बाद व्यक्तिगत उपबल्धियां. अब अगर आने वाले किसी मैच में वो हार्दिक पांड्या को भी प्लेइंग-11 से बाहर बिठा दें तो चौंकिएगा नहीं.