Opinion: सामूहिक नकल का रूप है भेड़ियाधसान

आखरी कलाम’ पढ़ते समय एक शब्‍द पर अटक गया. यह था- भेडि़याधसान. सर्वात्‍मन और बिल्‍लेश्‍वर आचार्य जी को लेकर कार से फैजाबाद जा रहे हैं. जिस सड़क से गुजरते हैं, वह कारसेवकों से भरी है. लोगों की

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