अगर नहीं बने रन तो कैसे कायम रहेगा गब्बर की मूंछों का ताव
शिखर धवन को लेकर विराट कोहली की चिंता बढ़ रही है. आज दूसरे वनडे में शिखर की फॉर्म पर सभी की निगाहें.
आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया को दूसरा वनडे मैच खेलना है. पिछले मैच में जीत के साथ टीम इंडिया 1-0 की बढ़त ले चुकी है. दोनों टीमों के प्रदर्शन का फर्क देखकर ये कहना भी गलत नहीं है कि ये सीरीज टीम इंडिया के खाते में ही आएगी. बावजूद इसके कुछ बातें चिंता की हैं. चिंता इसलिए क्योंकि अब टीम इंडिया जो भी वनडे मैच खेलेगी उसे 2019 विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से देखा जाएगा. टीम के कॉम्बिनेशन से लेकर रणनीति तक सबकुछ 2019 विश्व कप को दिमाग में रखकर ही बनाया जाएगा. इन तैयारियों में एक खिलाड़ी विराट कोहली की चिंता बढ़ा रहा है. वो खिलाड़ी कोई और नहीं, उन्हीं की दिल्ली के सीनियर बल्लेबाज शिखर धवन हैं. शिखर के फॉर्म में ‘अप’-‘डाउन’ इतनी जल्दी जल्दी आ रहा है कि उनकी बल्लेबाजी पर भरोसा कम होने लगा है. मैदान में वो अपनी मूंछों पर ताव देते तो अच्छे लगते हैं लेकिन अक्सर जल्दी आउट होकर जब वो पवेलियन लौटते हैं तो वो तस्वीरें किसी को अच्छी नहीं लगतीं. टी-20 मैच में वो जल्दी आउट हुए थे. वनडे में भी उनकी शुरूआत खराब रही है. पहले वनडे मैच में शिखर धवन बगैर खाता खोले ही पवेलियन लौट गए थे.
न्यूज़ीलैंड में शानदार शुरूआत के बाद पटरी से उतरे
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में शिखर धवन ने शानदार शुरूआत की थी. पहले दोनों वनडे मैचों में उन्होंने अर्धशतक लगाया. पहले वनडे में नॉट आउट 75 और दूसरे में 66 रनों की पारी खेली. लेकिन इसके बाद अगले तीन वनडे मैचों में उनका बल्ला फ्लॉप रहा. अगले तीन वनडे मैचों में उनका स्कोर रहा- 28, 13 और 6 रन. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में तीन वनडे मैचों की सीरीज में भी उनके बल्ले से रन नहीं निकले थे. तीन वनडे मैचों की सीरीज 0, 32 और 23 रन बनाए थे. पिछले 12 महीने के वनडे मैचों की बात कर लें तो शिखर धवन के औसत में भी करीब 6 रन की गिरावट आई है. पिछले बारह महीने में जो दो वनडे शतक उन्होंने लगाए हैं उसमें से एक हॉंगकॉंग के खिलाफ है. इस सीरीज में शिखर धवन के लिए रन बनाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ये मुकाबले भारतीय पिचों पर खेले जा रहे हैं. तेज या उछाल भरी विकेट पर रन ना बनें तो बात फिर भी पच जाती है लेकिन भारत की परंपरागत ‘फ्लैट’ विकेटों पर अगर शिखर नहीं चले तो उनके लिए आने वाला समय मुश्किल भरा होगा.
केएल राहुल का विकल्प है मौजूद
यूं तो शिखर धवन और रोहित शर्मा की सलामी जोड़ी बिल्कुल फिट है. उसे छेड़ने की जरूरत नहीं है. मौजूदा स्कीम में जब विराट कोहली अपनी प्लेइंग 11 बनाते हैं तो सबसे पहले शायद इन्हीं दो खिलाड़ियों का नाम लिखते होंगे. लेकिन ये व्यवस्था कायम रहे इसके लिए जरूरी है कि शिखर धवन अपनी फॉर्म में वापस लौटें. अपनी बल्लेबाजी से टीम मैनेजमेंट का भरोसा जीतें. भूलना नहीं चाहिए कि केएल राहुल के तौर पर टीम में एक ‘रिसर्व’ ओपनर मौजूद है. महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी को लेकर लगे प्रतिबंध के बाद वो टीम में वापस लौट चुके हैं.
टी-20 सीरीज के दोनों मैचों में उन्होंने शानदार बल्लेबाजी की. पहले टी-20 में केएल राहुल ने 36 गेंद पर 50 रनों की शानदार पारी खेली थी. दूसरे टी-20 मैच में भी उन्होंने 26 गेंद पर धुआंधार 47 रन बनाए थे. बड़ी बात ये भी है कि केएल राहुल कप्तान विराट कोहली के चहेते खिलाड़ियों में से एक हैं. उन्हें बीच बीच में मौका देने की वकालत कई लोगों ने की है. अगर वो हाथ आए मौकों पर इसी तरह रन बनाते हैं और शिखर की फॉर्म नहीं सुधरती तो कहानी पलट सकती है. इन परिस्थितियों के मद्देनजर शिखर धवन के पास सिर्फ और सिर्फ एक रास्ता बचता है- नेट्स में पसीना बहाकर अपनी गलतियों को दूर करें. वरना वर्ल्ड कप का उनका कन्फर्म टिकट कहीं आरएसी यानि ‘रिजर्वेशन अगेन्स्ट कैंसिलेशन’ में ना बदल जाए.